पाक-चीन से एकसाथ निपटने की तैयारी:एयरफोर्स के फाइटर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट दिन-रात उड़ान भर रहे, एयरफोर्स ने कहा- दोनों मोर्चों पर ऑपरेशन को तैयार हैं

चीन से तनाव के बीच चीन-पीओके सीमा के पास स्थित भारत के फॉरवर्ड एयरबेस पर ऑपरेशन जारी भारतीय वायुसेना के सुखोई- 30 एमकेआई फाइटर जेट और सुपर हरकुलिस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ऑपरेशन में लगे

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लद्दाख में चीन से बढ़ते तनाव के बीच यह आशंका बनी हुई है कि चीन और पाकिस्तान मिलकर भारत के खिलाफ खड़े हो सकते हैं। इस बीच भारतीय वायुसेना ने कहा है कि वह दोनों ही मोर्चों पर ऑपरेशन के लिए पूरी तरह तैयार है।

न्यूज एजेंसी एएनआई पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) और चीन बॉर्डर पर पहुंची। यह एयरबेस पाकिस्तान से 50 किलोमीटर दूर और युद्ध के नजरिए से अहमियत रखने वाले दौलत बेग ओल्डी से 80 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां पर ट्रांसपोर्ट, फाइटर एयरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टर की एक्टिविटी दिन-रात जारी है।

इस तरह की जा रही है तैयारी

  • फॉरवर्ड एयरबेस पर खारडुंगला पास और श्योक नदी से होकर पहुंचा जाता है। यहां पर अभी सुखोई- 30 एमकेआई के ऑपरेशन जारी थे। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-30जे सुपरहरकुलिस, ल्यूशिन-76 और एंटन-32 के ऑपरेशन दिन-रात जारी हैं।
  • लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास दौलत बेग ओल्डी और पूर्वी लद्दाख में स्थित बेसों में जवानों के लिए राशन और असहले की सप्लाई ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट कर रहे हैं। इसके साथ ही बेस पर जवान भी जा रहे हैं।
  • पाकिस्तान के स्कार्दू एयरबेस से खतरे और पाकिस्तान-चीन के एकसाथ खड़े होने के सवाल पर फ्लाइट लेफ्टिनेंट स्तर के एक अफसर ने न्यूज एजेंसी से कहा कि एयरफोर्स पूरी तरह ट्रेंड है और दोनों मोर्चों पर ऑपरेशन को अंजाम दे सकती है।

जून में स्कार्दू एयरबेस पर उतरा था चीन का एयरक्राफ्ट
पीओके में स्कार्दू एयरबेस पर जून में चीन का एक री-फ्यूलर एयरक्राफ्ट उतरा था। हालांकि, भारत का फॉरवर्ड एयरबेस श्योक के किनारे है। इस नदी में गलवान नदी भी आकर मिलती है। गलवान में ही भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे और एक अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के 60 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे।

हाल ही में राफेल ने लद्दाख में उड़ान भरी थी

चीन से सीमा विवाद के बीच कुछ दिन पहले ही इंडियन एयरफोर्स में शामिल राफेल विमान ने लद्दाख में उड़ान भरी थी। 10 सितंबर को राफेल विमानों को वायुसेना में शामिल किया गया।

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