क्या काली मिर्च के सेवन से ठीक हो सकता है कोरोना – जानें क्या वास्तव में ऐसा है

पिछले दिनों सोशल मीडिया (Social Media)पर एक संदेश वायरल (Viral Massage) होना शुरू हुआ कि काली मिर्च (Black Papper) के जरिए पांडिचेरी यूनिवर्सिटी (Pondicherry University) के एक स्टूडेंट ने कारगर दवा बनाई है. इसे WHO ने भी मंजूरी दे दी है. क्या वास्तव ऐसा है

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पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक नया मैसेज वायरल होना शुरू हुआ. ये वाट्सएप से लेकर ट्विटर तक प्रसारित हुआ कि काली मिर्च के सेवन से कोरोना से बचा सकता है. बकायदा ये भी लिखा गया कि पांडिचेरी मेडिकल कॉलेज के एक छात्र ने इसे बनाया है. साथ ही वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन इसे मंजूरी भी दे चुका है. वैसे तो ये बात सही है कि काली मिर्च का सेवन हमारे देश में सैकड़ों सालों से कई बीमारियों में किया जाता रहा है. आयुर्वेद में भी काली मिर्च के आधार पर कई दवाइयां तैयार होती हैं. ये भी सही है कि एक जमाने में काली मिर्च का इस्तेमाल चिकित्सीय कामों में ही होता है. खाने के मसाले के तौर पर उसकी उपयोगिता बाद में शुरू हुई. इसलिए भारत में पैदा होने वाला काला मिर्च 16-17वीं शताब्दी में सोने के भाव बेचा जाता था. भारत में पैदा होने वाले काली मिर्च की विदेशों में बड़ी मांग थी.

ये संदेश हो रहा है वायरल
अब हम आपको बताते हैं कि कौन सा संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. जिसमें कहा गया कि इसका घरेलू इलाज मिल गया है. ये है वो संदेश

“एक सुखद समाचार, अन्ततोगत्वा पॉन्डिचेरी विश्वविद्यालय के एक भारतीय छात्र रामू ने कोविड-19 का घरेलू उपचार खोज लिया जिसे WHO ने पहली बार में ही स्वीकृति प्रदान कर दी. उसने सिद्ध कर दिया कि एक चाय के चम्मच भरकर काली मिर्च का चूर्ण, दो चम्मच शहद, थोड़ा सा अदरक का रस, लगातार 5 दिनों तक लिया जाय तो कोरोना के प्रभाव को 100% तक समाप्त किया जा सकता है. सम्पूर्ण जगत इस उपचार को लेना आरम्भ कर रहा है. अन्ततः 2020 में एक सुखद अनुभव. इसे अपने सभी समूहों में प्रेषित अवश्य करें. धन्यवाद.”

इसके अलावा ट्विटर पर भी ये संदेश अंग्रेजी में प्रसारित हुआ. इसमें भी यही दावा किया गया

क्या कहा पांडिचेरी यूनिवर्सिटी ने 
जब इसकी सच्चाई के लिए कुछ पत्रकारों ने पांडिचेरी यूनिवर्सिटी के वायस चांसलर से संपर्क किया, तो उन्होंने साफतौर पर इस खबर को फर्जी बताया.
उनका कहना था कि हमें नहीं मालूम कि ये गलत खबरें कैसी प्रसारित हो रही हैं और कैसे पैदा हुई हैं लेकिन सच्चाई ये है कि यूनिवर्सिटी में ऐसा कुछ नहीं हुआ है और ना ही किसी छात्र ने ऐसा कोई घरेलू नुस्खा तैयार किया है, जिससे कोरोना का उपचार हो सकता है.

क्या कहता है WHO

WHO ने साफतौर पर अपने वेबसाइट के जरिए ऐसी किसी दवा का खंडन किया है. वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन ने भ्रामक ख़बरों से बचाव के लिए एक अलग सेक्शन बना रखा है, जिसे लगातार अपडेट किया जाता है. और कहीं अगर कोई अफवाह या फर्जी खबर वायरल हो रही हो तो भी डब्ल्यूएचओ इस पर तुरंत संज्ञान लेता है.

अब तक कोई दवा नहीं

WHO ने साफ़ किया है कि कोरोना वायरस की अब तक कोई दवा नहीं बनी है और न ही काली मिर्च के खाने में इस्तेमाल करने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि काली मिर्च आपके खाने को स्वादिष्ट बना सकती है लेकिन कोरोना वायरस से नहीं बचा सकती है.
हालांकि, WHO ने ये स्वीकार किया है कि कुछ पश्चिमी, पारंपरिक और घरेलू उपचार कोविड-19 के लक्षणों में राहत दे सकते हैं लेकिन वो इस बीमारी का इलाज नहीं हैं.

क्या हिदायत बरतें कोरोना से बचने के लिए 

WHO ने फिर कहा है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए लोगों से एक मीटर की दूरी बनाए रखें, लगातार हाथ धोएं, संतुलित खाएं, पानी ठीक से पिएं, व्यायाम करें और अच्छी नींद लें. साथ ही मास्क जरूर पहनें. वही सरकार की तरफ से इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाने के लिए अगर किसी तरह की अधिकृत तौर पर सुझाव दिए है या फिर हिदायत दी हैै तो उसे अपने डाक्टर से संपर्क करने के बाद इस्तेमाल किया जा सकता है जो कोरोना से लड़ने में आपकी सहायता कर सकता है लेकिन यह उपाय कोरोना को खत्म करेगा या फिर आपकों अपनी गिरफ्त मेें नहीं लेगा यह कहना सही नहीं होगा।

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