नौकरी के लिए 40 दिनों में 69 लाख ने किया पंजीकरण, लेकिन केवल 7700 को मिला रोजगार
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (Ministry of Skill Development and Entrepreneurship) के आंकड़ों के अनुसार, पोर्टल पर पंजीकृत 3.7 लाख उम्मीदवारों में से केवल 2 प्रतिशत को वास्तव में रोजगार मिल सका है. इसके अलावा, लगभग 69 लाख प्रवासी श्रमिकों (migrant workers) ने पोर्टल पर पंजीकरण किया था, लेकिन केवल 1.49 लाख लोगों को ही नौकरी की पेशकश की गई. हालांकि, केवल 7,700 ही काम शुरू कर सके.
द इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट में बताया कि कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (Ministry of Skill Development and Entrepreneurship) के आंकड़ों के अनुसार, पोर्टल (portal) पर पंजीकृत 3.7 लाख उम्मीदवारों में से केवल 2 प्रतिशत को वास्तव में रोजगार मिल सका है. इसके अलावा, लगभग 69 लाख प्रवासी श्रमिकों (migrant workers) ने पोर्टल पर पंजीकरण किया था, लेकिन केवल 1.49 लाख लोगों को ही नौकरी की पेशकश (offered jobs) की गई. हालांकि, केवल 7,700 ही काम शुरू कर सके.
पोर्टल सिर्फ प्रवासी श्रमिकों के लिए नहीं
मंत्रालय ने कहा कि पोर्टल सिर्फ प्रवासी श्रमिकों के लिए नहीं है. सूची में स्व-नियोजित दर्जी, इलेक्ट्रीशियन, फील्ड-तकनीशियन, सिलाई मशीन ऑपरेटर, कूरियर डिलीवरी कर्मचारी, नर्स, एकाउंट्स कर्मचारी, मैनुअल क्लीनर और बिक्री सहयोगी शामिल हैं.
आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक, दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे राज्यों में श्रमिकों की कमी है, क्योंकि लॉकडाउन के दौरान यहां से बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों का पलायन हुआ था.
7 दिन में नौकरी चाहने वालों की संख्या 80% बढ़ी और नौकरी पाने वालों की 10% से भी कम
प्रवासी कामगारों के बीच काम की मांग में केवल एक सप्ताह में 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है (14 से 21 अगस्त के दौरान इनकी संख्या 2.97 लाख से 3.78 लाख पहुंच गई है.) हालांकि, उन्हें रोजगार मिलने में सिर्फ 9.87 प्रतिशत की वृद्धि हुई है (इस अवधि के दौरान रोजगार पाने वालों की संख्या 7,009 से 7,700 हुई). 21 अगस्त को समाप्त सप्ताह में पोर्टल पर पंजीकृत लोगों की संख्या में भी 11.98 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह 61.67 लाख से 69 लाख हो गई है.