चंडीगढ़। राज्य में गुंडा टैक्स की वसूली के मामले में हाई कोर्ट द्वारा सीबीआइ जांच के लिए दिए गए आदेश में पंजाब सरकार संशोधन चाहती है। इसके लिए राज्य सरकार हाई कोर्ट में अर्जी दायर की है। पंजाब खनन विभाग के निदेशक वीएन जेडे ने अर्जी में कोर्ट से मांग की कि सीबीआई को प्रारंभिक जांच करने के आदेश में संशोधन किया जाए। क्योंकि, पंजाब में खदानों के पास रेत और बजरी के ट्रकों से अवैध वसूली के संबंध में रोपड़ जिला लीगल सर्विस अथॉरिटी की रिपोर्ट में बताए गए बैरियरों पर गुंडा टैक्स या रॉयल्टी वसूले जाने का कोई जिक्र नहीं है।
उन्होंने कहा कि किसी मामले की जांच तभी सीबीआई को स्थानातंरित की जानी चाहिए जब कोर्ट को लगे कि संबंधित पक्षों को न्याय देने के लिए ऐसा जरूरी है। सरकार द्वारा पहले ही कई स्थानों पर बैरियर या चैक प्वाइंट बनाए गए थे। इसलिए इस याचिका का निपटारा कर दिया जाना चाहिए था। मौजूदा तथ्यों की रोशनी में कोर्ट द्वारा 11 अगस्त को सीबीआई को इस मामले की प्रारंभिक जांच करने के दिए गए अपने आदेश में संशोधन करना चाहिए।
जस्टिस राजन गुप्ता और जस्टिस करमजीत सिंह की खंडपीठ ने अर्जी पर सुनवाई को स्थगित कर दिया है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बेहतर होगा कि इस अर्जी पर इस मामले की पहले से सुनवाई कर रही पीठ ही विचार करे।
गौरतलब है कि रोपड़ के चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट (सीजेएम) और जिला लीगल सर्विस अथॉरिटी के सचिव हरसिमरनजीत सिंह ने हाई कोर्ट में दी गई रिपोर्ट में कहा था कि रोपड़ में खदानों के पास अवैध चेक प्वाइंट और बैरियरों पर अवैध वसूली की जाती रही है। उन्होंने खुद तीन ऐसे स्थानों का दौरा किया जहां ऐसे बैरियर या चैक प्वाइंट बनाए गए हैं। तीनों जगह बैरियर पूरी तरह से चालू थे और रेत व बजरी ले जाने वाले ट्रकों से रायल्टी के नाम पर वसूली की जाती है।
मोहाली के रहने वाले बचित्तर सिंह ने रोपड़ में अवैध वसूली किए जाने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी और ऐसे बैरियरों व चैक प्वाइंट्स की तस्वीर भी कोर्ट में पेश की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने रोपड़ के सीजेएम को जांच करने के लिए कहा गया था।