पंजाब की राजनीति के गले की फांस बने पांच साल पुराने मसले में सोमवार को नया पहलू जुड़ा है। बहबल कलां गोलीकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने इस मामले में पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी और आईजी परमराज सिंह उमरानंगल को नामजद किया है। सूत्रों के मुताबिक एसआईटी ने फरीदकोट के जिला एवं सेशज कोर्ट में इस कार्रवाई की जानकारी दे दी है और अब कभी भी इन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। उधर, आज सुमेध सिंह पूर्व आईएएस अधिकारी मुल्तानी के बेटे के अपहरण के मामले में भी मोहाली में एसआईटी के सामने पेश हुए हैं।
यह है पूरा मामला
बता दें कि 12 अक्टूबर 2015 को फरीदकोट जिले के गांव बरगाड़ी में गुरु ग्रंथ साहिब के कुछ पन्ने फटे हुए मिले थे। इसके बाद रोषस्वरूप सिख संगठनों और समुदाय की संगत ने कोटकपूरा और बरगाड़ी से सटे गांव बहबल कलां में धरने दिए थे। 14 अक्टूबर 2015 को बहबल कलां के धरने के दौरान पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में गांव नियामीवाला के दो लोगों की मौत हो गई थी।
कैप्टन ने आयोग से कराई जांच, फिर बनाई एसआईटी
हालांकि घटना के वक्त विपक्ष में बैठे कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह अकाली दल की सरकार की तरफ से इस मामले को सीबीआई को सौंपे जाने की बात कह रहे थे। फिर जब 2017 में जब कांग्रेस सत्ता में आई और कैप्टन मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने यह मामला सीबीआई के हाथ से वापस लेकर रिटायर्ड जज रणजीत सिंह की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन कर दिया। रणजीत सिंह आयोग की सिफारिश के बाद पंजाब सरकार ने एसआईटी से जांच कराने का फैसला लिया।
मामले से जुड़े और अहम पहलू
- जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन एसएसपी मोगा चरणजीत सिंह शर्मा, उनके रीडर इंस्पेक्टर प्रदीप सिंह, एसपी बिक्रमजीत सिंह और एसएचओ बाजाखाना अमरजीत सिंह कुलार को नामजद किया गया था।
- चरणजीत सिंह शर्मा की गिरफ्तारी के बाद अदालत में चालान भी पेश किया जा चुका है। बाकी तीनों अधिकारियों को हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिली हुई है।
- इस मामले में एसआईटी पहले फरवरी 2019 में भी पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी से पूछताछ कर चुकी है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोली किसके आदेश पर और क्यों चलाई थी।
- चंडीगढ़ स्थित पंजाब पुलिस की 82वीं बटालियन के ऑफिस में दो घंटे चले सवाल-जवाबों की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई थी।
- सैनी ने कहा था कि उस समय राज्य में कई जगह प्रदर्शन चल रहे थे। कोटकपूरा में कानून व्यवस्था बिगड़ चुकी थी, क्या ऐसे हालत में एक डीजीपी अपने मुख्यमंत्री से बात नहीं कर सकता। बादल ख़ुद चाहते थे कि मसले का हल शांत तरीके से निकाला जाए।
- कुछ समय पहले ही एसआईटी ने फरीदकोट निवासी सुहेल सिंह बराड़, मोगा निवासी पंकज बांसल समेत तत्कालीन एसएचओ गुरदीप सिंह पंधेर को भी गिरफ्तार किया था।
- इसके अलावा हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री परकश बादल, पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल और फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार से भी एसआईटी पूछताछ कर चुकी है।
- अक्षय कुमार पर आरोप था कि उन्होंने एसजीपीसी से चल रहे विवाद में माफी के लिए राम रहीम की मुलाकात बादल से करवाई थी।
- इतना ही नहीं, घटनाक्रम के दोषियों पर कार्रवाई नहीं होने से नाराज लुधियाना के वरिष्ठ नेता आम आदमी पार्टी को छोड़कर सिख सेवक संगठन बना चुके हैं।