नई दिल्ली. रक्षा मंत्रालय तीनों सेनाओं के बीच सामंजस्य के व्यापक सिद्धांत के तहत नयी वायु रक्षा कमान (Air defense command) की स्थापना के संदर्भ में अक्टूबर में घोषणा कर सकता है. इस मामले से जुड़े लोगों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नयी वायु रक्षा कमान भारतीय सेना की मिसाइलों जैसी कुछ परिसंपत्तियों को संभालेगी. तीनों सेनाओं (थल सेना, वायु सेना और नौ सेना) के बीच जुड़ाव पर ध्यान केंद्रित करते हुए नयी वायु रक्षा कमान की रूपरेखा तैयार करने के लिए इस साल एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया था.
यह पहल सभी मौजूदा सैन्य कमानों को भविष्य की सभी सुरक्षा चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने में मदद के लिए नये सिरे से डिजाइन करने के प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के कार्यक्षेत्र का हिस्सा है. समझा जाता है कि वायु रक्षा कमान वायुसेना की पश्चिमी कमान के तहत, (जिसका मुख्यालय दिल्ली में है) या मध्य कमान (जिसका मुख्यालय प्रयागराज में है) के तहत किसी क्षेत्र में स्थापित की जा सकती है.
इजराइल से दो और फाल्कन हवाई चेतावनी एवं नियंत्रण प्रणाली खरीदी जाएगी
वायुसेना के पास पहले से तीन फाल्कन ‘अवाक्स’ हैं तथा दो और मिल जाने से देश की हवाई रक्षा और अधिक मजबूत होने की उम्मीद है. एक सूत्र ने बताया, ‘‘दो और फाल्कन अवाक्स के लिये मंजूरी प्रदान करने की प्रक्रिया अंतिम चरण के नजदीक है.’उन्होंने बताया कि प्रस्ताव पर सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की अगली बैठक में चर्चा होने की उम्मीद है.