नई दिल्ली। एसवाईएल विवाद मामले पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच वार्ता का पहला दौर पूरा हाे गया है। बातचीत का दूसरा दाैर एक सप्ताह बाद होगा। इसकी मध्यस्थता केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत कर रहे हैं। शेखावत ने कहा कि 45 साल पुराना यह विवाद सुलझने ने करीब है। मनोहरलाल ने कहा कि इस मुद्दे को हम सुलझा कर ही दम लेंगे।
बता दें कि SYL नहर निर्माण विवाद पर हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों के बीच केंद्र सरकार की मध्यस्थता में आज शाम तीन बले के बाद बातचीत शुरू हुई। वार्ता का पहला दौर ख़त्म होने के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल और केेंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस मामले का हल जल्द होने की उम्मीद जताई।
Urging the central government to be cautious on the SYL issue, which had the potential to disturb the nation’s security, CM @capt_amarinder Singh reiterated the need for a Tribunal to make a fresh time-bound assessment of the water availability.https://t.co/ih9zmTfrua
— CMO Punjab (@CMOPb) August 18, 2020
एसवाईएल मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार को सचेत करते मामले में पंजाब के हितों का ध्यान रखने की अपील की, उन्होंने पाकिस्तान व दूसरे विरोधी देशों के साथ लगते पंजाब के शांतिपूर्वक माहौल को खराब होने की आशंका भी जताई। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जल उपलब्धता का एक नए समयबद्ध आकलन करने के लिए एक ट्रिब्यूनल की आवश्यकता को दोहराया, वही यमुना नदी सहित कुल उपलब्ध संसाधनों से अपने राज्य के लिए पानी का पूरा हिस्सा मांगा।
उन्होंने कहा कि “आपको इस मुद्दे को राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से देखना होगा। यदि आप एसवाईएल के साथ आगे बढ़ने का फैसला करते हैं, तो पंजाब जल जाएगा और यह एक राष्ट्रीय समस्या बन जाएगी, हरियाणा और राजस्थान में भी इसका असर पड़ेगा, ”केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान, कैप्टन अमरिंदर ने बैठक को `सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण ‘बताया और कहा कि केंद्रीय मंत्री पंजाब के दृष्टिकोण को समझते हैं।
उन्होंने कहा कि पंजाब के सभी छोरों पर खतरा बना हुआ है, कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से लगातार परेशान करने के प्रयासों और न्याय के लिए प्रतिबंधित सिख संगठन के माध्यम से अलगाववादी आंदोलन को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है। पानी का मुद्दा राज्य को और अस्थिर कर सकता है। बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों की बैठक होगी। चंडीगढ़ में, इस मुद्दे पर आगे की वार्ता के लिए, बाद में तय की जाने वाली तारीख पर और फिर केंद्रीय मंत्री के पास जाएंगे।
वीसी के दौरान पंजाब के रुख को आगे रखते हुए, कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि पानी की उपलब्धता के उचित निर्णय के लिए एक ट्रिब्यूनल का गठन करना आवश्यक है, और बताया कि एराडी आयोग द्वारा प्रस्तावित पानी का बंटवारा 40 साल पुराना था, जबकि अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों को हर समीक्षा की आवश्यकता होती है।
दोनों नेताओं ने बताया कि एक सप्ताह के बाद अगले दौर की बातचीत होगी। इसमें अंतिम निर्णय पर पहुंचा जाएगा। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि दोनों राज्यों में खुले मन से इस 45 साल पुराने विवाद पर बातचीत की है। इस विवाद को सुलझाने के लिए किसी नए फ़ार्मूले के बारे में विचार किए जाने के संदर्भ में शेखावत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सभी फ़ार्मूलों पर पहले ही चर्चा हो चुकी है। अब यह मामला सुलझने के अंतिम दौर में है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इस विवाद को अब हम सुलझा करके ही दम लेंगे। वार्ता अच्छे माहौल में हुई और विवाद का हल शीघ्र होने की उम्मीद है। बता दें कि वार्ता के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल दिल्ली गए थे। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह वार्ता में वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के जरिये शामिल हुए।