कोरोना में चुनाव के लिए गाइडलाइन:एक पोलिंग बूथ पर 1000 से ज्यादा वोटर नहीं होंगे; वोटर का टेम्परेचर ज्यादा पाया गया तो वह आखिरी घंटे में ही वोट डाल पाएगा
गाइडलाइन के मुताबिक, चुनावी मकसद से इस्तेमाल किए जा रहे हर कमरे, हॉल या परिसर में थर्मल स्कैनर लगाना जरूरी है प्रचार के दौरान भी मास्क लगाना जरूरी, ईवीएम/वीवीपैट को संभालने वाले हर अफसर को ग्लव्ज मुहैया कराए जाएं
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने कोरोना काल में चुनाव कराने के लिए गाइडलाइन शुक्रवार को जारी कर दी। आयोग ने कोरोना के चलते उम्मीदवारों को ऑनलाइन नॉमिनेशन भरने की सुविधा दे दी है। हालांकि, इसका प्रिंट निकालकर उम्मीदवार को चुनाव अधिकारी को सौंपना होगा। इसके अलावा चुनाव के लिए इस्तेमाल किए जा रहे किसी भी कमरे, हॉल या परिसर में थर्मल स्कैनर होना जरूरी है।
थर्मल स्कैनर हर बूथ पर होंगे और एंट्री प्वाइंट पर हर किसी की स्कैनिंग की जाएगी। इसके अलावा हर बूथ पर 1500 की बजाय 1000 वोटरों को बुलाया जाएगा। अगर किसी का टेम्परेचर ज्यादा पाया गया तो वह आखिरी घंटे में ही वोट डाल सकेगा।
नॉमिनेशन की प्रोसेस इस बार कैसी होगी?
- नॉमिनेशन फॉर्म ऑनलाइन मुहैया कराए जाएंगे। उम्मीदवार इसे ऑनलाइन ही भर सकेंगे। उसका प्रिंट उन्हें चुनाव अधिकारी को सौंपना होगा।
- हलफनामा भी ऑनलाइन दाखिल किया जा सकता है। उसका प्रिंट अपने पास रखा जा सकता है। नोटराइजेशन के बाद उसे नॉमिनेशन के साथ चुनाव अधिकारी को सौंपा जा सकता है।
- उम्मीदवार जमानत की रकम ऑनलाइन जमा कर सकेंगे। कैश देने का विकल्प भी मौजूद रहेगा।
- नॉमिनेशन फॉर्म सौंपने के समय उम्मीदवार के साथ दो से ज्यादा लोग नहीं जा सकेंगे। उन्हें दो से ज्यादा गाड़ियां ले जाने की इजाजत भी नहीं होगी।
- नॉमिनेशन फॉर्म लेने, उसकी स्क्रूटनी करने और चुनाव चिह्न देने की प्रक्रिया जहां पूरी हो, वहां प्रर्याप्त जगह रहे।
- उम्मीदवारों को अलग-अलग वक्त पर बुलाया जाए। उम्मीदवारों के लिए वेटिंग एरिया भी बड़ा होना चाहिए।
पोलिंग बूथ पर वोटिंग कैसे होगी?
- एक पोलिंग बूथ पर 1500 की बजाय 1000 वोटरों को ही बुलाया जाएगा।
- वोटिंग से एक दिन पहले पोलिंग स्टेशन सैनिटाइज किया जाएगा।
- हर पोलिंग स्टेशन के एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर साबुन, पानी, सैनिटाइजर मुहैया कराया जाएगा। बूथ के अंदर भी सैनिटाइजर रखे जाएंगे।
- जो वोटर मास्क लगाकर नहीं आएंगे उनके लिए बूथ पर रिजर्व में मास्क रखे जाएंगे।
- हर बूथ के एंट्री पॉइंट पर थर्मल स्कैनर लगाया जाएगा। हर वोटर की एंट्री पॉइंट पर ही थर्मल चैकिंग होगी।
वोट डालने जाते समय टेम्परेचर ज्यादा निकला तो क्या होगा?
- अगर किसी वोटर का पहली रीडिंग में टेम्परेचर तय पैमानों से ऊपर आता है तो दोबारा उसका टेम्परेचर लिया जाएगा। दूसरी बार भी यह ज्यादा निकले तो वोटर को टोकन/सर्टिफिकेट दिया जाएगा और उसे वोटिंग के आखिरी घंटे में बूथ पर आने को कहा जाएगा। वोटिंग के आखिरी घंटे में ऐसे वोटरों को वोट डालने दिया जाएगा।
- ज्यादा टेम्परेचर वाले वोटरों को फर्स्ट कम, फर्स्ट बेसिस के आधार पर टोकन दिया जाएगा, ताकि उन्हें लाइन में न लगना पड़े। टोकन देने के लिए हेल्प डेस्क भी बनाई जाएगी।
- अगर पोलिंग एजेंट या काउंटिंग एजेंट का टेम्परेचर भी ज्यादा पाया गया तो चुनाव अधिकारी उसके रिलीवर को बूथ पर आने की इजाजत दे सकेंगे।
अगर कोरोना पॉजिटिव हैं तो क्या वोट दे सकेंगे?
- क्वारैंटाइन किए गए कोरोना के मरीज भी वोटिंग के आखिरी घंटे में स्वास्थ्य अधिकारियों की देखरेख में वोट डालने जा सकेंगे। कोरोना मरीजों के वोटिंग की प्रक्रिया को संबंधित सेक्टर मजिस्ट्रेट कोऑर्डिनेट करेंगे।
- जो वोटर कंटेनमेंट जोन में रह रहे हैं वे वोट देने कैसे पहुंचेंगे, इसके लिए अलग से गाइडलाइन जारी की जाएगी।
- कोरोना पॉजिटिव, कोरोना संदिग्ध या क्वारैंटाइन किए गए लोग पोस्टल बैलट से भी वोट डाल सकेंगे।
पोलिंग बूथ पर और क्या व्यवस्थाएं होंगी?
- वोटरों की सोशल डिस्टेंसिंग के लिए दो गज यानी 6-6 फीट की दूरी पर 15 से 20 सर्कल बनाए जाएंगे। वोटरों के लिए तीन कतारें होंगी। पहली पुरुषों के लिए, दूसरी महिलाओं के लिए और तीसरी दिव्यांग और सीनियर सिटिजन के लिए होगी।
- पहचान के लिए जरूरी हुआ तो वोटर से मास्क नीचे करने को कहा जाएगा।
- हर चुनाव अफसर के सामने एक बार में सिर्फ एक वोटर जा सकेगा। हर वोटर को रजिस्टर पर साइन करने और ईवीएम का बटन दबाने के लिए ग्लव्ज दिए जाएंगे।
- जहां भी संभव हो, वहां बूथ ऐप का इस्तेमाल किया जाएगा। पोलिंग बूथ पर कोरोना अवेयरनेस के पोस्टर लगाए जाएंगे।
- कुर्सियों और दरी के साथ एक शेड में पुरुषों और महिलाओं के लिए वेटिंग एरिया भी बनाया जाएगा।
- हर चुनाव अधिकारी को मास्क, सैनिटाइजर, फेस शील्ड और ग्लव्ज दिए जाएंगे।
पोस्टल बैलट के जरिए मतदान कौन कर सकेगा?
- दिव्यांग
- 80 साल से ज्यादा उम्र के लोग
- जरूरी सेवाओं में शामिल लोग
- कोरोना पॉजिटिव/कोरोना संदिग्ध/घर या बाहर क्वारैंटाइन किए गए लोग
चुनाव प्रचार कैसे होगा?
- उम्मीदवार घर-घर प्रचार के लिए अपने साथ सुरक्षाकर्मियों के अलावा 5 से ज्यादा लोगों को नहीं ले जा सकेंगे।
- रोड शो के दौरान काफिले के एक हिस्से में 5 गाड़ियां ही रह सकेंगी। आधे घंटे बाद 5 गाड़ियों का दूसरा काफिला निकाला जा सकेगा। पहले 10-10 गाड़ियों के 2 काफिलों के बीच 100 मीटर की दूरी रखने का नियम था।
- कोरोना से जुड़ी गाइडलाइन का पूरी तरह पालन करने की स्थिति में ही चुनावी सभा कराई जा सकेगी। चुनावी सभा की जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए निशान बनाए जाएंगे। राज्य आपदा प्रबंधन अथॉरिटी की तरफ से तय संख्या से ज्यादा लोग रैली में शामिल नहीं हो सकेंगे।
वोटों की गिनती कैसे होगी?
- काउंटिंग हॉल में 7 से ज्यादा काउंटिंग टेबल की इजाजत नहीं दी जाएगी। ऐसे में रिटर्निंग अफसर एक निर्वाचन क्षेत्र के लिए पड़े वोटों की गिनती 3-4 हॉल में करवा सकते हैं।
- कंट्रोल यूनिट/वीवीपैट को काउंटिंग टेबल पर रखने से पहले सैनिटाइज किया जाना जरूरी है। वीवीपैट से सील हटाने का काम और कंट्रोल यूनिट पर रिजल्ट दिखाने का काम एक टेबल पर एक अधिकारी करेगा।
- कंट्रोल यूनिट पर दिखाया जाने वाला रिजल्ट बड़े स्क्रीन पर भी डिस्प्ले किया जा सकता है ताकि काउंटिंग हॉल में बड़ी संख्या में काउंटिंग एजेंट जमा ना हो सकें।
- काउंटिंग के पहले, काउंटिंग के दौरान और काउंटिंग के बाद भी हॉल को डिसइन्फैक्ट किया जाएगा।
- पोस्टल बैलेट की गिनती के लिए एक्स्ट्रा मैनपावर की जरूरत होगी।
चुनाव की जनरल गाइडलाइन क्या है?
- चुनाव प्रक्रिया में शामिल हर व्यक्ति को मास्क पहनना होगा।
- चुनाव के मकसद से इस्तेमाल होने वाले कमरों/परिसरों में हर व्यक्ति की थर्मल स्क्रीनिंग होगी। वहां सैनिटाइजर, साबुन और पानी मुहैया कराना होगा।
- सोशल डिस्टेंसिंग रखनी होगी। इसके लिए बड़े हॉल की पहचान कर लेनी चाहिए।
- चुनाव ड्यूटी में शामिल किसी भी कर्मचारी को कोरोना होता है तो उसके बदले में ड्यूटी संभालने के लिए पर्याप्त मात्रा में स्टाफ रखा जाए।
- चुनाव सामग्री देने और इकट्ठा करने की प्रक्रिया भी बड़े हॉल में होनी चाहिए।
- पहली और दूसरी ईवीएम से जुड़ा हर काम बड़े हॉल में होना चाहिए।
- सैनिटाइजर पर्याप्त मात्रा में मौजूद रहे।
- ईवीएम/वीवीपैट से संभालने वाले हर अफसर को ग्लव्ज मुहैया कराए जाएं।