बठिंडा में 8792 लोगों ने गलत जानकारी दे हड़पी 17 करोड़ की पेंशन, अब रिकवरी के लिए नोटिस
- 200 गज की कोठी में खड़ी है 10 लाख की कार बच्चे पढ़ रहे कान्वेंट स्कूल में फिर भी सरकार से वसूल रहे बुढ़ापा व विधवा पेंशन, कई लोगों की उम्र 40 पर गलत जानकारी दे 60 साल से ऊपर के लोगों के हक की ले रहे पेंशन
बठिंडा। पंजाब सरकार ने सत्ता में आने के बाद 2017 से लेकर अब तक गलत ढंग से पेंशन लेने वालों के अलावा नीले कार्ड बनाने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। कई ऐसे लोग भी पेंशन का लाभ ले गए जिनके घरों में ऐसी लगे हुए हैं या बड़ी बड़ी गाड़ियां हैं, जबकि असल में जो इसके हकदार थे, वह आज भी सरकारी दफ्तरों में चक्कर काटने को मजबूर हैं। हालांकि पेंशन सभी लाभपात्रियों के खातों में आखिरी महीने तक की पहुंच गई है। मगर जिन लोगों की पेंशन दो साल पहले हुए सर्वे में कट गई, वह आज तक बहाल नहीं हो पाई है। इसके उलट ज्यादा आमदन के साधन, एसी गाड़ियों में घूमने वाले लोग पेंशन लेते रहे। यहां तक कि कुछ लोग, जो अच्छा खासा रसूख रखने वाले हैं, वह कम उम्र के होने के बाद भी अपने परिवार वालों की बुढ़ापा पेंशन लगवा गए। लेकिन अब इन सबके कागजों की जांच होगी, जिसके बाद पैसे वापस न किए तो कार्रवाई होगी। जिले में 8792 लोगों से 17 करोड़ की रिकवरी की जाएगी। इसके लिए विभाग ने जिले में कमर कस ली है।
जिले में साल 2017 में करवाई गई पेंशन घोटाले की जांच के बाद जहां 8762 लोगों को डिफाल्टर घोषित कर नोटिस बांटे जा रहे हैं वही 2017 में पड़ताल में सामने आई 17 करोड़ रुपए के हेरफेर में रिकवरी के लिए प्रयास तेज कर दिए है। इसमें फूड सप्लाई विभाग ने पिछले दिनों विभिन्न इलाकों में रिकवरी नोटिस बांटने वाले कर्मचारियों का विरोध करने व उनसे हाथोंपाई करने की शिकायतों के बाद स्पष्ट किया है कि उक्त नोटिस रिकवरी को लेकर नहीं है बल्कि लोगों को बताया जा रहा है कि उनका खाता डिफाल्टर किया जा रहा है। अगर वह विभाग के पास अपना पक्ष रखना चाहता है या फिर जताई गई आपत्ति को लेकर किसी तरह के सबूत देकर आश्वास्त करना चाहता है तो वह नोटिस के बाद दफ्तर में अपना पक्ष रख सकता है जिसमें विभाग की तरफ से गठित पैनल मामले की जांच करेंगा व अगर उनके दस्तावेज सही पाए जाते हैं तो उनकी पेंशन को आगे जारी रखा जाएगा। फिलहाल नोटिस के बाद अगर कोई डिफाल्टर सरकार से वसूल की राशि वापिस देना चाहता है तो वह विभाग के अधिकृत एकाउंट व डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से राशि सरकार को वापिस भी दे सकता है इसमें किसी भी व्यक्ति के खिलाफ किसी तरह की कानूनी कारर्वाई नहीं होगी।
विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में सीडीपीओं के मार्फत आशा वर्कर, आगनवाड़ी और हेल्परों से सहयोग से नोटिस वितरित किए जा रहे हैं जिसमें कुछ लोग गुमराह कर रहे है कि उनके खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज होगा जो सरासर गलत है। इसमें किसी के खिलाफ कोई कानूनी कारर्वाई अमल में नहीं लाई जा रही है बल्कि लोग इस जांच में विभाग का सहयोग करे। गौरतलब है कि पिछले कुछ साल में कई लोगों ने अधिक उम्र दिखाकर. कम जमीन व कम आय दिखाकर पेंशन कार्ड बनवाया है। इसमें वह कई साल तक सरकार से करोड़ों रुपए की पेंशन वसूल कर चुके हैं।
दूसरी तरफ गलत ढंग से सरकार से पेंशन के रूप में करोड़ों रुपये हड़पने वाले लोगों को रिकवरी नोटिस देने के लिए आंनगवाड़ी वर्करों की ड्यूटी लगाई है। मगर अब आंगनबाड़ी वर्करों ने यह नोटिस देने इंकार कर दिया है। उनका कहना है कि जब वह नोटिस लेकर ऐसे लोगों के पास जाती हैं तो उनके साथ बुरा व्यवहार किया जाता है। यहां तक कि गांव के लोग रिकवरी का ठीकरा आंगनवाड़ी वर्करों पर फोड़ रहे हैं। आंगनवाड़ी यूनियन की राज्य प्रधान हरगोबिदर कौर व छिदरपाल कौर ने बताया कि उनको पेंशन की राशि की रिकवरी के लिए नोटिस दिए गए हैं। अब अगर आंगनवाड़ी वर्कर पेंशन लेने वाले व्यक्ति के घर जाती है तो उसके साथ बदसलूकी की जाती है। जबकि लोग रिकवरी के लिए आंगनवाड़ी वर्करों को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
वर्करों ने भी किया नोटिस देने से इंकार
आंगनवाड़ी यूनियन की राज्य प्रधान हरगोबिदर कौर व छिदरपाल कौर का कहना है कि रिकवरी वाले लोग बोलते हैं कि रिकवरी आंगनवाड़ी वर्करों ने डलवाई है। जबकि रिकवरी देने वाला व्यक्ति नोटिस संबंधी पूछ पड़ताल करनी शुरू कर देता है और नोटिस लेने से मना कर देता है। जबकि उनके द्वारा इस मामले में विभाग के डायरेक्टर को पत्र लिख दिया गया है, मगर इसके बाद भी उनको नोटिस बांटने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
कई जगह आ रही समस्या : डॉ. तेअवासप्रीत कौर
जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी डॉ. तेअवासप्रीत कौर का कहना है कि नोटिस बांटने के लिए सीडीपीओ को ड्यूटियां लगाई गई हैं। जिनके द्वारा आगे आंगनवाड़ी वर्करों को नोटिस बांटने के लिए भेजा जा रहा है। मगर कई जगहों पर नोटिस बांटने को लेकर समस्या आ रही है, जिसको जल्द ही हल कर लिया जाएगा।
162 करोड़ रुपए का बुजुर्ग पेंशन घोटाला-3 साल जांच के बाद खुलासा, विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत उजागर
राज्य में बुजुर्ग पेंशन के नाम पर 162 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया है। इसमें 30 से 40 साल की महिलाओं और पुरुषों की उम्र में हेरफेर कर गलत तरीके से पेंशन ली गई है। साल 2015 में वास्तविक उम्र ज्यादा दिखाकर, पते गलत लिखे गए। फर्जीं इनकम सर्टिफिकेट लगाकर यह लाभ लिया गया। इस फर्जीवाड़े में सबंधित विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत भी उजागर हुई है। ये लोग करीब 2 साल तक पेंशन का लाभ लेते रहे। पेंशन का भार बढ़ने पर सरकार ने साल 2017 में इसकी जांच के आदेश दिए। जांच के बाद अब 3 साल बाद इस घोटाले का खुलासा हुआ। राज्य के 22 जिलों में 70,137 लोगों ने अवैध तरह से पेंशन निकाल सरकार को 162 करोड़ से ज्यादा के राजस्व का चूना लगाया।
वहीं मामले में खुलासा होने के बाद, सरकार ने सभी जिलों के सामाजिक सुरक्षा अधिकारियों को इस फर्जीवाड़े की रिकवरी के आदेश दिए हैं। सरकार ने सामाजिक सुरक्षा अधिकारियों से महीने में दो बार यानी हर 15 दिन में वसूली में हुई प्रगति की रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए। जो अधिकारी समय पर रिपोर्ट भेजने में देर करेंगे, उनके खिलाफ भी उचित कार्रवाई की जाएगी।
मामले में जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारीका कहना है कि शुक्रवार को उन्हें सरकार की ओर से वसूली का पत्र मिला है। अब विभाग डिप्टी कमिश्नर को लेटर भेजेगा। रिकवरी के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी वसूली का काम करवाएगी।
यह पेंशन पाने का नियम
- बुढ़ापा पेंशन योजना का लाभ 65 साल के पुरुष और 58 साल की महिला को मिलता है।
- बुढ़ापा पेंशन पाने के लिए पति-पत्नी की मासिक आय 6 हजार से अधिक नहीं होनी चाहिए ।
- ऐसे लोग जिनके पास 2 एकड़ या इससे कम जमीन है है, उन्हें भी बुढ़ापा पेंशन का लाभ मिलता है।
- पेंशन लगवाने को तहसील से आय प्रमाण पत्र बनवाना पड़ता है, जिसमें आय का ब्योरा देना होता है।
- इस स्कीम के तहत लोगों को जीवन यापन के लिए हर माह सरकार की ओर से 750 रुपए दिए जाते हैं।
ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा
साल 2014-15 में तमाम स्थानीय नेताओं ने तहसील कर्मियों की मिलीभागत से गलत आय प्रमाण पत्र बनवाए। फिर 30 से 40 साल तक की महिलाओं और पुरुषों को बुजुर्ग बताकर समाज कल्याण विभाग के अफसरों से मिलीभगत कर बुढ़ापा पेंशन में नाम दर्ज करवा लिया। ऐसे लोगों की भी पेंशन लगाई गई, जिनकी आमदनी हर महीने 50 हजार से ज्यादा है। वो दूध, जनरल स्टोर आदि के कारोबार से जुड़े हुए थे। ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऐसे लोगों की पेंशन लगवाई गई, जिनके पास दस-दस एकड़ तक जमीन है। स्थानीय नेताओं ने सरकार का रौब दिखाकर यह पेंशन बनवाई।
डायरेक्टर बोले-सभी जिलों को रिकवरी के आदेश दिए गए हैं
सभी 22 जिलों में गलत तरीके से बुढ़ापा पेंशन का लाभ लेने वाले लोगों से वसूली करने के लिए लेटर भेज दिया गया है। सभी जिला समाज सुरक्षा अधिकारियों से संबंधित लोगों से जल्द से जल्द रिकवरी करने को कहा गया है। यदि रिकवरी में देर हुई तो अगली कार्रवाई की जाएगी। -दीपर्व लाकड़ा, डायरेक्टर सोशल सिक्योरिटी वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट