हाथरस गैंगरेप पर राजनीति:सपा के 5 नेताओं को पीड़ित के परिवार से मिलने की इजाजत, रालोद उपाध्यक्ष भी परिजन से मिले; सपा-रालोद कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज

एसपी देव रंजन वर्मा ने बताया कि पीड़ित परिजनों को न्याय दिलाने के लिए एएसपी अरविंद मिश्रा के नेतृत्व में सर्विलांस टीम, स्वाट टीम व तीन सर्किल के सीओ को लगाया गया है। 4 संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। जबकि अबतक 2 नामजद सहित 4 को जेल भेजा का चुका है।

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उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप पीड़ित का गांव बूलगढ़ी सियासी पार्टियों के लिए अखाड़ा बन चुका है। रविवार को समाजवादी पार्टी का 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बूलगढ़ी गांव पहुंचा। पुलिस ने सपा कार्यकर्ताओं को गांव के बाहर ही बैरिकेड लगाकर रोक दिया गया। सपा नेता और पुलिस आमने-सामने आ गए। बातचीत के बाद पुलिस ने दो पूर्व सांसदों धर्मेंद्र यादव, रामजी लाल सुमन समेत 5 लोगों को पीड़ित के परिवार से मिलने की इजाजत दी।

वहीं, राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। रालोद और सपा कार्यकर्ताओं के हंगामा करने पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। वहीं, भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद भी ससनी (हाथरस का कस्बा) से बूलगढ़ी गांव के लिए पैदल निकले हैं। ससनी में पुलिस ने उनके काफिले को रोक दिया था। इसके बाद वे और उनके समर्थक आगरा-अलीगढ़ हाईवे से होते हुए बूलगढ़ी के लिए निकले।

बसपा सुप्रीमो का ट्वीट

एसआईटी पिता का बयान लेने पहुंची गांव
योगी सरकार की तरफ से गठित एसआईटी पीड़ित परिवार का बयान दर्ज करने के लिए बूलगढ़ी पहुंचे। टीम की अगुआई कर रहे गृह सचिव भगवान स्वरूप 7 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेंगे। अभी तक पीड़ित की मां, भाई के बयान दर्ज हो चुके हैं। शनिवार रात करीब 10 बजे एसआईटी परिवार के बीच जांच के लिए पहुंची थी, लेकिन पिता की तबीयत ठीक नहीं होने के कारण बयान दर्ज नहीं हो सके थे।

एसपी जायसवाल घटनास्थल पर पहुंचे और अफसरों से जानकारी ली।
एसपी जायसवाल घटनास्थल पर पहुंचे और अफसरों से जानकारी ली।

क्राइम सीन पर पहुंचे नए एसपी
एसपी विनीत जायसवाल ने सुबह घटनास्थल पर क्राइम सीन क्रिएट किया। इसके बाद पीड़ित के गांव पहुंचे। विनीत आज पहली बार बूलगढ़ी गांव आए। मामले में लापरवाही बरते जाने पर एसपी विक्रांत वीर को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा, डीएसपी और अन्य पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की गई थी। इधर, पीड़िता के गांव के बाहर सपा कार्यकर्ताओं का जमावड़ा शुरू हो गया है। यहां प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार से मुलाकात करेगा।

सीबीआई जांच की सिफारिश की, परिजन बोले- हमें न्यायिक जांच चाहिए
सियासी संग्राम के बीच योगी सरकार ने शनिवार को हाथरस गैंगरेप मामले की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए, लेकिन पीड़ित परिवार इस पर संतुष्ट नहीं है। पीड़ित के भाई ने कहा कि हम चाहते थे कि सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में मामले की जांच की जाए। सरकार केवल अपनी कर रही है। अभी तक की जांच से हमें संतुष्टि नहीं है। हमें हमारे सवालों के जवाब चाहिए। जिसकी बॉडी जलाई गई थी, वह किसकी थी? अगर वह शव मेरी बहन का था तो रात में इस तरह क्यों जलाया गया? डीएम ने हमारे साथ बदसलूकी क्यों की?

राहुल-प्रियंका ने शनिवार की शाम परिवार से मुलाकात की थी।
राहुल-प्रियंका ने शनिवार की शाम परिवार से मुलाकात की थी।

दूसरी कोशिश में राहुल-प्रियंका की पीड़ित परिवार से हुई मुलाकात
शनिवार शाम राहुल और प्रियंका गांधी ने पीड़ित परिवार से करीब 50 मिनट तक बंद कमरे में मुलाकात की थी। इसके बाद राहुल ने कहा कि हम परिवार के साथ खड़े हैं। प्रियंका गांधी का कहना था कि जब तक इस परिवार को न्याय नहीं मिलता, हमें ना वो (यूपी सरकार) रोक सकते हैं और ना हम रुकेंगे। 1 अक्टूबर को भी राहुल-प्रियंका हाथरस के लिए निकले थे, लेकिन ग्रेटर नोएडा में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। दोनों को 4 घंटे बाद छोड़ा गया।

क्या है पूरा मामला?
हाथरस जिले के चंदपा इलाके के बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की लड़की से गैंगरेप किया था। आरोपियों ने लड़की की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट दी थी। दिल्ली में इलाज के दौरान पीड़ित की मौत हो गई। चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था।

बलरामपुर गैंगरेप केस:छात्रा की पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट सामने आई; शरीर पर 10 जगह चोट के निशान मिले, हैवानियत के समय आरोपियों ने कड़ी यातनाएं दीं

बलरामपुर के गैसड़ी क्षेत्र में हुई दरिंदगी की शिकार छात्रा की पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट सार्वजनिक हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक छात्रा से एक से अधिक लोगों ने रेप किया। मृतका के शरीर पर 10 बाहरी चोट के निशान थे।

घटना 29 सितम्बर की है। छात्रा बीकाॅम थर्ड ईयर में एडमिशन कराकर दोपहर के समय अपने घर आ रही थी। कॉलेज के पास से आरोपी उसे उठाकर एक किराने की दुकान के पिछले हिस्से में बने कमरे में ले गए और गैंगरेप किया। आरोपियों ने छात्रा से मारपीट भी की, जिससे उसके लीवर और आंत में गम्भीर चोटें आई थी।

घटना के बाद आरोपियों ने उसे एक रिक्शे से उसके घर तक भी पहुंचाया था। पीड़िता की हालत बिगड़ने पर उसे तुलसीपुर अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में ही उसकी मौत हो गई थी।

मृतका के शरीर पर मिले हैवानियत के निशान

छात्रा केे शव पर डॉक्टरों की जांच के दौरान कुल 10 बाहरी चोटें मिली, जिसका पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जिक्र भी किया गया है। कुछ चोटें उसके गाल, कोहनी और कमर से निचले हिस्से पर थी। जानकार बताते हैं ऐसी चोट तब आती है, जब कोई ऐसी घटनाओं में पुरजोर तरीके से विरोध करता है।

राज्य महिला आयोग ने डीएम और एसपी से मांगा जवाब

पुलिस ने अब तक दो नामजद आरोपियों सहित 4 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इसमें मृतका के हाथ में वीगो लगाने वाला कंपाउंडर व रिक्शा चालक शामिल है। मामले में राज्य महिला आयोग ने भी संज्ञान लेकर जिले के डीएम व एसपी से जवाब तलब किया है। घटना से जुड़े सभी तथ्यों को शामिल करते हुए रिपोर्ट फाइल करने की बात कही गई है।

एसपी देव रंजन वर्मा ने बताया कि पीड़ित परिजनों को न्याय दिलाने के लिए एएसपी अरविंद मिश्रा के नेतृत्व में सर्विलांस टीम, स्वाट टीम व तीन सर्किल के सीओ को लगाया गया है। 4 संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। जबकि अबतक 2 नामजद सहित 4 को जेल भेजा का चुका है।

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