लुधियाना। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अतुल कसाना की अदालत ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की रिवीजन पिटीशन का संज्ञान लेते हुए ट्रायल कोर्ट के ऑर्डर को स्टे कर दिया है। इसमें ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को आयकर मामले की फाइल और विशेष रूप से उससे जुड़े दस्तावेजों का निरीक्षण करने की अनुमति दी गई थी।
ईडी ने फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) के तहत उनके पास लंबित एक जांच के संबंध में फाइलों का निरीक्षण करने की इच्छा जताई थी। कैप्टन ने अपनी याचिका में दावा किया है कि ईडी के पास इस मामले की जांच करने का कोई अधिकार नहीं है, जो कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष लंबित केस का विषय है। सीएम के खिलाफ कथित आयकर चोरी के आरोपों के साथ आयकर विभाग की शिकायत नौ अक्टूबर को स्थानीय अदालत के समक्ष लंबित है।
ईडी को ड्यूटी मजिस्ट्रेट जसबीर सिंह की अदालत से उनके पक्ष में आदेश मिला था। सीएम ने अपनी याचिका में दावा किया है कि आयकर विभाग को या उन्हें नोटिस दिए बिना आदेश पारित किया गया था। याचिका में कहा गया है कि उन्हें बिना सुने इस तरह के आदेश को पारित किया जाना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है, जबकि तथ्य यह हैं कि ईडी मामले में पार्टी ही नहीं। इसलिए उन्हें फाइलों का निरीक्षण करने का कोई अधिकार नहीं है।
इस बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेटे रणइंदर सिंह ने भी वीरवार को लगभग एक जैसी दलीलों के साथ एक संशोधन याचिका को प्राथमिकता दी है। हालांकि उनसे संबंधित एक मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अतुल कसाना की अदालत पहले ही ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा चुकी है। अब इन मामलों की सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी।