बठिंडा में कर्फ्यू व लॉकडाऊन के बीच अकाली नेता सरुप सिंगला के मैरिज पैलेस सहित तीन किए सील

नगर निगम ने शहर में तीन मैरिज पैलेसों को किया सील, पैलेस संचालकों ने जताया विरोध

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बठिंडा. शहर में करीब तीन साल बाद नगर निगम की तरफ से कथित अनधिकृत तौर पर चल रहे मैरिज पैलेसों के खिलाफ कारर्वाई शुरू की है। इसके तहत शनिवार को निगम टैक्स सुपरिटेंडेंट की तरफ से टीम के साथ जाकर तीन मैरिज पैलेसों को सील कर दिया। इसमें एक पैलेस अकाली दल के वरिष्ठ नेता का भी है। नगर निगम की बिल्डिंग ब्रांच व टैक्स डिपार्टमेंट ने कार्रवाई की। निगम कमिश्नर के आदेशों पर मैरिज पैलेसों को सील करने की कार्रवाई को अंजाम दिया गया। इस दौरान बरनाला रोड स्थित जीत पैलेस, स्काईलैड व किंग फीसर पैलेस को सील कर दिया।

गौरतलब है कि तीन साल पहले भी स्थानीय निकाय विभाग के एडीशनल चीफ सेक्रटरी डीपी रेडी ने 3 मार्च 2017 को निगम कमिश्नर को पत्र लिखकर शहर में अधिकृत तौर पर चल रहे मैरिज पैलेसों के खिलाफ कार्रवाई करने की हिदायत दी थी। कुलविंदर सिंह की तरफ से पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में प्रदेश में बने अवैध मैरिज पैलेसों के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई थी। इसी याचिका के आधार पर साल 2017 से लेकर अब तक समय-समय पर मैरिज पैलेस संचालकों को सरकार की तरफ से जारी हिदायतों की पालना करने व पैलेस को रैगुलर करवाने की हिदायते जारी की गई थी।

कई पैलेस संचालकों ने तो हिदायतों की पालना करते बनती फीस व मंजूरी भी हासिल कर ली लेकिन वर्तमान में कोरोना वायरस के चलते पैलेसों का काम मंदा पड़ गया है जिसके चलते पैलेस संचालक सरकारी फीस व औपचारिकता पूरी करने में सफल नहीं हो सके। अवैध पैलेसों के संबंध में कहा जा रहा है कि बठिंडा-गोनियाना रोड पर एक रिजोर्ट रेडक्रॉस की जमीन पर बनाया हुआ है, जबकि संजय नगर में पैलेस वक्फ बोर्ड की जमीन पर है, जबकि खेल स्टेडियम के सामने स्थित पैलेस जिला परिषद की जमीन पर है। इन तमाम पैलेसों के साथ दूसरे पैलेसों में भी कई तरह की खामियां पाई गई है जिन्हें सरकार के साथ स्थानीय निकाय विभाग की तरफ से समय-समय पर नोटिस निकालकर इन्हें बंद करने की हिदायतें जारी होती रही है।
दरअसल, प्रदेश में अवैध तौर पर बने मैरिज पैलेसों के खिलाफ पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में कुलविंदर सिंह नामक व्यक्ति ने जनहित याचिका दायर कर रखी है। इस पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को साल 2017 से लेकर अब तक नोटिस जारी करते हुए अवैध मैरिज पैलेसों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की थी।

राजनीतिक कारणों से कारर्वाई को लेकर उठाए जा रहे हैं सवाल 

नगर निगम बठिंडा ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अकाली नेता के मैरिज पैलेस सहित तीन पैलेसों को कर्फ्यू व लॉकडाऊन के बीच सील कर दिया जो शहर व सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। निगम ने शनिवार की छुट्टी व प्रदेश में लगे लॉकडाऊन की प्रवाह किए बिना पूर्व अकाली विधायक सरूप चंद सिंगला का जीत पैलेस व दो अन्य पैलेस जिनमें सकाई लैंड, किंगफीशर को अनिमिताओं के चलते सील कर दिया। निगम इसके पीछे के कारणों का एन.ओ.सी. व लाइसैंस की आपूर्वल बता रहा है लेकिन राजनीति भी इसमें छुपी नहीं। पिछले कुछ दिनों से अकाली नेता सरूप चंद सिंगला कांग्रेस पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहा है इस संबंधी उन्होंने कई प्रैस कान्फ्रैसें भी आयोजित की ओर आरोप सीधे वित्त मंत्री पर लगाए। चर्चा यह है कि द्वेश की भावना से यह कार्रवाई उस समय की गई जब पूरे प्रदेश में लॉकडाऊन लगा हुआ है। निगम अधिकारियों ने इसके पीछे राजनीति को मानने से इंकार किया ओर कहा कि उन्होंने कानून अनुसार कार्रवाई की।

क्या कहते है निगमायुक्त

मैरिज पैलेसों पर की गई अचानक कार्रवाई के संबंध में निगमायुक्त विक्रमजीत सिंह शेरगिल का कहना है कि उन्होंने मैरिज पैलेसों पिछले 6 महीने से लगातार रेगूलाईज व एन.ओ.सी. लाने के कई नोटिस जारी किए परन्तु किसी ने भी इस पर गौर नहीं किया। उन्होंने बताया कि वीरवार को आखिर उन्होंने आदेश जारी कर गैर कानूनी मैरिज पैलेसों को सील करने के लिए अधिकारियों को कहा। बार बार नोटिस जारी किए ओर उन्हें कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए समय भी दिया परन्तु वह टस से मस नहीं हुए। उन्होंने कहा कि इसमें राजनीति का कोई मतलब नहीं क्योंकि मैरिज पैलेस सीधे उनके अधिकारत क्षेत्र में है इसलिए कार्रवाई की गई। यह सभी मैरिज पैलेस गैर कानूनी तौर पर चल रहे थे जबकि कर्फ्यू व लॉकडाऊन को लेकर अभी उनका काम धंधा बंद है इसीलिए उन्हें बार बार प्रदूषण व वन विभाग से एन.ओ.सी. लेने के लिए कहा जो उन्होंने पूरा नहीं किया।

 

क्या कहते है अकाली नेता सरूप चंद सिंगला

पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला का कहना है कि वह बार-बार कांग्रेस के भ्रष्टाचार की पोल खोल रहे है जिस कारण उन पर बदले की भावना से कार्रवाई की गई है। चूकि नगर निगम पूरा वित्त मंत्री के नियंत्रण में है इसलिए यह कार्रवाई उस समय की जब शहर में कफ्र्यू लगा है और सड़के सुनसान पड़ी हुई है। सिंगला का कहना है कि उन्हें नगर निगम की कार्रवाई की कोई परवाह नहीं अगर एक साल तक भी पैलेस बंद रहेंगे तो भी फर्क नहीं पड़ता। शहर की जनता सब कुछ जानती है और अगले चुनावों में इन्हें सबक भी सिखा देगी।

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