कृषि बिलों का विरोध:10 दिन में ही खत्म हुआ संसद का मानसून सत्र, लोकसभा-राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित; विपक्ष की अपील- राष्ट्रपति कृषि बिल पर सहमति न दें
कृषि बिल के विरोध में विपक्षी पार्टियों ने लगातार तीसरे दिन राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने राष्ट्रपति से अपील की- विवादास्पद कृषि बिल पर सहमति न दें, यह असंवैधानिक है
संसद का मानसून सत्र 10 दिन में ही खत्म हुआ। लोकसभा और राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। इससे पहले, बुधवार को कृषि बिलों के विरोध में विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया और मार्च निकाला। मानसून सत्र 1 अक्टूबर तक चलने वाला था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसमें कटौती कर दी गई।
कोरोना के बीच सत्र 14 सितंबर से शुरू हुआ था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने मेजर पोर्ट अथॉरिटीज बिल के पारित होने के बाद सदन को स्थगित कर दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।
राज्यसभा की कार्यवाही भी समय से आठ दिन पहले बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा के सभापति वेकैंया नाएडू ने कहा कि सदन के लिए 18 बैठकों होनी थी, लेकिन 10 ही हो सकीं। इस दौरान कुल 25 विधेयक पारित किए गए और छह विधेयक पेश हुए। इस सत्र के दौरान सदन की प्रोडक्टिविटी 100.47% रही है। पिछले तीन सत्र के दौरान ज्यादा काम हुआ जो कि इस सत्र में भी नजर आया।
उधर, कृषि बिल के विरोध में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने बुधवार शाम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि वे विवादास्पद कृषि बिलों को अपनी सहमति न दें। आजाद ने कहा कि हमने राष्ट्रपति को बताया है कि बिल को राज्यसभा में सही तरीके से पास नहीं कराया गया है। यह असंवैधानिक है।
Shri Ghulam Nabi Azad, Leader of Opposition, Rajya Sabha, called on President Kovind at Rashtrapati Bhavan. pic.twitter.com/L8a9toWB84
— President of India (@rashtrapatibhvn) September 23, 2020
राष्ट्रपति इन कृषि बिलों को वापस भेज दें: आजाद
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद आजाद ने कहा- सरकार को बिल लाने से पहले सभी पार्टियों, किसान नेताओं से सलाह लेनी चाहिए थी। संविधान को कमजोर कर दिया गया है। हमने राष्ट्रपति को एक प्रजेंटेशन दिया है कि कृषि बिलों को असंवैधानिक रूप से पारित किया गया। उन्हें इन बिलों को वापस भेज देना चाहिए।
#WATCH: MPs of Opposition parties march in Parliament premises in protest over farm bills. Placards of 'Save Farmers' & 'Save Farmers, Save Workers, Save Democracy' seen.
Congress' Ghulam Nabi Azad, TMC's Derek O'Brien, and Samajwadi Party's Jaya Bachchan present, among others. pic.twitter.com/PIIxqciFpG
— ANI (@ANI) September 23, 2020
कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से सिर्फ पांच नेताओं को मिलने की अनुमति दी गई थी। विपक्ष ने सोमवार को चिट्ठी लिखकर राष्ट्रपति से समय मांगा था। इससे पहले सांसदों ने मार्च भी निकाला। सभी ने किसान बचाओ, मजदूर बचाओ और लोकतंत्र बचाओ के नारे लगाए। सभी अपने हाथों में पोस्टर लिए हुए थे। विपक्ष ने लगातार तीसरे दिन राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया।
सभापति को चिट्ठी लिखकर कहा- श्रम विधेयकों को पारित न करें
विपक्षी दलों के सांसदों ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर कहा कि वह विपक्ष की अनुपस्थिति में श्रम से जुड़े तीन विधेयकों को सदन में पास न होने दें। हालांकि, तीनों विधेयक सदन में ध्वनिमत से पास हो गए। लोकसभा में ये बिल मंगलवार को पास हो गए थे।
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने 24 घंटे का उपवास तोड़ा
कृषि बिलों के विरोध में विपक्षी सांसदों ने रविवार को राज्यसभा में रूलबुक फाड़ दी और उपसभापति का माइक तोड़ने की कोशिश की थी। सांसदों के इस व्यवहार से दुखी हरिवंश ने मंगलवार सुबह 24 घंटे का उपवास रखने का ऐलान किया था। आज सुबह उन्होंने जूस पीकर उपवास खत्म किया।
18 दिन का मानसून सत्र आज 10वें दिन ही खत्म किया जा सकता है
संसद का मानसून सत्र आज खत्म किया जा सकता है। संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा है कि सरकार ने संसद की कार्यवाही आज स्थगित करने की सिफारिश करने का फैसला लिया है। लेकिन, इससे पहले लोकसभा में कुछ अहम मुद्दे निपटाने होंगे।
2 मंत्रियों समेत 30 सांसदों और संसद के कई कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव आने की चिंताओं की वजह से सरकार 18 दिन का सत्र 10 दिन में ही खत्म करना चाहती है। पिछले हफ्ते लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में सभी पार्टियों ने सत्र छोटा करने पर सहमति जताई थी। 14 सितंबर से शुरू हुए मानसून सत्र का शेड्यूल वैसे 1 अक्टूबर तक है।
सोनिया-राहुल विदेश से लौटे, संसद आना तय नहीं
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी मानसून सत्र शुरू होने से पहले ही मेडिकल चेकअप के लिए विदेश चली गई थीं। राहुल गांधी भी उनके साथ गए थे। दोनों मंगलवार को दिल्ली लौट आए, लेकिन आज संसद आएंगे या नहीं, इस बारे में कुछ तय नहीं है। न्यूज एजेंसी एएनआई के सूत्रों के मुताबिक सोनिया और राहुल विदेश में रहते हुए भी कांग्रेस नेताओं के संपर्क में थे। पार्टी नेता अहमद पटेल ने कहा था कि कृषि बिलों पर विरोध की स्ट्रैटजी सोनिया-राहुल के निर्देशों पर ही तैयार की गई थी।
तीसरे कृषि विधेयक समेत 7 बिल बिना विरोध पास हुए
संसद में विपक्ष के बायकॉट के बीच मंगलवार को तीसरा कृषि विधेयक भी पास हो गया…वह भी बिना किसी विरोध के। सोमवार को राज्यसभा से 8 सांसदों के निलंबन के विरोध में मंगलवार को कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने दोनों सदनों का बायकॉट कर दिया। इसकी वजह से संसद में महज साढ़े तीन घंटे में 7 विधेयक पास हो गए। इनमें एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) बिल भी था। इसके जरिए सरकार ने अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, आलू और प्याज को जरूरी वस्तुओं की लिस्ट से हटा दिया और स्टॉक लिमिट भी खत्म कर दी।