चंडीगढ़. पंजाब में कोरोना वायरस (Punjab Coronavirus) का कहर जारी है. पंजाब में कोरोना के मामलों हो रही बढ़ोतरी के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ( Captain Amarinder Singh) ने 20 अगस्त को राज्य में संक्रमण को रोकने के लिए प्रतिबंधों से जुड़े नये आदेश जारी किए हैं. सीएम ने बताया कि 21 अगस्त से राज्य के सभी 167 कस्बों और शहरों में शाम 7 बजे से सुबह 5 बजे तक रोजाना कर्फ्यू लगाने के साथ ही शादियों और अंतिम संस्कारों को छोड़कर सभी सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगाया गया जबकि सरकारी और निजी कार्यालयों में वर्कफोर्स को 50% तक सीमित कर दिया गया और वीकेंड लॉकडाउन (Lockdown In Punjab) को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है.
पंजाब में 20 अगस्त को 1,741 कोरोना के मामले आए. अब तक एक दिन में सबसे ज्यादा मामला शुक्रवार को दर्ज किया गया. बता दें 11 अगस्त से लगातार 1,000 या उससे ज्यादा मामले दर्ज किए गए. पंजाब में 21 जून से 6 जुलाई तक 2,417 नये मामले आए. जिसके बाद 15 दिन की समयावधि में 1.55 गुना वृद्धि हुई. 21 जुलाई को समाप्त होने वाले 15 दिन की समयावधि में यह बढ़कर 1.81 हो गया, 5 अगस्त को वृद्धि दर 2.04 हो गई और 20 अगस्त को वृद्धि लगभग 2 पर पहुंच गई. हालांकि 20 अगस्त तक पंजाब में मामलों की कुल संख्या-37,824 अभी भी देश के 15 प्रमुख राज्यों में सबसे कम है.
राज्य ने प्रति मिलियन जनसंख्या पर 28,100 सैंपल्स का परीक्षण किया है जो महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश की तुलना में अधिक है. इसकी कुल पाजिटिविटी दर फिलहाल 4.5% है जो राष्ट्रीय औसत 8.7% से कम है. केवल प्रमुख राज्यों में, उत्तर प्रदेश, केरल और राजस्थान में बेहतर पाजिटिविटी दर है. हालांकि 1 अगस्त को पाजिटिविटी दर जो 1.83% थी वह 20 अगस्त को बढ़कर 2.88% हो गई है.
25 जुलाई तक राज्य में कोविड -19 से होने वाली 291 मौतें दर्ज की गईं और अगले 26 दिनों में 666 लोग वायरल संक्रमण से मारे गए. इसका मतलब है कि राज्य में कोरोना होने वाली मौतों में 70 फीसदी पिछले 26 दिनों में हुई. 25 जुलाई तक 2.29% रही मृत्यु दर भी बढ़कर 2.65% हो गई है. कुल मिलाकर, राज्य की मृत्यु दर 2.53% राष्ट्रीय औसत 1.9% से अधिक है. केवल 3 राज्यों – गुजरात (3.4%), महाराष्ट्र (3.3%) और दिल्ली (2.7%) में मृत्यु दर अधिक है. पंजाब में सबसे ज्यादा लोगों की मौत 17 अगस्त को हुई.
पंजाब में छह जिले कोरोना से सबसे बुरी तरह प्रभावित जिले हैं, जिनमें लगभग दो-तिहाई (65%) मामले और राज्य में कोविड-19 से वाली मौत का कुल तीन चौथाई हिस्सा है. गंभीर रूप से प्रभावित जिले लुधियाना में सबसे ज्यादा केस, मृतकों की संख्या और 3.34% की उच्च मृत्यु दर है. इसके साथ ही अमृतसर में मृत्यु दर सबसे अधिक है.
पिछले महीने की तुलना में कई अन्य जिलों में कोरोना के नये केस पाए जाने में तेजी आई है. बरनाला में 24 जुलाई तक 96 मामले थे जहां अब 828 मामले हो गए हैं. यानी 20 अगस्त तक कुल कोरोना मामलों में 9 गुणा वृद्धि हुई.
बठिंडा में पिछले 20 दिनों के भीतर 4.55 गुना ज्यादा मामले आए और अब तक यहां 1,590 तक कोरोना के मामले हैं जबकि फिरोजपुर में भी इस समयावधि में कोरोना के मामलों में चार गुना वृद्धि दर्ज की गई है. मोगा में भी इस दौरान मामलों की संख्या में तीन गुना वृद्धि दर्ज की. गुरदासपुर में 20 जुलाई को 378 कोरोना केस थे जहां 20 अगस्त तक 1274 मामले हो गए. हालांकि हाल में जारी किए गए दिशा-निर्देशों और प्रतिबंधों के आधार पर अधिकारियों को उम्मीद है कि अर्थव्यवस्था के बिगड़ने के बीच कोरोना से बिगड़ती स्थिति में सुधार होगा.