भुच्चो रोड स्थित मेडिकल कालेज को आयुष्मान योजना में मरीजों से नगदी लेने के मामले में स्टेट एजेंसी का नोटिस
-अगले आदेश तक किसी भी तरह के केस लेने व पोर्टन पर फाइल जमा करवाने पर लगाई रोक -सैकड़ों शिकायतों के बाद लिया गया कड़ा फैसला
बठिंडा. भुच्चो रोड पर स्थित मेडिकल कालेज में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में डमी मरीजों की भर्ती, मरीजों से नगद पैसे की वसूली सहित इंप्लाइंज गोस्ट फैक्ल्टी जैसी शिकायतों के बाद डिप्टी मेडिकल कमिश्नर बठिंडा ने अपनी रिपोर्ट आयुष्मान भारत योजना के एक्ज्यूटिव अफिसर कुमार राहुल को भेज दी थी। अब इन शिकायतों पर स्टेट हैल्थ एजेंसी पंजाब की स्टेट एंटी फ्राड यूनिट के चेयरमैन ने कालेज को शोकाज नोटिस जारी कर अगले आदेश तक आयुष्मान भारत के तहत मिलने वाली सभी तरह की सुविधाओं पर रोक लगा दी है।
वही अस्पताल की तरफ से अब किसी भी तरह के क्लेम आनलाइन नहीं हासिल किए जा सकेंगे। इस मामले में चिंताजनक बात यह है कि स्टेट हैल्थ एजेंसी पंजाब आयुष्मान योजना ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि अस्पताल के खिलाफ 104 से अधिक शिकायते मिली है जिसमें वह आयुष्मान भारत योजना के कार्ड होल्डर मरीजों से नगदी वसूल कर रहे हैं। जारी आदेश में अस्पताल के खिलाफ दो बड़ी शिकायतों का भी जिक्र किया गया है जिसमें स्टेट इम्प्लीमेंट कमेटी एसईसी की तरफ से अस्पताल को शोकाज नोटिस जारी करने के साथ वार्निंग लैटर देने की बात कही है।
गौरतलब है कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना केंद्र सरकार की हैल्थ एंड फैमली वैलफेयर डिपार्टमेंट की तरफ से संचालित की जाती है व इसकी शिकायतों व निवारण के लिए जिला स्तर पर डिप्टी मेडिकल कमिश्नर की अगुवाई में टीम बनाई गई है। इसी टीम ने 14 अगस्त 2020 को मिली विभिन्न शिकायतों के आधार पर रिपोर्ट स्टेट हैल्थ एजेंसी पंजाब को भेजी थी। वही इस बाबत हैल्थ एंड हयूमण राइट एक्टिविस्ट व आईएमए के स्थायी सदस्य डा. वितुल कुमार गुप्ता ने स्कीम के चीफ एक्ज्यूचिव अफसर कुमार राहुल को लिखित शिकायत 31 जनवरी 2020 को भी भेजी थी। इस शिकायत में अस्पताल के अंदर स्कीम को लेकर किए जा रहे घपलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई थी।
डा. वितुल गुप्ता के अनुसार अस्पताल में केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना में घपला किया जा रहा है। अस्पताल में आने वाले स्कीम होल्डर मरीजों से नगदी की मांग की जाती है व नहीं देने पर इलाज से इंकार किया जा रहा है। यही नहीं इसमें कई डमी केस लेकर उनकी फाइल बनाई जाती है व आगे इन फाइलों को सरकार के पास भेजकर राशि क्लेम की जाती है। यह डमी फाइले ऐसे लोगों की होती है जिनके पास योजना का कार्ड है व उन्हें कमिश्न व कुछ राशि का लालच देकर बिना इलाज के ही फाइन तैयार कर सरकार से भुगतान हासिल कर लिया जाता है। उन्होंने मामले में किराये के मरीज लाने, इंप्लाइज गोस्ट फैक्ल्टी जैसे मामले की एमसीई से जांच करवाने की मांग भी की थी व बताया कि विभिन्न समय में टीमों की तरफ से मामले की जांच भी की गई पर मामले में कभी भी किसी तरह की कारर्वाई नहीं हो सकी।
फिलहाल इस मामले में अब एसएएफयू की तरफ से जो नोटिस निकालकर आदेश जारी किया है उससे अस्पताल पर पहले लग रहे आरोपो की पुष्टी होती है। फिलहाल इस मामले में हैल्थ एंड फैमली वैलफेयर डिपार्टमेंट ने भी संज्ञान लेते पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। सिविल अस्पताल के एसएमओ व स्कीम के डीएमसी डा. मनिंदरपाल सिंह ने शिकायतों के संबंध में पुष्टी करते कहा कि उक्त मेडिकल कालेज के खिलाफ उनके पास कई शिकायते आई थी। इन सभी शिकायतों की जांच करने के बाद रिपोर्ट स्टेट एजेंसी को भेज दी गई थी। स्टेट एजेंसी की तरफ से किसी तरह के नए आदेश के संबंध में रविवार होने के कारण उनके पास जानकारी नहीं है व सोमवार को इस बाबत कुछ बताया जा सकेगा। वही कालेज के प्रबंधन एएस बांसल ने कहा कि उनके पास अभी किसी तरह का नोटिस नहीं पहुंचा है।