सोनिया गांधी के बाद पर्यावरण पर राहुल ने फिर कहा- EIA मसौदा वापस ले सरकार

पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) मसौदे को लेकर कांग्रेस (Congress) पूरी तरह से हमलावर दिख रही है. गुरुवार को सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है.

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नई दिल्‍ली. केंद्र सरकार की ओर से लाए गए पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) मसौदे (EIA Draft) को लेकर कांग्रेस (Congress) पूरी तरह से हमलावर दिख रही है. गुरुवार को पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने मोदी सरकार पर निशाना साधा. उनके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी सरकार को इस मुद्दे पर घेरा. राहुल गांधी ने ट्विटर पर मां सोनिया गांधी का एक लेख शेयर करते हुए कहा केंद्र सरकार को पर्यावरण प्रभाव आकलन मसौदा वापस लेना चाहिए.

कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘प्रकृति हमें तभी बचाएगी जब वो खुद सुरक्षित होगी. भारत सरकार को देश के पर्यावरण नियमों के साथ छेड़छाड़ करनी बंद करनी चाहिए. सबसे पहला जरूरी कदम है ईआईए मसौदे को वापस लेना.’ इससे पहले भी राहुल गांधी पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) के मसौदे को लेकर सरकार पर निशाना साधा चुके हैं. उन्‍होंने पहले भी कहा था कि इसे वापस लिया जाना चाहिए. उन्होंने ट्वीट कर आरोप लगाया था कि ईआईए-2020 के मसौदे का मकसद देश की लूट है. उन्‍होंने दावा किया, ‘यह एक और ख़ौफ़नाक उदाहरण है कि भाजपा सरकार देश के संसाधन लूटने वाले चुनिंदा सूट-बूट वाले मित्रों के लिए क्या-क्या करती आ रही है.’ राहुल गांधी ने कहा, ‘देश की लूट और पर्यावरण की तबाही को रोकने के लिए ईआईए-2020 का मसौदा वापस लिया जाना चाहिए.’

वहीं अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने भी इस मसले पर सरकार को घेरा है. उन्‍होंने एक अंग्रेजी अखबार में लिखे अपने लेख में सरकार पर इस मुद्दे पर निशाना साधा है. सोनिया गांधी ने यह भी कहा है कि बतौर गुजरात के मुख्‍यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक पीएम मोदी का रिकॉर्ड पर्यावरण को लेकर खराब रहा है.

सोनिया गांधी ने कहा है कि हम लोगों की ओर से प्रकृति की रक्षा करना अहम है. पीएम मोदी को इस मसौदे पर विचार करना चाहिए. उन्‍होंने कहा, ‘जब आप प्रकृति की रक्षा करेंगे तभी प्रकृति भी आपकी रक्षा करती है. हाल ही में दुनिया में फैली कोरोना वायरस महामारी भी हमें नई सीख दे रही है. ऐसे में हमारा यही फर्ज है कि हम प्रकृति की रक्षा करें.’ उन्‍होंने यह भी कहा कि चाहे कोयला खदानों का मामला हो या फिर ईआईए, सरकार की ओर से किसी की भी राय नहीं ली जा रही है. सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि देश ने विकास की रेस में आगे बढ़ने के लिए पर्यावरण की बलि दी है. लेकिन इसकी भी एक सीमा तय होनी चाहिए.

सोनिया गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि इस सरकार का रिकॉर्ड पिछले 6 साल में ऐसा रहा है, जिसमें पर्यावरण की रक्षा करने को लेकर कोई विचार नहीं है. हमारा देश मौजूदा समय में दुनिया में इस मामले में काफी पीछे है. कोरोना महामारी के कारण सरकार को इस पर विचार करने की जरूरत थी. लेकिन इसकी अनदेखी हो रही है.’ उन्होंने यह भी कहा कि नई पर्यावरण नीति को कोई भी विरोध नहीं कर रहा है. सरकार को इसे लाने से पहले इसके लिए वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों से सलाह लेनी चाहिए थी.

 

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