बठिंडा नगर निगम चुनाव /पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका पर सुनवाई 15 दिसंबर को

राजबिंदर सिद्धू ने अपनी याचिका में कहा है कि नई वार्डबंदी भारत सरकार की ओर से 6 सितंबर 2019 को जारी की गई उस नोटिफिकेशन का उल्लंघन है, जिसमें कहा गया था कि पंजाब के शहरों, जिलों, तहसीलों तथा गांवों के वार्डों की सीमाएं एक जनवरी 2020 से लेकर 31 मार्च 2021 तक सुरक्षित रहेंगी।

0 1,000,439

बठिंडा. नगर निगम चुनाव के लिए स्थानीय निकाय विभाग की ओर से जारी की गई नई हदबंदी के खिलाफ शिरोमणि अकाली दल से संबंधित पूर्व पार्षद की ओर से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। जस्टिस जसवंत सिंह तथा जस्टिस कर्मजीत सिंह के बेंच की ओर से की गई सुनवाई के दौरान अगली तारीख डाल दी गई है। अब इस याचिका पर अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी। यह याचिका बीते दिनों शिअद के शहरी प्रधान एवं पूर्व पार्षद एडवोकेट राजबिंदर सिंह सिद्धू की ओर से दायर की गई थी ।

राजबिंदर सिद्धू ने अपनी याचिका में कहा है कि नई वार्डबंदी भारत सरकार की ओर से 6 सितंबर 2019 को जारी की गई उस नोटिफिकेशन का उल्लंघन है, जिसमें कहा गया था कि पंजाब के शहरों, जिलों, तहसीलों तथा गांवों के वार्डों की सीमाएं एक जनवरी 2020 से लेकर 31 मार्च 2021 तक सुरक्षित रहेंगी। इस अवधि के दौरान सीमाओं के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। लेकिन भारत सरकार की इस नोटिफिकेशन के बावजूद स्थानीय निकाय विभाग की ओर से बठिंडा नगर निगम चुनाव को लेकर जो वार्डों की नई हदबंदी की गई है, उसमें पहले निर्धारित सीमाओं को बुरी तरह से तोड़ा गया है।

एक-एक मोहल्ले को तीन वार्डों में बांट दिया गया है। इसी तरह किसी वार्ड के छह टुकड़े कर दिए गए हैं।

बता दें कि उधर, स्थानीय निकाय विभाग की ओर से भी बीती 11 सितंबर की केविएट फाइल की हुई थी।राजबिंदर सिद्धू सहित बठिंडा के दस अकाली-भाजपा नेताओं की ओर से नई वार्डबंदी के खिलाफ याचिका दायर करने की आशंका व्यक्त की गई थी।

जिसमें कहा गया है कि अदालत कोई फैसला लेने से पहले स्थानीय निकाय विभाग का पक्ष सुना जाए। याचिकाकर्ता राजबिंदर सिंह सिद्धू ने बताया कि इससे पहला स्थानीय निकाय विभाग का पक्ष भी सुना गया। जिसके बाद अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई अब 15 दिसंबर को निर्धारित कर दी है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.