भारत ने कोरोना वैक्सीन को लेकर बनाया ग्लोबल प्लान, पाकिस्तान को छोड़कर सभी पड़ोसी देशों को मिलेगी मदद

कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को लेकर अब खबर मिली है कि केंद्र सरकार (Central Government) अपने साथ ही पड़ोसी देशों को भी वैक्सीन (Vaccine) की आपूर्ति करने का ग्लोबल प्लान ​तैयार कर रही है. इसमें पश्चिम एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के देश भी शामिल हैं.

0 1,000,267
नई दिल्ली. देश में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण के बीच भारत (India) में जल्द कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के आने की खबर है. कोरोना वैक्सीन के बाजार में आने के बाद लोगों तक इसकी पहुंच बनाने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) पांच अलग-अलग तरीकों पर काम कर रही है. इसमें नि:शुल्क टीकों से लेकर गारंटीकृत आपूर्ति तक शामिल है. कोरोना वैक्सीन को लेकर अब खबर मिली है कि केंद्र सरकार अपने साथ ही पड़ोसी देशों को भी वैक्सीन की आपूर्ति करने का ग्लोबल प्लान ​तैयार कर रही है. इसमें पश्चिम एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के देश भी शामिल हैं.

भारत में इस समय तीन कोरोना वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है. पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के बारे में खबर है कि वह कोरोना वैक्सीन बाजार में उतारने के काफी करीब पहुंच चुकी है. सीरम कंपनी के साथ एस्ट्राज़ेनेका सहित तीन कंपनियों की भागीदारी है. कोरोना वैक्सीन की योजना से परिचित एक अधिकारी ने बताया कि अभी इस योजा को लेकर कोई फाइनल प्लान नहीं बनाया गया है. इसके आखिरी रूप को लेकर प्लान बनाया जाना बाकी है.

हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक नीति आयोग के डॉक्टर वीके पॉल के नेतृत्व में
कोरोना वैक्सीन पर विशेषज्ञों के समूह के बीच ​बातचीत चल रही है. अधिकारियों के मुताबिक एक बार वैक्सीन के बनने को लेकर अप्रूवल मिल जाए इसके बाद वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर सरकार संभावित लाभार्थियों के साथ अग्रीमेंट साइन करेगी. अधिकारियों ने बताया कि वैक्सीन किन देशों को दी जाए इस पर सावधानी के साथ विचार किया जाएगा. गलोबल वैक्सीन आपूर्ति को लेकर सरकार कई तरीके से विचार कर रही है. सरकार के प्लान में पहला नि: शुल्क वितरण शामिल है जो बांग्लादेश, अफगानिस्तान जैसे आस-पास के पड़ोसी देशों तक सीमित हो सकता है. हालांकि इसमें पाकिस्तान को शामिल नहीं किया गया है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पाकिस्तान चीन में बन रही कोरोना वैक्सीन पर निर्भर है.

दूसरे मॉडल के तहत कोरोना वैक्सीन उन गरीब देशों में काफी रियायती दाम पर दी जाएगी. इससे कई अफ्रीकी देशों को इसका लाभ मिल सकता है. तीसरे मॉडल के तहत कई देशों को बाजार मूल्य पर इन वैक्सीन को उपलब्ध कराया जाएगा. जब काफी संख्या में वैक्सीन तैयार हो जाएगी उस वक्त इसे खुले बाजार में वितरित किया जाएगा. चौथे मॉडल के तहत कुछ देशों से भारत के तीसरे चरण के परीक्षणों में भाग लेने के लिए संपर्क किया जाएगा. जबकि पांचवें मॉडल के तहत भारत कुछ देशों को दो घरेलू टीकों के उत्पादन की भी मंजूरी दे सकता है.

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.