PUBG बैन के बाद चीन की Tencent को लगा बड़ा झटका, अब तक 2.5 लाख करोड़ का नुकसान

PUBG Ban: कुछ दिन पहले ही भारत सरकार ने PUBG गेमिंग ऐप समेत 118 ऐप को बैन कर दिया है. बैन होने वाले इन ऐप्स में से कई ऐसे हैं, जिनका मालिकाना हक चीन की Tencent के पास है. बैन के बाद इस कंपनी को 34 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है.

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नई दिल्ली. भारत सरकार द्वारा हाल ही मोबाइल गेम PUBG बैन करने का झटका तो देश की गेमिंग कम्युनिटी को लगा ही है. लेकिन, इस गेम की डेवलपर कंपनी टेन्सेन्ट (Tencent) को सबसे बड़ा नुकसान हुआ है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन की इस टेक कंपनी की मार्केट वैल्यू (Tencent Market Value) में करीब 34 अरब डॉलर (करीब 2,48,000 रुपये) की गिरावट आई है. टेन्सेन्ट की मार्केट वैल्यू में इतनी बड़ी गिरावट भारत सरकार द्वारा PUBG समेत 118 ऐप्स बैन करने के एक दिन बाद आई है. सरकार ने PUBG के अलावा Arena of Valor, Chess Run, और Ludo World जैसे मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है. इन सभी मोबाइल गेम का एसोसिएशन टेन्सेन्टे से हैं. माना जा रहा है इन मोबाइल ऐप्स पर बैन के बाद ही कंपनी की मार्केट वैल्यू में यह गिरावट आई है.

भारत से सबसे ज्यादा कमाई करती थी टेन्सेन्ट

टेन्सेन्ट PUBG गेमिंग ऐप के जरिए ही भारत से सबसे ज्यादा कमाई करती थी. हर रोज इस गेम को करीब 3 करोड़ एक्टिव यूजर्स मिलते थे. इस गेम के सबसे ज्यादा एक्टिव यूजर्स की मामले में भारत टॉप पर था. यही कारण था कि टेन्सेन्ट भारत का सबसे ज्यादा कमाई करने वाला ऐप था.

हाल ही में अमेरिका ने बैन किया था WeChat

भारत में इसे बैन किए जाने के बाद से ही टेन्सेन्ट के स्टॉक्स में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. हॉन्गकॉन्ग एक्सचेंज पर कंपनी के शेयरों का भाव 545 डॉलर से घटकर 519 डॉलर पर आ गया है. हाल ही में कंपनी के एक और ऐप WeChat पर अमेरिका में राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर बैन करने का ऐलान किया गया था. इसके बाद भी टेन्सेन्ट को भारी नुकसान हुआ था.

ऐप स्टोर से हटा PUBG ऐप
भारत में गूगल प्ले स्टोर और एप्पल ऐप स्टोर से PUBG मोबाइल ऐप को हटा दिया गया है. हालांकि, यह गेम अभी भी उन यूजर्स के स्मार्टफोन में एक्टिव है, जिन्होंने पहले ही इसे इंस्टॉल कर लिया था.

आपको बता दें कि यह पहला ऐसा मौका नहीं है जब किसी PUBG मोबाइल ऐप को बैन करने का फैसला लिया गया है. इसके पहले भी कुछ शहरों में PUBG ऐप को बैन करने की बात सामने आ चुकी है. हालांकि, पहले इसका कारण बताया गया था कि यह मानसिक स्तर पर युवाओं को प्रभावित करता है. कुछ ऐसे मामले भी सामने आ चुके हैं, जहां स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर कम ध्यान ​रहता था. वो अपशब्द, चोरी और कुछ मामलों में सुसाइड जैसे कदम उठा चुके हैं.

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