अरुणाचल प्रदेश से लापता हुए पांचों भारतीय नागरिक चीनी सेना ने भारतीय सेना को सौंप दिए। उनकी 12 दिन बाद वापसी हुई। सेना ने बताया कि हैंडओवर की यह कार्रवाई किबिधू सीमा में हुई। करीब एक घंटे तक कागजी कार्रवाई चली। अब इन्हें कोरोना प्रोटोकॉल के तहत 14 दिन के लिए क्वारैंटाइन कर दिया गया है। इसके बाद इन्हें इनके परिवार को सौंपा जाएगा।
1 सितंबर को लापता हुए थे पांचों युवक
ये पांचों युवक 1 सितंबर को लापता हुए थे। इसके बाद से इनकी तलाश जारी थी। 6 सितंबर को भारतीय सेना ने हॉटलाइन के जरिए संपर्क किया और इनके बारे में जानकारी मांगी। 8 सितंबर को हॉटलाइन पर ही चीन ने इन युवकों के अपनी सीमा में होने की पुष्टि की। फिर भारत ने चीन से डिप्लोमैटिक और सेना के जरिए इन युवाओं की वापसी की कोशिश शुरू कर दी।
LRRP दल के साथ पोर्टर्स का काम कर रहे थे युवक
पांचों युवकों के परिजन ने बताया था कि ये लोग मैकमोहन लाइन की पेट्रोलिंग कर रहे जवानों, यानी लॉन्ग रेंज रिकॉन्सन्स पेट्रोल यानी (LRRPs) के लिए जरूरी सामान ढोने का काम कर रहे थे। पोर्टर्स के तौर पर इन्हें निगरानी दल में शामिल किया गया था। इनकी उम्र 18 से 20 साल के बीच है। परिजन को आशंका थी कि ये युवक पहाड़ी में पारंपरिक जड़ी-बूटियां ढूंढने के दौरान निगरानी दल से अलग होकर भटक गए हों।
अरुणाचल के विधायक ने दावा किया था- चीनी सैनिकों ने अगवा किया
मामले का खुलासा तब हुआ जब 5 सितंबर को अरुणाचल के कांग्रेस विधायक निनॉन्ग एरिंग ने ट्विटर पर चीनी सेना की ओर से 5 लोगों के अगवा किए जाने का दावा किया था। उन्होंने लड़कों के नाम टोक सिंग्काम, प्रसात रिंगलिंग, दोंग्तु इबिया, तानु बेकर और नागरू दिरि बताए थे। एरिंग ने कहा था कि चीन के सैनिकों ने नाछो कस्बे में रहने वाले पांच लड़कों को अगवा किया है। उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से अपील की थी कि पांचों लड़कों की सुरक्षित वापसी होनी चाहिए। ये लड़के तागिन समुदाय के हैं। एरिंग के दावे के मुताबिक, चीनी सैनिकों ने नाछो क्षेत्र के जंगल से इन्हें उठाया गया था। यह क्षेत्र सुबानसिरी जिले में आता है।