चंडीगढ़। आइएएस के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी के अपहरण और हत्या के मामले में पंजाब पुलिस के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज मंगलवार को सुनवाई होगी। सैनी की याचिका पर जस्टिस अशोक भान, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ सुनवाई करेगी।
मामले में फरार चल रहे सुमेध सिंह सैनी की अग्रिम जमानत याचिका हाई कोर्ट ने पिछले सप्ताह खारिज कर दी थी। वहीं, मोहाली कोर्ट ने एक सितंबर को सैनी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के बाद पिछले सप्ताह सैनी की गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी किए थे। पंजाब पुलिस की कई टीमें सैनी की तलाश में पंजाब व चंडीगढ़ के अलावा दिल्ली व हिमाचल प्रदेश में छापामारी कर रही हैैं, परंतु अब तक वह पुलिस के हाथ नहीं आए।
गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने पिछले सप्ताह ही सुप्रीम कोर्ट में केविएट याचिका दायर कर दी थी। इस याचिका में सैनी को किसी भी प्रकार की राहत देने से पहले सुप्रीम कोर्ट से पंजाब सरकार का पक्ष भी सुनने की मांग की गई है।
वहीं, हाई कोर्ट ने सैनी की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि लगभग 30 साल पुराने अपहरण और हत्या के मामले की गुत्थी को सुलझाने के लिए सैनी को हिरासत में लिया जाना जरूरी है। इतने साल बाद जब जांच एजेंसी ने अपने ही पूर्व प्रमुख के खिलाफ जांच करने का साहस दिखाया है तो मौजूद साक्ष्यों को ट्रायल कोर्ट तक ले जाना आवश्यक है। सैनी द्वारा जांच और ट्रायल को प्रभावित किए जाने की संभावना है। अदालत ने कहा था कि राजनैतिक या अन्य कारणों से पहले भी वर्षों तक दबे रहे मामलों में बड़े गंभीर अपराधों से पर्दा उठा है।
जेड प्लस सुरक्षा में तैनात कर्मियों पर था सैनी को ठिकाने बताने का शक
सुमेध सिंह सैनी अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए जहां अंडरग्राउंड होकर सुप्रीम कोर्ट में अपनी अग्रिम जमानत लगाकर राहत पाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, सूत्रों के अनुसार सैनी ने अपनी जेड प्लस सुरक्षा में तैनात मुलाजिमों को इसलिए छोड़ा था, क्योंकि उनको शक हो गया था कि उनके ही सुरक्षा कर्मी गिरफ्तारी के लिए अंदरखाते जाल बुन रहे हैं और वे छापामारी कर रही एसआइटी को उनके गुप्त ठिकानों की जानकारी दे सकते हैं। इसलिए सैनी ने पहले आधे से ज्यादा कर्मचारियों को 12 अगस्त को दिल्ली जाते समय करनाल से वापस भेज दिया था। जबकि 22 अगस्त को अपने ड्राइवर सहित कई पुलिस अधिकारियों, जिनमें सिक्योरिटी इंचार्ज इंस्पेक्टर परमजीत सिंह शामिल थे, को भी वापस चंडीगढ़ भेज दिया था।
इसके बाद सुरक्षा कर्मचारियों में कोई भी सुमेध सैनी के ठिकानों के बारे में नहीं जानता। सैनी 22 अगस्त तक अपनी जेड प्लस सिक्योरिटी के साथ दिल्ली में अपने पंचशील पार्क स्थित घर में मौजूद रहे, लेकिन जैसे ही सैनी को मामले में मुख्य आरोपित के तौर पर नामजद करने संबंधी उनके चंडीगढ़ स्थित घर के बाहर नोटिस चिपकाने की जानकारी मिली, तो उसके बाद से ही सैनी को अपनी गिरफ्तारी की चिंता सताने लगी थी।
सैनी मामले में जिन 26 पुलिस अधिकारियों से एसआइटी ने पूछताछ की, उनमें तीन इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी, चार सब इंस्पेक्टर, छह सहायक सब इंस्पेक्टर, 10 हवलदार व तीन सिपाही स्तर के कर्मचारी शामिल हैं। यहां बताने योग्य है कि उक्त सिक्योरिटी में ऐसे मुलाजिम भी थे, जोकि सैनी के खिलाफ सरकारी गवाह बने जागीर सिंह व कुलदीप सिंह के साथ न केवल काम कर चुके हैं, बल्कि उनके अच्छे मित्र भी रहे हैं, इसलिए सैनी को डर सताने लगा कि उनके सुरक्षा गार्ड उनके साथ धोखा कर सकते हैं, तो उन्होंने अपनी जेड प्लस सिक्योरिटी को छोड़ दिया।
दिल्ली व मंडी में छापे मार चुकी है एसआइटी
सूत्रों के अनुसार एसआइटी सैनी की तलाश में एक बार फिर उनके पैतृक गांव खुड्डा कराला (होशियारपुर) के अलावा सोहाना सहित, चंडीगढ़, दिल्ली व मंडी में रेड कर चुकी है। लेकिन उसके हाथ कुछ नहीं लगा और न ही सैनी ने आत्मसमर्पण किया है। एसआइटी की अगुआई कर रहे एसपी हरमन हंस ने कहा कि सैनी के कारोबारी दोस्त के घर व अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी की थी। लेकिन अब तक उनके बारे में कोई सुराग नहीं मिला है। एसआइटी में शामिल अधिकारी ने कहा कि सैनी के गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद अब कोई आम नागरिक भी आरोपित को पकड़कर पुलिस या अदालत के हवाले कर सकता है। पुलिस ने लोगों से भी सहयोग की मांग करते सैनी के ठिकानों के बारे में जानकारी साझा करने की अपील की है।