फेसबुक इंडिया के प्रमुख अजीत मोहन संसदीय समिति के समक्ष पेश, दो घंटे चली पूछताछ
फेसबुक के प्रतिनिधियों (Representatives of Facebook) सहित सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति (Parliamentary Standing Committee) ने चर्चा को आगे फिर से शुरू करने पर सहमति व्यक्त की.
नई दिल्ली. फेसबुक के कथित पक्षपात को लेकर पैदा हुए विवाद के बीच इस सोशल मीडिया मंच के भारत प्रमुख अजीत मोहन से बुधवार को एक संसदीय समिति ने करीब दो घंटे तक पूछताछ की. सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति (Parliamentary Standing Committee on Information Technology) के अध्यक्ष शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने ट्वीट (Tweet) में बताया है कि यह मीटिंग स्थगित किये जाने से पहले करीब साढ़े तीन घंटे चली. उन्होंने अपने ट्वीट में यह भी लिखा कि मीडिया (media) की ओर से इस मीटिंग में जबरदस्त रुचि दिखाई गई है.
फेसबुक के प्रतिनिधियों (Representatives of Facebook) सहित सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति (Parliamentary Standing Committee on Information Technology) ने सर्वसम्मति (unanimously) से चर्चा को आगे फिर से शुरू करने पर सहमति व्यक्त की. इस बात की जानकारी भी कांग्रेस नेता शशि थरूर (Congress Leader Shashi Tharoor) ने ट्वीट करके दी है, जो स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं.
संसदीय समिति फेसबुक मुद्दे पर हुई चर्चा
बता दें कि फेसबुक मुद्दे पर राजनीतिक घमासान के बीच संसद की एक समिति ने बुधवार को बैठक की और इस सोशल मीडिया मंच के कथित दुरुपयोग को लेकर चर्चा की. इससे पहले मंगलवार को सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग को पत्र लिखा था.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर की अध्यक्षता वाली सूचना प्रौद्योगिकी मामलों की स्थायी समिति ने फेसबुक के प्रतिनिधियों को तलब किया था और नागरिक अधिकारों की रक्षा के विषय तथा सोशल मीडिया मंच के कथित दुरुपयोग पर उनके विचार सुनने की बात कही थी.
वहीं, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जुकरबर्ग को तीन पन्नों का पत्र लिखकर कहा था कि फेसबुक के कर्मचारी चुनावों में लगातार हार का सामना करनेवाले लोगों तथा प्रधानमंत्री और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों को कथित ‘‘अपशब्द’’ कहने वालों का समर्थन कर रहे हैं.