चंडीगढ़। पंजाब के DGP दिनकर गुप्ता की नियुक्ति को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने भी अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस वर्ष जनवरी में केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (Central administrative tribunal CAT) द्वारा भी DGP पद पर दिनकर गुप्ता की नियुक्ति को अवैध बताते हुए उसे खारिज कर दिया गया था।
कैट के इन आदेशों को पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके बाद DGP दिनकर गुप्ता सहित DGP (पीएसपीसीएल) सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय और DGP (मानवाधिकार आयोग) मोहम्मद मुस्तफा ने भी इस मामले में अपनी याचिकाएं हाई कोर्ट में दायर की थी। इन सभी याचिकाओं में बुधवार को जिरह पूरी होने के बाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
गौरतलब है कि इस मामले में अपने जवाब में केंद्रीय लोक सेवा आयोग (UPSC) ने कहा है कि साल 2019 में DGP की नियुक्ति के लिए पंजाब सरकार ने 12 योग्य अधिकारियों के नाम भेजे थे। तीन अधिकारियों का पैनल चुने जाने से पहले इन सभी अधिकारियों पर विचार किया गया था। पंजाब के DGP की नियुक्ति के लिए तीन अधिकारियों का जो पैनल बनाया गया था वह राज्य सरकार द्वारा UPSC को भेजे गए पैनल में छठे, आठवें और नौवें नंबर पर थे।
गौरतलब है कि केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) ने इस साल 17 जनवरी को पंजाब सरकार को झटका देते हुए दिनकर गुप्ता की DGP पद पर नियुक्ति को खारिज कर दिया था। 7 फरवरी, 2019 को दिनकर गुप्ता की DGP पद पर नियुक्ति दी गई थी। गुप्ता की नियुक्ति में उनसे वरिष्ठ कई पुलिस अधिकारियों को नजरअंदाज किए जाने के चलते DGP (मानवाधिकार आयोग) मोहम्मद मुस्तफा और DGP (पीएसपीसीएल) सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने गुप्ता की नियुक्ति को कैट में चुनौती दी थी।