SYL पर वार्ता के बाद अमरिंदर बोले-नहर बनी पंजाब मेें लगेगी आग, बन जाएगी राष्‍ट्रीय समस्‍या

SYL मामले पर वार्ता केे बाद कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने तीखे तेवर दिखाए। उन्‍होंने कहा कि नहर बनी तो पंजाब में आग लग जाएगी। यह राष्‍ट्रीय समस्‍या बन जाएगी। ...

चंडीगढ़। एएवाईएल मुद्दे पर हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल व केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से वार्ता के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बड़ी चेतावनी दी। उन्‍होंने कहा कि एसवाइएल नहर अगर बनती है तो इससे पंजाब में आग लग जाएगी। ऐसे में यह मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा खड़ा कर सकता है। इस मुद्दे को राष्ट्रीय परिपेक्ष्य में देखा जाना चाहिए। पाकिस्तान लगातार पंजाब में माहौल खराब करने की कोशिशें करता आ रहा है। पानी का मुद्दा इसे और भड़का सकता है। ऐसा हुआ तो इससे हरियाणा और राजस्थान भी प्रभावित होंगे।

केंद्रीय मंत्री व हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ बैठक में कैप्टन अमरिंदर ने चेताया

कैप्टन ने मंगलवार को सतलुज यमुना लिंक (एसवाइएल) नहर को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ वार्ता में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए शामिल हुए। कैप्टन ने कहा कि जब 2004 में उन्होंने सभी राज्यों के साथ हुए जल समझौते रद्द करने के लिए बिल पास करवाया था, उस समय भी यह रिपोर्ट आ रही थी कि प्रदर्शन हिंसा में बदल सकते हैं।

एसवाइएल नहर बनी तो पंजाब में भड़की आग बनेगी राष्‍ट्रीय समस्‍या, हरियाणा व राजस्‍थान पर भी पड़ेगी आंच

पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने चंडीगढ़ में कहा, ‘ हमें इस मुद्दे को राष्‍ट्रीय सुरक्षा के परिपेक्ष्‍य में देखना चाहिए। यदि हम सतलुज यमुना लिंक नहर के निर्माण को लेकर आगे बढ़े तो पंजाब जल उठेगा और यह राष्‍ट्रीय समस्‍या बन जाएगा। इसकी आंच हरियाणा और राजस्‍थान पर भी पड़़ेगी।’ उन्‍होंने कहा कि मैंने हरियाणा के सीएम और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को इस बारे में साफ बता दिया।

कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने पुराने रुख काे दोहराया, कहा- पानी में 60:40 का बंटवारा नहीं

पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कहा, मैंने आज की वार्ता में हरियाणा के मुख्‍यमंत्री और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री को बता दिया कि 1966 में पंजाब और हरियाणा मेें संसाधनों का बंटवारा 60:40 के अनुपात में हुआ था, लेकिन इसमें नदी जल शामिल नहीं है। वे पानी के बंटवारे को लेकर रावी, ब्‍यास और सतलुज को तो शामिल करते हैं, लेकिन इसमें यमुना नदी को शामिल नहीं करते। जल बंटवारे में रावी, ब्‍यास और सतलुज नदी को तो शामिल किया जा रहा है, लेकिन इसमें यमुना नदी को शामिल किया गया और पंजाब को यमुना नदी के पानी में हिस्‍सेदार नहीं बनाया गया। पंजाब के पास जमीन ज्यादा आने के बावजूद हरियाणा को पहले से ही ज्यादा पानी मिल रहा है।

सलाह: पानी के आकलन के लिए बने ट्रिब्यूनल, हिमाचल में बांध बना पाक जाने वाला पानी रोकें

हरियाणा के पास नदियों का 12.48 एमएएफ (मिलियन एकड़ फीट) पानी उपलब्ध है जबकि पंजाब को मिलने वाले नदियों के पानी की मात्रा केवल 12.42 एमएएफ है। कैप्टन ने रावी से पानी देने की मांग ठुकराई और कहा कि पहले पंजाब को यमुना का पानी दो।

मांग: रावी से पानी देने की मांग ठुकराई कैप्टन ने,  कहा- पहले यमुना का पानी दो

कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि इराडी ट्रिब्यूनल ने 40 साल पहले पानी का बंटवारा किया था। अंतरराष्ट्रीय कानून कहते हैं कि 25 साल बाद पानी का नए सिरे से आकलन होना चाहिए। अब नदियों का पानी काफी कम हो चुका है। नए सिरे से पानी का आकलन करने के लिए यमुना और रावी-ब्यास को शामिल कर नया ट्रिब्यूनल बनाया जाए। बैठक में इस बात को लेकर सहमति भी बनी कि एसवाईएल के मुद्दे पर पंजाब व हरियाणा के मुख्यमंत्री चंडीगढ़ में एक बार फिर मिलेंगे। जिसकी तारीख और समय बाद में तय किया जाएगा।

चीन ने बनाए डैम, पानी हुआ कम

कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि चीन द्वारा अपने हिस्से में डैम बनाने के कारण स्थितियां पहले से ही बदतर हो चुकी हैैं। सतलुज में पानी कम हो चुका है। वहीं, पंजाब के 128 ब्लॉकों में से 109 ब्लॉक पहले ही डार्क जोन में हैैं। कैप्टन ने कहा कि उन्हें हरियाणा को पानी देने में खुशी होती क्योंकि दक्षिण हरियाणा का एक बड़ा हिस्सा पटियाला रियासत का हिस्सा रहा है, परंतु पंजाब के पास किसी भी राज्य को देने के लिए पानी नहीं है। कैप्टन ने दोहराया कि हिमाचल प्रदेश में डैम बनवाए जाएं, ताकि पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोका जा सके।

Leave A Reply

Your email address will not be published.