बठिंडा में यूथ अकाली नेता सुखमनप्रीत की हत्या पैसे के लेनदेन को लेकर उठे विवाद के चलते हुई
-मृतक को दिए थे तीन लाख पर एक लाख देने की बजाय 40 हजार दिए तो कर दी हत्या -जिस रिवाल्वर को सुखनप्रीत सिंह ने अपनी रक्षा के लिए खरीदा था वही रिवाल्वर से आरोपी ने गोली चला कर दी जीवन लीला समाप्त
बठिंडा. शनिवार की देर सांय बठिंडा में रेलवे कालोनी स्थित पानी की डिग्गी के नजदीक सड़क के किनारे हुए अकाली नेता के कत्ल की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली। मामला फाइनेंस के काम में दिए उधारी के पैसे को लेकर उठा विवाद था। इसमें आरोपी व्यक्ति से मृतक ने तीन साल पहले तीन लाख रुपए उधार लिए थे व घटना वाले दिन एक लाख रुपए वापिस करने का वायदा किया था लेकिन मृतक केवल 40 हजार रुपए का इंतजाम कर पाया। इसी बात को लेकर दोनों में तकरारबाजी हुई व आरोपी ने मृतक सुखनप्रीत सिंह के उसी लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली चलाकर उसकी हत्या कर दी जिसे उसने अपनी रक्षा के लिए खरीदा था व बकायदा लाइसेंस बनवाया था।
पुलिस ने आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के बाद लाइसेंसी रिवाल्वर भी बरामद कर ली है। घटना के सबंध में एसएसपी भुपिंदरजीत सिंह विर्क ने बताया कि पांच सितंबर की रात करीब 10 बजे बठिंडा के लाल सिंह बस्ती गली नंबर 9 वासी सुखनप्रीत सिंह सिद्धू की अज्ञात लोगों ने सिर में गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस संबंध में कनाल पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। जांच टीम में एसपी गुरविंदर सिंह संघा, एसपी सिटी जसपाल सिंह, डीएसपी सिटी गुरजीत सिंह रोणामा व थाना कनाल पुलिस प्रभारी चमकौर सिंह को शामिल कर हर पहलु से मामले की जांच करने की हिदायत दी गई। इसमें पुलिस टीम ने घटना के कुछ घंटों बाद ही मामले की तह तक जाने में सफलता हासिल कर ली। पुलिस ने मृतक के परिजनों के बयान के साथ उसके नजदीकियों से पूरे मामले की पूछताछ की व उसे किए गए फोन की डिचेल निकाली गई। इस दौरान पुलिस के पास आरोपी संजय ठाकुर उर्फ सम्मी वासी गली नंबर 30-40 प्रताप नगर बठिंडा पर शक की सुई घूमने लगी।
आरोपी घटना के बाद अपनी पत्नी को छोड़ने शहर से बाहर चला गया। पुलिस ने इसमें आरोपी को तब तक शक नहीं होने दिया कि पुलिस उसे आरोपी मानकर जांच कर रही है जब तक वह पुलिस के हाथ नहीं लग सका। इसमें पुलिस ने सोमवार की सुबह आरोपी को बस अड्डा गांव जय सिंह वाला से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने पुलिस के सामने माना कि उसका सुखनप्रीत सिंह के साथ लंबे समय से पैसों का लेनदेन चल रहा था। संजय ठाकुर लोगों को मोटे ब्याज पर पैसे देने का काम करता था। इसमें तीन साल पहले मृतक अकाली नेता सुखनप्रीत सिंह ने आरोपी से तीन लाख रुपए उधार लिया था। जिसमें एक लाख रुपए की अदायगी करने की बात हुई व घटना वाले दिन सुखनप्रीत सिंह ने घर से 90 हजार रुपए मांगे लेकिन इतने पैसों को इंतजाम नहीं हो सका तो उसने 40 हजार रुपए लेकर अपनी स्कूटी में सवार होकर संजय ठाकुर को प्रताप नगर में देने चला गया। इस दौरान आरोपी ने एक लाख की बात कर सिर्फ 40 हजार देने पर सुखनप्रीत सिंह को भला बुरा कहा व दोनो में जमकर तकरारबाजी हुई।
इसके बाद आरोपी लोगों ने मृतक को रेलवे कालोनी में पानी वाली डिग्गी के साथ लगती सड़क में रोककर हाथों पाई की व सुखनप्रीत सिंह के लाइसेंसी रिवाल्वर को छीनकर उसके सिर में गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी को उस समय गिरफ्तार किया जब वह घटना को अंजाम दे अपनी पत्नी को दिल्ली छोड़कर वापिस बठिंडा की तरफ लौट रहा था। उसे पूरा विश्वास था कि इस मामले में पुलिस उस तक पहुंच नहीं सकती इसी के चलते वह निश्चित होकर घूमता रहा। वही पुलिस ने आरोपी के पास से 32 बोर का पिस्टल जो मृतक के नाम था हासिल कर लिया है। वही आरोपी को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड हासिल कर मामले की जांच की जा रही है। हत्या का आरोपी करीब 35 साल का है व फाइनेंस का काम पिछले लंबे समय से कर रहा था व बीए पास है। आरोपी से 30 हजार रुपए की नगदी भी बरामद हुई है।