बॉडी से बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए करने होंगे खानपान में ये जरूरी बदलाव

दिल की बीमारियों से बचे रहने के साथ ही रहना है लंबे समय तक हेल्दी तो बॉडी से बैड कोलेस्ट्रॉल को करना होगा आउट। कैसे? ये जानने के लिए यहां डालें एक नजर। ...

शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा जितनी कम से कम होगी आप उतने ही स्वस्थ बने रहेंगे इसलिए इस चीज़ को इग्नोर न करें। बेशक खानपान में तली-भुनी चीज़ें ज्यादा टेस्टी लगती हैं लेकिन जब बात सेहत की हो तो इन चीज़ों से जितना पॉसिबल हो दूर रहना ही अच्छा है। तो बॉडी में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने के लिए खानपान में क्या जरूरी बदलाव कर सकते हैं, जानेंगे इसके बारे में..

कैसे करें बचाव 

1. मक्खन और घी-तेल का सेवन सीमित मात्रा में करें। कुकिंग के लिए नॉनस्टिक बर्तनों का इस्तेमाल करें।

स्मोकिंग से दूर रहें। सिगरेट का धुआं रक्तवाहिका नलियों की भीतरी दीवारों को संकुचित कर देता है, इससे वहां कोलेस्ट्रॉल जमा होने की आशंका बढ़ जाती है।

2. डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों, सी फूड और जंक फूड से दूर रहें।

3. दलिया, ओट्स, चोकरयुक्त आटे के अलावा पपीता, संतरा, अमरूद जैसे रेशेदार फलों और हरी सब्जि़यों को खानपान में शामिल करें। इनमें मौज़ूद फाइबर बैड कोलेस्ट्रॉल को घटाने में मददगार होता है।

4. बादाम, अखरोट और चिया सीड्स को अपनी डाइट में शामिल करें। रिसर्च से यह साबित हो चुका है कि इनका सेवन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

5. अगर अंडे खाना पसंद हो तो केवल उसके सफेद हिस्से का सेवन करें।

6. मेथी, हल्दी और लहसुन जैसी चीज़ें भी कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटाती हैं।

7. संतरा, चकोतरा, नाशपाती और आंवले में मौज़ूद विटमिन सी भी खून नलियों में मौज़ूद बैड कोलेस्ट्रॉल को घटाने का काम करता है।

8. विटमिन बी और विटमिन ई भी कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटाने में सहायक होता है। इसके लिए हरी मटर, सेम, लोबिया, शलजम, टमाटर और अंगूर को अपने भोजन में प्रमुखता से शामिल करें।

9. सादगीपूर्ण खानपान से बढते वज़न को नियंत्रित रखें, लेकिन क्रैश डाइटिंग से बचें।

10. मॉर्निंग वॉक योग और एक्सरसाइज़ को अपनी दिनचर्या का ज़रूरी हिस्सा बनाएं। इससे मेटाबॉलिज़्म की प्रक्रिया दुरुस्त रहती है। नतीजतन शरीर में अतिरिक्त फैट और कोलेस्ट्रॉल का संग्रह नहीं होता।

11. अगर कोई समस्या न हो तो भी चालीस साल की आयु के बाद साल में एक बार लिपिड प्रोफाइल टेस्ट ज़रूर करवाएं। अगर ओबेसिटी या डायबिटीज़ जैसी समस्या हो तो कम से कम साल में दो बार जांच ज़रूरी है। खासतौर पर मेनोपॉज़ के बाद स्त्रियों को यह जांच ज़रूर करवानी चाहिए।

12. जांच के बाद अगर डॉक्टर दवा लेने की सलाह देते हैं तो दवाओं का नियमित सेवन करें। छह महीने के अंतराल पर जांच करवा के डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.