जालंधर। जिले में शुक्रवार को कोरोनावायरस से संक्रमित 6 मरीजों की मौत हो गई है। ऐसा पहली बार हुआ है कि मृतकों में 5 महिलाएं ही हैं, जिनकी उम्र 53, 62, 65, 65 और 67 साल जबकि मृतक पुरुष की उम्र 55 साल थी। इन मौतों के बाद मृतकों की संख्या 96 हो गई है। दूसरी तरफ 128 नए संक्रमित मरीज मिलने के बाद कुल मरीजों की गिनती 3751 तक पहुंच गई है।
शुक्रवार को डीसी घनश्याम थोरी ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि अब केमिस्ट, आरएमपी डाॅक्टर, आयुर्वेदिक डाॅक्टर और मोहल्ला क्लीनिक में खांसी-बुखार या जुकाम का कोई भी मरीज लेने आया तो उसकी जानकारी सिविल सर्जन दफ्तर, जिला कोविड केयर कंट्रोल रूम पर देनी होगी। पंजाब स्टेट कंट्रोल रूम नंबर 104 पर भी सूचित किया जा सकता है।
डीसी घनश्याम थोरी, एडीसी विशेष सारंगल और एसडीएम-2 राहुल सिंह ने सिविल अस्पताल के डॉक्टरों के साथ अस्पताल में बने नए आईसीयू का दौरा किया। बता दें कि कोविड-19 के मरीजों के लिए एडीसी विशेष सारंगल की मौजूदगी में सिविल अस्पताल में लेवल-3 के मरीजों के लिए 24 बेड का आईसीयू तैयार किया गया है।
बुखार, खांसी या जुकाम है तो मर्जी से दवा न लें
डीसी घनश्याम थोरी ने कहा कि कोरोना संक्रमितों की गिनती लगातार बढ़ रही है। ऐसे में बुखार, खांसी या जुकाम के जो मरीज अपनी मर्जी से दवा ले रहे हैं, वे अपनी जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे लोगों को अपना टेस्ट करवाना चाहिए। वहीं खांसी, बुखार और जुकाम के मरीजों की जानकारी देने संबंधी डीसी के निर्देशों के बारे जिला नीमा एसोसिएशन के प्रधान डॉ. अनिल नागरथ का कहना है कि विभाग को उन्हें ई-मेल आईडी और व्हाट्सएप नंबर जारी करना चाहिए, जहां वे रोजाना क्लीनिक में आने वाले मरीजों की डिटेल भेज सकें।
लोगों का तर्क- टारगेट पूरे करने के लिए जबरदस्ती की जा रही सैंपलिंग
जिले में सैंपलिंग करने वाली टीमों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। टीम के सदस्यों का कहना है कि माइक्रो और कंटेनमेंट जोन में लोग सैंपलिंग से मना कर देते हैं। तर्क देते हैं- हमें कोई प्राॅब्लम नहीं है। सेहत विभाग अपने टारगेट पूरे करने के लिए सैंपल ले रहा है। हालांकि जिला प्रशासन की तरफ से माइक्रो और कंटेनमेंट जोन में 100 फीसदी सैंपलिंग के निर्देश दिए गए हैं। इलाका सील किया जाता है और उसके दायरे में आते राशन की दुकानों के मालिकों की सैंपलिंग प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी।
सैंपलिंग को आगे आएं… क्योंकि, 50% का सोर्स का पता नहीं
कोरोनावायरस के संक्रमित मरीजों की संख्या 3751 पर पहुंच गई है। अगस्त की ही अगर बात करें तो रोज 80 से अधिक लोगों को संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें 50% मरीजों के संक्रमण का सोर्स नहीं पता लगा जबकि 20 फीसदी में वायरस के लक्षण ही नहीं हैं। इनमें ज्यादातर लोगों को खांसी, बुखार, शरीर टूटना जैसे ज्यादा लक्षण मिले हैं। जो लोग किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं, वही कोरोना के ज्यादा शिकार हुए हैं। कोरोना मरीज को तभी बचाया जा सकता है, अगर समय पर उसकी रिपोर्ट की पुष्टि हो जाए। विभाग ने अपील की है कि बुखार व अन्य लक्षण दिखने पर तुरंत सिविल अपना टेस्ट करवाएं।