पंजाब में नन यौन शोषण मामला:जालंधर डायोसिस के पूर्व बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ केरल की कोर्ट में आरोप तय, जज ने खुद पढ़कर सुनाए

जून 2018 में केरल की एक नन ने रोमन कैथोलिक के जालंधर डायोसिस के तत्कालीन पादरी फ्रैंको मुलक्कल पर यौन शोषण का आरोप लगाया था अक्टूबर 2019 में स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ने 83 गवाहों के बयान के साथ 80 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी बंधक बनाने, अप्राकृतिक यौनाचार, प्राधिकारी द्वारा यौन संबंध बनाने, यौन संबंध का अधिकार जताने और धमकी देने के तहत मुकद्दमे की कार्यवाही शुरू

जालंधर। केरल की नन के यौन शोषण मामले में शुक्रवार को जालंधर डायोसिस के पूर्व पादरी फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ केरल के कोट्टायम में आरोप तय हुए हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने अदालत में मौजूद मुलक्कल के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता के तहत तय किए गए आरोपों को पढ़कर सुनाया। हालांकि इस दौरान आरोपी ने अपने विरुद्ध लगे आरोपों से इन्कार किया है।

जानकारी के मुताबिक, जून 2018 में केरल की एक नन ने रोमन कैथोलिक के जालंधर डायोसिस के तत्कालीन पादरी फ्रैंको मुलक्कल पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। केरल पुलिस के पास दर्ज कराई शिकायत के मुताबिक फ्रैंको ने पहले 2014 में हिमाचल प्रदेश के एक गेस्ट हाउस में उसके साथ रेप किया। इसके बाद करीब दो साल में उसका 14 बार यौन शोषण किया गया। इस केस की जांच-पड़ताल के लिए केरल पुलिस ने कई बार जालंधर आकर फ्रैंको से पूछताछ की थी।

19 सितंबर 2019 को जब केरल पुलिस ने फ्रैंको को जांच के लिए वहां बुलाया तो उन्होंने इससे पहले ही अपनी सभी जिम्मेदारियों का परित्याग कर दिया था। वहां जाने के बाद तीन दिन लगातार पूछताछ चली, वहीं कोर्ट से सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पुलिस ने फ्रैंको को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद 3 अक्टूबर 2019 को हाईकोर्ट ने मुलक्कल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। 15 अक्टूबर को फिर से इस मामले में केरल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई तो कुछ शर्तों के साथ फ्रैंको की जमानत याचिका मंजूर कर ली गई थी। जमानत देते अदालत ने मामले की सुनवाई पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया था।

अक्टूबर 2019 में ही मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ने आरोप पत्र दाखिल किया था। 80 पन्नों के आरोप पत्र के साथ ही जांच दल ने इस केस में 83 गवाहों के बयान दर्ज किए थे, वहीं लैपटॉप, मोबाइल फोन और मेडिकल टेस्ट समेत कुल 30 सबूत इकट्‌ठा किए गए। हालांकि, मुलक्कल की तरफ से लैपटॉप सौंपने से इन्कार कर दिए जाने के बावजूद पुलिस ने सबूत मिटाने के आरोप में कोई केस दर्ज नहीं किया था।

ताजा जानकारी के मुताबिक जांच दल द्वारा करीब एक साल पहले दाखिल किए गए आरोप पत्र के आधार पर ही शुक्रवार को कोर्ट में पूर्व बिशप के खिलाफ आईपीसी की धारा 342 (बंधक बनाना), 377 (अप्राकृतिक यौनाचार), 376 (सी) (ए) (प्राधिकारी द्वारा यौन संबंध बनाना), 376 (2) (के) (यौन संबंध का अधिकार जताना) व 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मुकद्दमे की कार्यवाही शुरू हो गई है। हालांकि, मुलक्कल ने अभी भी अदालत में सभी आरोपों से इन्कार किया है।

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