राज्‍यसभा और लोकसभा का सत्र दोबारा बुलाने और तीनों किसान विरोधी कानूनों को रद करने की मांग को लेकर शिअद का मार्च

-तख्त श्री दमदमा साहिब से चंडीगढ़ तक हरसिमरत कौर बादल ने हजारों वाहनों के काफिले के साथ निकाला तलवंडी साबों से मार्च

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बठिंडा. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और भारतीय जनता पार्टी से नाता तोडऩे के बाद नए कृषि कानूनों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल किसानों के पक्ष में खुलकर सड़कों पर उतर गया है। पार्टी ने आज पंजाब में स्थित तीन तख्तों से किसान मार्च शुरू किया। इसमें सांसद व पूर्व मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने तख्त श्री दमदमा साहिब में माथा टेकने व अरदास के बाद मार्च की शुरूआत की। यह मार्च बठिंडा से विभिन्न स्थानों से होता हुआ चंडीगढ़ पहुंचा। किसान मार्च का नेतृत्व कर रही हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि जिस तरह से तख्त साहिब में हजारों वाहनों का काफिला किसान बिल के विरोध में पहुंचा व चंडीगढ़ तक मार्च में शामिल हुआ उससे केंद्र में सो रही मोदी सरकार को ललकारा है।

शिरोमणि अकाली के नेता पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपेंगे। ज्ञापन में मांग की जाएगी के राज्‍यसभा और लोकसभा का सत्र दोबारा बुलाया जाए और तीनों किसान विरोधी कानूनों को रद किया जाए। श्री तख्त दमदमा साहिब में माथा टेकने के बाद मीडिया से बातचीत में हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल का इतिहास रहा है कि जब भी किसानों के अधिकारों के ऊपर हमला हुआ है उसने किसान आंदोलन का नेतृत्व किया है। अब भी किसानों और उनके भविष्य पर हमला हुआ है। इसके कारण शिरोमणि अकाली दल ने केंद्र सरकार से त्यागपत्र देकर किसानों के साथ खड़े होने को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल की ओर से सरकार को पहले ही लिख कर दिया गया था कि कानून में किसानों के साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं होना चाहिए भाजपा सरकार ने इस का वादा भी किया था, लेकिन जब वादा पूरा नहीं हुआ और कानून में किसानों के हितों की रक्षा नहीं हुई तो शिअद ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से खुद को अलग कर लिया और भाजपा के साथ अपना राजनीतिक गठजोड़ भी तोड़ दिया।

उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल पंजाब और किसानों के साथ है और उनके हितों की रक्षा के लिए हमेशा अग्रणी रहेगा। उन्होंने सभी किसान संगठनों से अपील की कि वे एक मंच पर आकर यह लड़ाई लड़ें। संघर्ष का नेतृत्व किसान करें और शिरोमणि अकाली दल उनके पीछे चलने को तैयार है। इस मौके पर पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका, पूर्व विधायक सरुपचंद सिंगला सहित अकाली दल की जिला व मालवा के विभिन्न जिलों की लीडरशीप हाजिर रही।

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