NDA गठजोड़ से बाहर निकलने के बाद अकाली दल और कांग्रेस में तेज हुआ वाकयुद्ध

मनप्रीत बादल ने कहा-मोदी के खिलाफ बोले थे अकाली इसलिए भाजपा तोड़ने वाली थी नाता, इज्जत बचाने के लिए रातों-रात लिया फैसला -हरसिमरत ने कहा-एनडीए वाजपेयी जी व बादल के सपनों वाला गठजोड़ नहीं रहा, साथियों का नहीं होता सम्मान, इसलिए तोड़ा नाता

बठिंडा. शिरोमणि अकाली दल की तरफ से भारतीय जनता पार्टी के साथ गठजोड़ खत्म करने के एलान के बाद राजनीतिक सर्गमियां तेज हो गई है वही आरोप प्रतिरोप के सिलसिले भी तेज हो गए है। इस मामले में रविवार को शिरोमणि अकाली की नेत्री व सांसद हरसिमरत कौर बादल ने बठिंडा का दौरा कर मोदी सरकार पर गठजोड़ की परंपरा को तोड़ने का आरोप लगाया वही कांग्रेस के नेता व वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि अकाली दल के बड़बोलेपन ने उन्हें गठजोड़ से बाहर निकलने के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा कि अगर अकाली दल गठजोड़ से बाहर नहीं होता तो भाजपा उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी कर चुकी थी।
बठिंडा में अकाली दल से जुड़े दिवंगत नेताओं जिनकी पिछले दिनों मौत हो गई थी उनके परिजनों से संवेदना व्यक्त करने पहुंची सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पंजाब के तीन करोड़ पंजाबियों के दर्द और पिछले कुछ दिनों से कृर्षि आर्डिनेस बिल का विरोध कर रहे किसानों के प्रदर्शन के बावजूद बिल पर सख्त रुख अख्तियार रखा। इसमें ढाई दशक से सहयोगी रही अकाली दल की बात को भी नहीं सुना। यही कारण है कि उन्हें वजारत के साथ गठजोड़ से बाहर निकलने का फैसला लिया। हरसिमरत बादल ने कहा कि जब गठजोड़ बना था तो वह वाजपेयी जी और प्रकाश सिंह बादल की कल्पना व विचारों का गठजोड़ था। इसमें गठजोड़ की परंपरा व विश्वास का सम्मान था लेकिमन अब मोदी सरकार के कार्यकाल में सत्ता के अहंकार का बोलबाला है व गठजोड़ के सहयोगियों को महत्व देने की बजाय उन्हें नजरअंदाज रख उनकी बात को अनसुना किया जा रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल रविवार की सुबह अचानक बठिंडा पहुंची व पिछले दिनों अकाली दल बादल के पूर्व पार्षद व नगर कौंसिल के पूर्व प्रधान भुपिंदर सिंह भुल्लर की मौत पर शोक जताने उनके घर गई।
हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि तीन ऑर्डिनेंस के खिलाफ शिरोमणि अकाली दल बादल ने आवाज उठाई है और किसानों के हक में हम खड़े हैं और आगे भी खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ अभी तक दिल्ली के आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पूरे मामले में चुप्पी साध रखी हैं। भगवंत मान भी कुछ नहीं बोल रहे जबकि कांग्रेस तो अपनी गलतियों पर पर्दा डालने के लिए आरोपों की झड़ी लगा रही है। अकाली दल बादल पार्टी हमेशा कृषि आर्डिनेंस के खिलाफ थी और इसके लिए सदन से लेकर सड़कों तक की लड़ाई पहले से अधिक ताकत के साथ लड़ती रहेगी। उन्होंने कहा कि जब तक यह बिल रद्द नहीं हो जाता उनका संघर्ष हर स्तर पर जारी रहेगा। इससे हर कोई दुखी है चाहे वह किसान हैं मजदूर है व्यापारी दुकानदार है।
उन्होंने गठजोड़ से बाहर निकलने की बात पर कहा कि कांग्रेस पार्टी ने झूठ के अलावा कुछ नहीं छोड़ा परंतु शिरोमणि अकाली दल बादल ने अपनी कुर्सी छोड़ी और किसानों की लड़ाई लड़ने के लिए गठबंधन को भी तोड़ा है। वही पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल की तरफ से बठिंडा में हरसिमरत कौर बादल पर चुटकी लेते हुए कहा था कि बीजेपी खुद गठबंधन से अलग हो जाती परंतु अकाली दल बादल ने इज्जत बचाने के लिए रातों रात पहले ही अलग होने का फैसला कर दिया। इस मुद्दे पर हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि अगर बीजेपी ऐसा करना चाहती तो पहले कर देती परंतु नहीं किया। हमने ही खुद गठबंधन को छोड़ा है। कांग्रेस पार्टी के पास अब कोई भी मुद्दा नहीं बचा है इसलिए इस तरह के मनगढत बाते कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी तो खुद किसानों के खिलाफ है। 2017 के चुनाव मेनिफेस्टो में जो किसानों के लिए वायदे किए थे उसमें चार साल में कांग्रेस पार्टी ने एक भी पूरा नहीं किया। पिछले दिनों वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल की तरफ से हरसिमरत कौर बादल को कहा था कि इस जन्म में तो हरसिमरत कौर बादल केंद्रीय मंत्री नहीं बन सकती उसे दूसरा जन्म लेना होगा इसके जवाब में हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि क्या मनप्रीत बादल भगवान है जो सब पहले ही जान गए है। इस मौके पर हरसिमरत कौर बादल के सात पूर्व विधायक सरुपचंद सिंगला, ओमप्रकाश शर्मा, चमकौर मान सहित अकाली दल के पाषर्द व जिला व सर्कल पदाधिकारी हाजिर रहे।

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