बठिंडा जिले में बाजार बंद, किसानों के समर्थन में सड़कों पर उतरे आढ़तिया, कर्मचारी संगठन व लोक कलाकार

-जिले भर में सड़के रही सूनी, किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने रेल का चक्का जाम करने के साथ कई स्थानों पर किया प्रदर्शन -किसी भी स्थान से किसी तरह की अप्रिय घटना की नहीं मिली जानकारी

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बठिंडा. हाल ही में सदन से पास हुए किसान बिल को लेकर देशभर में आज विरोध प्रदर्शन हो रहा है। कांग्रेस, अकाली दल, आप सहित विभिन्न राजनीतिक, धार्मिक व आढ़तियां संगठनों की तरफ से बंद को समर्थन देने का व्यापक असर देखने को मिला जिससे जिले भर में सभी बाजार बंद रहे व सड़के सूनी दिखी। किसान सड़कों पर निकले हैं, वे रेलवे ट्रैक पर बैठ गए हैं, जगह-जगह चक्का जाम और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान किसी भी स्थान से किसी तरह की अप्रिय घटना का समाचार नहीं है। वही पुलिस ने विभिन्न स्थानों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए है।


किसानों और राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने स्तर पर धरने और प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें कि किसानों के 31 संगठनों ने इस बंद का आह्वान किया है और इसमें आढ़तियों के दोनों ग्रुप भी शामिल हैं। दोधियों ने भी ऐलान किया था कि वे दूध आदि की सप्लाई नहीं करेंगे। इससे शहरों में दूध, सब्जियों आदि की सप्लाई प्रभावित हुई है। वही किसान संगठनों के समर्थन में आइलेट्स और इमीग्रेशन एसोसिएशन बठिंडा की तरफ से भी धरना देकर रैली निकाली गई। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार के किसान आर्डिनेस बिल का विरोध जताते किसानों का पूरा समर्थन देने की घोषणा की।
बठिंडा में भी बंद का व्यापक असर हुआ। यहां बाजार बंद हैं और सड़क व रेल यातायात पूरी तरह ठप है। बठिंडा के कृषि विधेयक के खिलाफ भाई घनहेय चौक में किसान संगठनों ने जाम लगाया और प्रदर्शन किया।


बठिंडा के ग्रामीण इलाकों के साथ शहर में भारत बंद का असर साफ नजर आ रहा है। सिर्फ सड़कें ही नहीं रेल की पटरियां तक किसानों के आक्रोश की गवाही दे रही हैं। पंजाब के अलग-अलग 31 किसान संगठनों ने आज बंद का आह्वान किया है। इसमें सबसे प्रमुख भारतीय किसान यूनियन (उग्राहां) जो इस आंदोलन का यहां नेतृत्व कर रही है। पंजाब के कई लोक कलाकारों ने भी किसानों का समर्थन किया है। जहां दलजीत दोसांज जैसे बड़े गायकों ने किसानों के समर्थन में सोशल मीडिया पर आवाज उठाई है वहीं, सिद्धू मूसेवाला जैसे गायक किसानों के समर्थन में सड़क तक उतर आए हैं।


किसानों को सिर्फ लेफ्ट पार्टियों का ही नहीं बल्कि अकाली दल जैसी राइट विंग पार्टियों का भी समर्थन मिल रहा है। पंजाब में भाजपा के अलावा अन्य सभी पार्टियों ने किसानों की मांगों का समर्थन किया है। पंजाब बिजली बोर्ड के कर्मचारी, सेहत विभाग के कर्मियों के साथ स्टूडंट विंगों ने भी किसानों के समर्थन में आंदोलन में शामिल हुए हैं। बठिंडा-सिरसा हाईवे पूरी तरह से जाम है। हजारों की संख्या में किसान यहां इक्ट्ठा हुए हैं।
बता दें कि राज्य में 31 किसान संगठन केंद्र सरकार के कृषि विधेयकों के खिलाफ बंद कर रहे हैं। राजनीतिक पार्टियों और कई अन संगठनों ने भी आज पंजाब बंद क समर्थन किया है। राज्?यभर में बंद के समर्थन में किसान संगठनों के सदस्?य और अन्य लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने कई जगहों पर सड़कों पर टेंट लगा दिया है और धरने पर बैठ गए हैं। रेल ट्रैकों पर वीरवार से ही किसानों ने टेंट लगाकर कब्जा जमा रखा है।

पंजाब में भारत बंद (Bharat Bandh) और पंजाब बंद (Punjab bandh) का व्‍यापक असर हुआ है। राज्‍य में अधिकतर हिस्‍सों में बाजार बंद हैं और सड़क व रेल यातायात ठप है। राज्‍य में बसें और ट्रेन नहीं चल रही हैं। किसानों ने विभिन्‍न जगहों पर किसानों ने टेंट लगा दिए हैं। रेल लाइनाें पर वीरवार से ही किसाज जमे हुए हैं। वैसे राज्‍य मे पठानकोट में बंद का खास असर नहीं है और दुकानें व बाजार खुले हुए हैं। सड़कों पर यातायात सामान्‍य है। बटाला में किसान संगठनों ने एक एंबुलेंस को रोेक दिया।

बता दें कि राज्‍य में 31 किसान संगठन केंद्र सरकार के कृषि विधेयकों के खिलाफ बंद कर रहे हैं। राजनीतिक पार्टियाें और कई अन्‍य संगठनों  ने भी आज पंजाब बंद क समर्थन किया है। राज्‍यभर मेें बंद के समर्थन में किसान संगठनों के सदस्‍य और अन्य लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने कई जगहों पर सड़कों पर टेंट लगा दिया है और धरने पर बैठ गए हैं। रेल ट्रैकों पर वीरवार से ही किसानों ने टेंट लगाकर कब्‍जा जमा रखा है।

पंजाब बंद का पूरा असर, सड़कों पर किसानाें ने टेंट लगाया

किसानों और राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने स्तर पर धरने और प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें कि किसानों के 31 संगठनों ने इस बंद का आह्वान किया है और इसमें आढ़तियों के दोनों ग्रुप भी शामिल हैं। दोधियों ने भी ऐलान किया था कि वे दूध आदि की सप्लाई नहीं करेंगे। इससे शहरों में दूध, सब्जियों आदि की सप्लाई प्रभावित हुई है।

दूसरी ओर पठानकोट में भारत बंद और पंजाब बंद का असर नहीं दिखाई दे रहा है। शहर में बाजार खुले हुए हैं। शहर में बंद का असर नहीं है। रोजाना की तरह बाजार खुले हुए हैं और सड़कों पर लोगों का आवागमन हो रहा है। हालांकि बस सेवा बंद है, लेकिन लोग अपने वाहनों से आ जा रहे है| बंद को लेकर  हर चौक व अहम स्थानों पर भारी संख्‍या में पुलिसकर्मी तैनात हैं।

मानसा जिले मेें भी भारत बंद (Bharat Bandh) और पंजाब बंद (Punjab bandh) का व्‍यापक असर है जिले  के सरदूलगढ़ की सिरसा-मानसा रोड सहित जिले के विभिन्‍न मार्गों पर 31 जत्थेबंधियो द्वारा जाम लगाया गया। संगरूर जिले में भी किसान सहित अन्‍य संगठनों ने प्रदर्शन किया और सड़कों पर धरना देकर यातायता बंद किया। संगरूर शहर में युवाओं ने बाइक रैली निकाली। शहर सहित जिले के अन्‍य हिस्‍सों में अधिकतर बाजार बंद हैं और सड़क व रेल यातायात ठप है।

 

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