अब यादों में प्रणब दा:पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पंचतत्व में विलीन, दिल्ली में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया
प्रणब मुखर्जी का सोमवार को निधन हुआ था, 10 अगस्त को ब्रेन सर्जरी के बाद वे रिकवर नहीं हो पाए 1969 में राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई, विदेश, वित्त, रक्षा मंत्री जैसे बड़े पोर्टफोलियो संभाले
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (84) का अंतिम संस्कार दिल्ली के लोधी रोड स्थित श्मशान में राजकीय सम्मान के साथ किया गया। बेटे अभिजीत मुखर्जी ने अंतिम क्रियाएं पूरी कीं। कोरोना प्रोटोकॉल के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके परिवार के लोग और रिश्तेदार पीपीई किट पहने हुए थे।
#WATCH Delhi: Former President #PranabMukherjee laid to rest with full military honours.
His last rites were performed at Lodhi crematorium today, under restrictions for #COVID19. pic.twitter.com/VbwzZG1xX9
— ANI (@ANI) September 1, 2020
इससे पहले उनके 10 राजाजी मार्ग स्थित घर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने श्रद्धांजलि दी थी।
प्रणब का सोमवार शाम निधन हो गया था। 10 अगस्त से दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल (आर एंड आर) हॉस्पिटल में भर्ती थे। इसी दिन ब्रेन से क्लॉटिंग हटाने के लिए इमरजेंसी में सर्जरी की गई थी। इसके बाद से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। वे कोरोना से संक्रमित भी हो गए थे। प्रणब के निधन पर 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है।
अपडेट्स
चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान आया है कि प्रणब ने 50 साल की राजनीति में भारत-चीन के रिश्तों में सकारात्मक भूमिका निभाई। उनका जाना दोनों देशों के रिश्तों और भारत के लिए एक बड़ा नुकसान है।
#WATCH Delhi: The mortal remains of former President #PranabMukherjee brought to Lodhi Crematorium.
He had tested positive for #COVID19 and had undergone surgery for a brain clot at Army (R&R) Hospital on August 10, where he passed away yesterday. pic.twitter.com/24h4hHxZ2L
— ANI (@ANI) September 1, 2020
प्रणब दा क्लर्क रहे, कॉलेज में भी पढ़ाया
प्रणब का जन्म ब्रिटिश दौर की बंगाल प्रेसिडेंसी (अब पश्चिम बंगाल) के मिराती गांव में 11 दिसंबर 1935 को हुआ था। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस और हिस्ट्री में एमए किया। वे डिप्टी अकाउंट जनरल (पोस्ट एंड टेलीग्राफ) में क्लर्क भी रहे। 1963 में वे कोलकाता के विद्यानगर कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस के लेक्चरर भी रहे।
Delhi: The mortal remains of former President #PranabMukherjee being taken from his residence, 10 Rajaji Marg, to Lodhi Crematorium.
He had tested positive for #COVID19 and undergone surgery for a brain clot at Army (R&R) Hospital on August 10, where he passed away yesterday. pic.twitter.com/ISK1jMFOPj
— ANI (@ANI) September 1, 2020
1969 में शुरू हुआ राजनीतिक सफर
प्रणब के पॉलिटिकल करियर की शुरुआत 1969 में हुई। उन्होंने मिदनापुर उपचुनाव में वीके कृष्ण मेनन का कैम्पेन सफलतापूर्वक संभाला था। तब प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी ने उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें पार्टी में शामिल कर लिया। 1969 में ही प्रणब राज्यसभा के लिए चुने गए। इसके बाद 1975, 1981, 1993 और 1999 में राज्यसभा के लिए चुने गए।