कृषि कानूनों पर प्रकाश सिंह बादल बोले- टकराव देश के लिए खतरनाक, आम सहमति बनाएं

देश के सबसे वयोवृद्ध नेताओं में शामिल प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि केंद्र सरकार को कृषि कानूनों पर टकराव का रास्ता छोड़ आम सहमति का रास्ता अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर वह राज्यपाल होते तो प्रदर्शनकारियों के पास नंगे पैर जाकर मिलते।

चंडीगढ़। कृषि कानूनों को लेकर पंजाब में सियासत पूरी तरह से गरमाई हुई है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी व अकाली दल अपने-अपने स्तर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, वीरवार को चंडीगढ़ में दाखिल हो रहे अकाली कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस पर शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने नाराजगी जताई। कहा संवेदनशील मुद्दों पर टकराव के बजाय आम सहमति व रचनात्मक सहयोग की नीति अपनाएं। अंतर्विरोधों के चलते देश की छवि धूमिल नहीं होनी चाहिए। अकाली दल की किसान रैली की सफलता संकटग्रस्त किसानों के समर्थन में उभरी अकाली लहर की झलक थी।

अकाली वर्करों व किसानों के खिलाफ धक्केशाही पर उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों के विचार व मांगों में कुछ भी गैर संवैधानिक या गलत नहींं है। अगर मैं राज्यपाल होता तो नंगे पैर चलकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने वालों से मिलता।

केंद्र सरकार को देश के संघीय ढांचे की याद दिलवाते हुए कहा कि सरकार को आम सहमति का सिद्धांत अपनाने की जरूरत है। कोई भी टकराव अगर हिंसक हो जाए तो वह देश के लिए खतरनाक व नुकसानदेह हो सकता है। सहकारी संघवाद के साथ लोकतांत्रिक विरोध भी हमारी व्यवस्था की सच्चाई है। सिर्फ लोकतांत्रिक व संघीय सोच ही हमें विश्व स्तर पर राजनीतिक, आर्थिक व नैतिक श्रेष्ठता दिला सकती है।

मान की कैप्टन, सुखबीर को खुली बहस की चुनौती

वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने कहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और बादलों की जोड़ी बताएं कि उन्होंने पंजाब की भलाई के लिए क्या किया है? इसके साथ ही उन्होंने इन नेताओं को उनसे खुली बहस की भी चुनौती दी है। मान यहां प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी पंजाब के किसानों के हितों की चौकीदारी के लिए पंजाब में रोड शौ करेंगे। राहुल गांधी किस मुंह के साथ पंजाब में रोड शौ निकालेंगे, क्योंकि जब संसद में कृषि बिलों को लेकर बहस हो रही थी, उस समय राहुल संसद से ही गैर हाजिर थे। यही नहीं विधान सभा में पंजाब सरकार ने कृषि अध्यादेशों को रद करने के लिए एक प्रस्ताव तो पास किया लेकिन इसे 14 दिन तक केंद्र को नही भेजा। इससे कैप्टन की नीयत पर सवाल उठते हैं।

एसएडी का मतलब सुखबीर अकाली दल बताते हुए भगवंत मान ने कहा कि आज जो बादल परिवार अपने आप को किसान और पंजाब हितैषी साबित करने के लिए सड़कों पर ट्रैक्टर रैलियां कर रहा है, वह कैबिनेट मीटिंग में कृषि अध्यादेशों का विरोध करने वाले मिनट्स सार्वजनिक क्यों नहीं करता। उन्होंने आरोप लगाया कि बादल जोड़ी ने कैबिनेट मीटिंग में कृषि बिलों को पास करवाने में अपनी अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि अब पंजाब का किसान और समूह वर्ग बादलों की चालों में नहीं फंंसेंगे।

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