चंडीगढ़। केंद्र सरकार ने मई महीने में जिन 27 रासायनिक कीटनाशकों पर पाबंदी लगाने का प्रस्ताव राज्य सरकारों को भेजा था, उनमें से पंजाब 18 पर रोक लगाने को तैयार है। लेकिन पंजाब सरकार नौ पर पाबंदी लगाने पर पंजाब सरकार सहमत नहीं है। राज्य सरकार ने केंद्र को भेजे अपने पत्र में कहा है कि पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ने इन सभी 27 पेस्टीसाइड्स का अध्ययन किया है और पाया है कि इनमें से नौ का कोई विकल्प मौजूद नहीं है।
कहा, नौ पेस्टीसाइड्स का कोई विकल्प नहीं, इसलिए पाबंदी लगाना सही नहीं
पीएयू की सिफारिश पर खेतीबाड़ी विभाग ने केंद्र सरकार को इन नौ पेस्टीसाइड्स पर पाबंदी न लगाने को कहा है। हालांकि देश भर में इन 27 पेस्टीसाइड्स को लेकर बहस चल रही है। ये सभी कीटनाशक, फंफूदीनाशक और नदीननाशक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताए जाते हैं। केंद्र सरकार ने इन सभी 27 पेस्टीसाइड्स पर पाबंदी लगाने के लिए सभी राज्यों को प्रस्ताव भेजकर 45 दिनों में इसका जवाब मांगा था ताकि इस पर कोई फैसला लिया जा सके।
कीटनाशक कंपनियों के संगठन कर रहे विरोध
केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ कीटनाशक बनाने वाली कंपनियों के संगठन पीएमएफएआइ ने विरोध किया है। संगठन का कहना था कि इससे 6,000 करोड़ मूल्य का कारोबार खत्म हो जाएगा, किसानों के लिए कीटनाशक महंगे हो जाएंगे, भारत से कीटनाशकों का निर्यात प्रभावित होगा और इसका लाभ चीन जैसे देशों की कंपनियों को होगा। इतना ही नहीं किसानों के हित प्रभावित होंगे क्योंकि जो विकल्प हैं, वो चार गुना महंगे हैं। संगठन ने इस मामले में उच्च अधिकार प्राप्त वैज्ञानिकों की समिति से जांच की मांग की है।
इन पेस्टीसाइड्स पर पाबंदी लगाने का है प्रस्ताव
ऐसफेट (कीटनाशक), अल्ट्राजाइन (कीटनाशक), बेनफराकारब (कीटनाशक), बुटाक्लोर (हरबीसाइड्स), कैप्टन (फंगीसाइड), कारबेडेंजिम (कीटनाशक), कार्बोफ्यूरान (कीटनाशक), क्लोरप्यरिफॉस (कीटनाशक),2.4-डी (हर्बीसाइड), डेल्टामेथ्रीन (कीटनाशक), डिकोफॉल (कीटनाशक), डिमेथोट (कीटनाशक), डाइनोकैप (फंगीसाइड), डियूरॉन (हर्बीसाइड), मालाथियॉन (कीटनाशक), मैनकोजेब (फंगीसाइड), मिथोमिल (कीटनाशक),मोनोक्रोटोफॉस (कीटनाशक), ऑक्सीफ्लोरीन (हर्बीसाइड), पेंडिमेथलिन (हर्बीसाइड), क्यूनलफॉस (कीटनाशक), सलफोसूलफूरोन (हर्बीसाइड), थीओडीकर्ब (कीटनाशक), थायोफनेट मिथाइल (फंगीसाइड), थीरम (फंगीसाइड), जीनेब (फंगीसाइड),व जीरम (फंगीसाइड)।
इन पेस्टीसाइड्स पर पाबंदी का विरोध
1 कैप्टन(फंगीसाइड)।
2 कारबेडेंजिम (कीटनाशक) धान के बीज को ट्रीट करने के लिए।
3 कार्बोफ्यूरान (कीटनाशक) तेलीय बीजों को कीटों से बचाव के लिए।
4 क्लोरप्यरिफॉस(कीटनाशक) गन्ने,धान आदि से कीटों को बचाने के लिए।
5 डिमेथोट (कीटनाशक) रेपसीड पर पडऩे वाले कीट से बचाने के लिए।
6. मालाथियॉन (कीटनाशक) टमाटर पर पडऩे वाली सफेद मक्खी को कंट्रोल करने वाली दवा।
7. ऑक्सीफ्लोरीन (हर्बीसाइड) प्याज में आने वाले नदीन को कंट्रोल करने के लिए।
8. पेंडिमेथलिन(हर्बीसाइड) डायरेक्ट धान सीडिंग तकनीक में आने वाले नदीनों को कंट्रोल करने के लिए।
9. क्यूनलफॉस(कीटनाशक) गेहूं पर पडऩे वाले कीटों को कंट्रोल करने के लिए।
(इन सभी का कोई विकल्प नहीं )
पंजाब सरकार ने नौ कीटनाशकों पर लगाई पाबंदी
इससे पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को नौ कीटनाशक दवाओं पर पाबंदी लगाने के आदेश जारी कर दिए। खेती विभाग ने इन सभी कीटनाशकों को बासमती की क्वालिटी खराब करने वाला बताया है। यह पाबंदी चावल की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए लगाई गई है ताकि बासमती का अंतर्राष्ट्रीय बाजार में दाम अच्छा मिल सके। जिन कीटनाशकों पर पाबंदी लगाई गई है, इनमें ऐसफेट, ट्राइजोफोस, थेमेथोक्सम, कार्बनडेजिम, ट्राइक्लाजोल, बुपरोफेजिन, कार्बोफरोन, प्रोपिकोनाजोल, थिरोफिनेट मिथाइल शामिल हैं। इन सभी कीटनाशकों के प्रयोग, बिक्री, भंडारण और वितरण पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी गई है।