चंडीगढ़। कांग्रेस में राजनीतिक उठापटक के बीच पार्टी की पंजाब आशा कुमारी की छुट्टी हो गई है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को पंजाब का नया प्रभारी बनाया गया है। वहीं, दिल्ली के प्रभारी रह चुके फतेहगढ़ साहिब से विधायक कुलजीत नागरा का कद भी पार्टी में बढ़ा है। नागरा को सिक्किम, नागालैंड और त्रिपुरा का प्रभारी बनाया गया है। हरीश रावत न सिर्फ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं बल्कि वह चार बार सांसद और एक बार केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी निभा चुके हैंं।
विधायक कुलजीत नागरा सिक्किम, नागालैंड और त्रिपुरा के प्रभारी
पंजाब से कांग्रेस को खासी उम्मीदें भी हैं। उत्तर भारत में पंजाब में ही कांग्रेस न सिर्फ दो तिहाई बहुमत से साथ सत्ता में है बल्कि लोक सभा चुनाव में भी कांग्रेस अपने दम पर आठ सीटें जीती थीं। ऐसे में अब जब पंजाब में 2022 में विधान सभा के चुनाव होने हैं, पार्टी यहां किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती।
रावत के सामने कई चुनौतियां
हरीश रावत को ऐसे समय में पंजाब की जिम्मेदारी सौंपी गई है जब प्रदेश सरकार पर विपक्ष के साथ-साथ उसके अपने ही नेता निशाना साध रहे हैं। जहरीली शराब से हुई मौतों, पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले, रेत खनन में गुंडा टैक्स जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस सरकार पर विपक्ष निशाना साध रहा है।
दूसरी तरफ जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में कांग्रेस के ही दो राज्य सभा सदस्य प्रताप ङ्क्षसह बाजवा और शमशेर ङ्क्षसह दूलो सीबीआइ जांच की मांग करते रहे है। यही नहीं पार्टी में फेरबदल को लेकर सोनिया गांधी को जिन 23 नेताओं ने चिट्ठी लिखी, उसमें से दो नेता मनीष तिवारी और राजिंंदर कौर भठ्ठल पंजाब से ही हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस ने इसलिए भी पंजाब कद्दावर नेता को प्रभारी बनाया है ताकि पंजाब की राजनीतिक हालातों पर काबू पाया जा सके।