हाथरस गैंगरेप मामले में हंगामा जारी:पीड़ित के गांव में विपक्ष और मीडिया की एंट्री बैन; पुलिस ने कहा- मीडिया पर SIT की पड़ताल होने तक रोक, जांच पूरी होने के बाद अंदर जाने देंगे

पुलिस ने तृणमूल सांसद डेरेक ओ'ब्रायन को धक्का देकर गिराया, पीड़ित के गांव में नहीं जाने दिया तृणमूल की महिला नेता का दावा- महिला पुलिस ने ब्लाउज खींचे, मेल पुलिस ने महिला सांसद को छुआ

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हाथरस गैंगरेप केस में हंगामा और राजनीति जारी है। पुलिस न तो विपक्षी नेताओं नेताओं को पीड़ित परिवार से मिलने दे रही और न ही मीडिया को एंट्री दी जा रही। गांव की सीमाओं पर पुलिस ने बैरिकेड लगा रखे हैं। इस बीच पुलिस ने दोपहर 3:50 बजे सफाई दी। एडिशनल एसपी प्रकाश कुमार ने कहा कि मीडिया को SIT की पड़ताल होने तक रोका गया है। जैसे ही जांच पूरी हो जाएगी, मीडिया को पीड़ित के गांव (चंदपा) में जाने की परमिशन दे देंगे।

पुलिस ने तृणमूल सांसद को धक्का देकर गिराया
इससे पहले तृणमूल (टीएमसी) के नेताओं ने गैंगरेप पीड़ित के गांव में जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने गांव के बाहर ही रोक दिया। तृणमूल सांसद डेरेक ओ’ब्रायन को धक्के मारकर जमीन पर गिरा दिया।

ब्रायन के साथ तृणमूल की 2 महिला सांसद और एक पूर्व सांसद गैंगरेप पीड़ित के परिवार से मिलना चाहते थे। इस डेलिगेशन में शामिल पार्टी की पूर्व सांसद ममता ठाकुर ने कहा कि महिला पुलिसकर्मियों ने हमारे ब्लाउज खींचे और हमारी सांसद प्रतिमा मंडल पर लाठीचार्ज किया, वे नीचे गिर गईं। फीमेल पुलिस के होते हुए मेल पुलिस ने हमारी सांसद को छूआ। यह शर्म की बात है।

प्रशासन की सफाई- तृणमूल के आरोप झूठे
हाथरस के एसडीएम (सदर), प्रेम प्रकाश मीणा का कहना है कि SIT टीम गांव के अंदर है। जांच प्रभावित नहीं हो, इसलिए किसी को भी अंदर जाने की परमिशन नहीं है। तृणमूल की महिला नेताओं को महिला पुलिसकर्मियों ने वापस जाने को कहा था। जब उन्होंने जबरदस्ती की तो, महिला कांस्टेबलों ने रोका। ये आरोप झूठे हैं कि मेल पुलिस ने महिला नेताओं को छुआ।

अपडेट्स

  • सूत्रों के मुताबिक पुलिस और प्रशासन के रवैए पर उठ रहे सवालों के बीच हाथरस के डीएम और एसपी के खिलाफ सरकार एक्शन ले सकती है।
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा है, “उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है। इन्हें ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा।”

पीड़ित परिवार ने CBI जांच की मांग की
एक वीडियो में हाथरस के डीएम प्रवीण लक्षकार पीड़ित परिवार से यह कहते हुए दिख रहे हैं कि मीडिया आज यहां है, कल नहीं रहेगा। आप सरकार की बात मान लीजिए। यह वीडियो वायरल होने के बाद परिवार के किसी भी सदस्य को बाहर नहीं जाने दिया जा रहा। मृतक लड़की के पिता ने CBI जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यूपी पुलिस पर अब भरोसा नहीं रहा, हमें मीडिया वालों से नहीं मिलने दे रहे। घर से निकलने पर भी 10 तरह के सवाल किए जा रहे हैं।

पुलिस ने पीड़ित परिवार के फोन छीने
परिवार का एक बच्चा किसी तरह बाहर निकलकर आया और मीडिया को बताया कि सभी के फोन छीन लिए गए हैं। बच्चे ने कहा कि घरवाले आपसे मिलना चाहते हैं, लेकिन उन्हें रोक रखा है। इसके बाद पुलिस ने बच्चे को भी वहां से भगा दिया।

गांव वालों ने कहा- हमारे साथ भी अपराधियों जैसा सलूक हो रहा
उधर, पुलिस ने हाथरस जिले में धारा-144 लगाने के साथ ही पीड़ित के गांव में नाकेबंदी कर रखी है। पूरे गांव को छावनी बना दिया गया है। गांव के लोगों को भी आईडी दिखाने के बाद ही एंट्री दी जा रही है। पुलिस और प्रशासन के इस रवैए से लोग नाराज हैं। उनका कहना है कि अपने ही गांव में हमसे अपराधियों जैसा सलूक हो रहा है।

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