जम्‍मू कश्‍मीर के कारोबारियों को बड़ी राहत, 1350 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान

जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Lt. Governor Manoj Sinha) ने कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे कारोबारियों को बड़ी राह दी है. राज्‍य के लिए शनिवार को 1,350 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया गया है.

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श्रीनगर. जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Lt. Governor Manoj Sinha) ने सुरक्षा परिदृश्य और कोविड-19 महामारी (COVID-19) के कारण आर्थिक संकट की चपेट में आए केंद्र शासित प्रदेश के पर्यटन तथा कुछ अन्य क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने के लिए शनिवार को 1,350 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की. पैकेज के तहत सरकार ने किसानों, परिवारों और कारोबारियों को राहत देने के मकसद से जम्मू कश्मीर में एक साल के लिए बिजली और पानी के बिल पर 50 प्रतिशत की रियायत देने की घोषणा की है.

मनोज सिन्हा ने संकेत दिया कि कारोबारियों की सहायता के लिए केंद्र ‘असाधारण और ऐतिहासिक पैकज’ देने पर भी सक्रियता से विचार कर रहा है. इसमें मौजूदा और नए उद्यमों को भी शामिल किया जाएगा और इससे जम्मू कश्मीर में कारोबार और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा. इसकी घोषणा करते हुए उपराज्यपाल ने कहा, ‘आप जानते हैं कि दो प्रतिशत कर्ज रियायत दी जाती है और लोग ऐसी ही उम्मीद करते हैं. पिछले करीब 20 साल में कारोबार को नुकसान हुआ है, इसलिए यहां की विशेष स्थिति को ध्यान में रखते हुए हमने छोटे, मध्यम या बड़े, सभी कारोबारों को बिना किसी भेदभाव के पांच प्रतिशत ब्याज छूट देने का फैसला किया है. यह असाधारण स्थिति है.’

मनोज सिन्‍हा ने कारोबारियों के लिए की ये बड़ी घोषणा
उन्होंने कहा कि केंद्र प्रशासित क्षेत्र का प्रशासन 950 करोड़ रुपये की सीधे मदद कर रहा है. सिन्हा ने उधार लेने वाले सभी कारोबारियों के लिए अगले साल मार्च तक स्टांप ड्यूटी में छूट की घोषणा की. उन्होंने कहा कि नया आर्थिक पैकेज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत घोषित पैकेज का हिस्सा है. उन्होंने कहा, ‘कुल मिलाकर यह आर्थिक पैकेज आकार और पहुंच के हिसाब से ऐतिहासिक है. मैं देख सकता हूं कि केंद्र शासित क्षेत्र के विकास में योगदान देने के लिए कश्मीरी व्यग्र हैं क्योंकि वे हमारे पड़ोसी द्वारा प्रायोजित सीमा-पार के आतंकवाद से तंग आ चुके हैं.’
उपराज्यपाल ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत जम्मू कश्मीर बैंक के जरिए लोगों को 14,00 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि सरकार टैक्सी ड्राइवरों, ट्रांसपोर्टर, ऑटोरिक्शा ड्राइवरों, हाउसबोट के मालिकों, शिकारावालों और अन्य प्रभावित लोगों के वास्ते सुव्यवस्थित तंत्र और पैकेज के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र से संबद्ध लोगों के क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दी जाएगी तथा इन क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने के लिए सात प्रतिशत ब्याज की रियायत दी जाएगी.

मनोज सिन्हा ने कहा, ‘हम पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों की वित्तीय सहायता के लिए आकर्षक मूल्यों और कर्ज अदायगी की विशिष्टताओं के साथ जम्मू कश्मीर बैंक के जरिए एक मददगार पर्यटन योजना की शुरूआत करने जा रहे हैं. हम एक विशेष भूमि बैंक की स्थापना करने जा रहे हैं और इससे औद्योगिक इकाइयों और ‘फूड पार्क’ में गोदाम के लिए भूमि उपलब्ध करायी जाएगी.’ उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर बैंक युवा और महिला उद्यमियों के लिए एक अक्टूबर से एक ‘विशेष डेस्क’ की शुरूआत करेगा.

उपराज्यपाल ने जम्मू कश्मीर के कारोबारी समुदाय की मदद का आकलन करने के लिए 18 अगस्त को एक कमेटी गठित की थी और बैंकिंग, उद्योग, पर्यटन, कृषि और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए प्रशासनिक उपायों का सुझाव दिया था. उपराज्यपाल के सलाहकार के के शर्मा की अध्यक्षता वाली कमेटी ने श्रीनगर और जम्मू के कम से कम 35 कारोबारी संगठनों के साथ विचार-विमर्श के बाद एक सितंबर को अपनी रिपोर्ट दी थी.

 

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