कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी बिगड़ती जा रही सेहत, डॉक्टरों ने किया सतर्क
कोरोना मरीजों (Covid-19 Patient) में एक बार ठीक होने के बाद सेहत से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं. राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (Rajiv Gandhi Super Specialty hospital) के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. बीएल शेरवाल का कहना है कि अगर आपकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आ गई, इसका मतलब ये कतई नहीं है कि आप बिल्कुल स्वस्थ हो गए.
नई दिल्ली. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) को कोरोना वायरस (Coronavirus) रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद सोमवार देर रात AIIMS में भर्ती करवाया गया. सरकारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, गृहमंत्री पिछले 3-4 दिनों से थकान और बदन दर्द की शिकायत कर रहे थे. पिछले दिनों उनकी Covid-19 रिपोर्ट निगेटिव आई थी, तब से वह होम आइसोलेशन में रहकर ही गृह मंत्रालय के काम देख रहे थे. कोरोना मरीजों में एक बार ठीक होने के बाद सेहत से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं. इसे देखते हुए दिल्ली सरकार के राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (Rajiv Gandhi Super Specialty hospital) में गुरुवार से पोस्ट कोविड क्लीनिक शुरू की जा रही है. अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. बीएल शेरवाल का कहना है कि अगर आपकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आ गई, इसका मतलब ये कतई नहीं है कि आप बिल्कुल स्वस्थ हो गए.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. बीएल शेरवाल बताते हैं, ‘कोरोना से अधिक लोग ठीक हो रहे हैं. इनमें से ज्यादातर ठीक हुए मरीजों में सांस लेने में शिकायत मिली है. इस बारे में हमें मरीजों के कई कॉल भी मिले हैं. इसलिए अस्पताल में क्लीनिक को खोलकर हम मरीजों के फेफड़ों का सीटी स्कैन के साथ-साथ अन्य जांच भी करेंगे. इससे हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि अलग-अलग रोगियों में कोरोना से उबरने के लिए प्रक्रिया कितनी अलग है.’
डॉ. बीएल शेरवाल आगे कहते हैं, ‘हमें अलग-अलग तरह की शिकायतें मिली हैं. मसलन कोरोना से उबर चुके किसी मरीज को सांस की दिक्कत होती है. दूसरे मरीज को खांसी की समस्या हो रही है. वहीं, कुछ मरीज फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे थे. ये मरीज अलग-अलग उम्र के हैं. इनमें पुरुष और महिला दोनों शामिल हैं.’
वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद केजे अल्फोंस ने कहा कि उनकी 91 वर्षीय मां कोविड से जंग जीत चुकी थीं. वह 28 मई को कोविड पॉजिटिव पाई गई थीं. दो बार रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी, लेकिन 11 जून को हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई.
केजे अल्फोंस बताते हैं, ‘कोविड अब तक का सबसे खतरनाक वायरस है. इससे एक बार आप ठीक हो भी जाए, लेकिन ये आपके शरीर के पूरे सिस्टम को खा जाता है. मेरी मां के फेफड़े खराब हो गए थे. उन्हें पहले एक अटैक आ चुका था. वह पहले बच गईं, लेकिन 11 तारीख को दूसरा हार्ट अटैक की वजह से उनकी मौत हो गई. मेरी समझ में कोरोना से आप बहुत बार ठीक हो जाते हैं, लेकिन इससे आप ज्यादा जीवित नहीं रह सकते. क्योंकि ये वायरस आपके महत्वपूर्ण अंगों को नष्ट कर देता है, जो आगे चलकर मौत का कारण बन सकती है.’
दूसरी ओर राजधानी के प्रतिष्ठित एम्स अस्पताल में भी इजरायल की तकनीक से ठीक हो चुके कोरोना के मरीजों के लिए भी क्लीनिक की सुविधा मिलेगी. इस संबंध में एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जिन मरीजों में ठीक होने के बाद फेफड़ों में दिक्कत हो रही है. उन मरीजों पर क्लीनिक में अधिक ध्यान दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि क्लीनिक के अंदर मरीजों को ठीक करने के लिए दवाइयों के साथ-साथ व्यायाम और अन्य उपकरण की भी सहायता ली जाएगी. इसके लिए इजराइल भी देश की मदद करेगा वहीं, मरीज रोबोट उपकरण जोकि इजरायल द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं की निगरानी में रहेंगे.