नया टैक्स प्लेटफॉर्म लॉन्च, PM बोले- लोगों पर भरोसा जरूरी, कानून का जंजाल खत्म

चार्टर का मकसद टैक्सपेयर्स की परेशानी कम करना, अफसरों की जवाबदेही तय करना पायलट प्रोजेक्ट पर चल रहे फेसलेस असेसमेंट को देशभर में लागू करने की घोषणा भी संभव ईमानदार टैक्सपेयर्स को प्रोत्साहन और कर प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक नए खास प्लेटफॉर्म की शुरुआत की.

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ईमानदार टैक्सपेयर्स को प्रोत्साहन और कर प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक नए खास प्लेटफॉर्म की शुरुआत की. इस प्लेटफॉर्म का नाम ‘ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन: ऑनरिंग द ऑनेस्ट’ दिया गया है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये प्लेटफॉर्म 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की शुरुआत है, जिसमें फेसलैस असेसमेंट-अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि अब जान-पहचान का मौका खत्म हो गया है, ट्रांसफर पोस्टिंग के मसलों से राहत मिलेगी. वहीं, टैक्स से जुड़े मामलों की जांच और अपील दोनों ही फेसलैस होंगी.

पीएम मोदी ने कहा कि इनमें कुछ सुविधा अभी से लागू हो गई है, जबकि पूरी सुविधा 25 सितंबर से शुरू होगी. प्रधानमंत्री बोले कि पिछले कुछ वक्त में हमने इन मसलों पर फोकस किया है, ये नई यात्रा की शुरुआत है. अब ईमानदार का सम्मान होगा, एक ईमानदार टैक्सपेयर राष्ट्र निर्माण में भूमिका निभाता है. आज से शुरू हो रही नई व्यवस्थाएं, नई सुविधाएं मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्ननेंस को आगे बढ़ाती हैं. पीएम ने कहा कि इससे सरकार का दखल कम होगा.

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प्रधानमंत्री बोले कि गलत तौर-तरीके सही नहीं है और छोटे रास्ते नहीं अपनाना चाहिए. हर किसी को कर्तव्यभाव को आगे रखते हुए काम करना चाहिए. पीएम ने कहा कि पॉलिसी स्पष्ट होना, ईमानदारी पर भरोसा, सरकारी सिस्टम में टेक्नोलॉजी का प्रयोग, सरकारी मशीनरी का सही उपयोग करना और सम्मान करना. पहले रिफॉर्म की बातें होती थीं, कुछ फैसले मजबूरी-दबाव में लिए जाते थे जिससे परिणाम नहीं मिलता था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले कि आज देश में रिफॉर्म लगातार किया जा रहा है, ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में देश आगे बढ़ा रहा है. कोरोना संकट में भी देश में रिकॉर्ड FDI का आना इसी का उदाहरण है. पीएम ने कहा कि देश के साथ छल करने वाले कुछ लोगों की पहचान के लिए बहुत लोगों को परेशानी से गुजरना पड़ा, ऐसे में साठगांठ की व्यवस्था बन गई. इसी चक्कर के कारण ब्लैक-व्हाइट का उद्योग बढ़ा.

पीएम ने कहा कि पहले 10 लाख का मामला भी अदालत में चला जाता था, लेकिन अब हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में जाने वाले मामले की सीमा क्रमश: 1-2 करोड़ की गई है. अब फोकस अदालत से बाहर ही मामलों को सुलझाने पर है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले अपने शहर का अधिकारी है मामला देखता था, लेकिन अब टेक्नोलॉजी की वजह से देश के किसी भी हिस्से का अधिकारी केस की जांच कर सकता है. अगर मुंबई में कोई केस सामने आता है, तो उसकी जांच का मामला मुंबई को छोड़कर किसी भी शहर की टीम के पास जा सकता है. उस आदेश का रिव्यू किसी दूसरे शहर की टीम करेगी, टीम में कौन होगा इसका नतीजा भी कंप्यूटर से किया जाएगा.

इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार की ओर से टैक्सपेयर्स को फायदा पहुंचाने के लिए इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत की गई है. जिसमें टेक्नोलॉजी, डाटा का इस्तेमाल किया गया है जिससे लोगों को आसानी होगी. आयकर विभाग ने इस कार्यक्रम के तहत टैक्सपेयर्स को कई तरह की छूट दी हैं, साथ ही उनके साथ न्याय करने का वादा किया है.

पीएम मोदी के नए प्रोग्राम का मुख्य फोकस इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स यानी व्यक्तिगत आयकरदाताओं पर है. इसमें ईमानदार टैक्सपेयर्स को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है.

पिछले 3-4 हफ्तों में प्रधानमंत्री कार्यालय की देश के टैक्स अधिकारियों से कई दौर की बैठकों में फेसलेस अससेमेंट और पारदर्शिता आदि को लेकर चर्चा हुई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में कहा था कि फेसलेस असेसमेंट और अन्य कदमों से करदाताओं की परेशानी कम होगी ​और टैक्स व्यवस्था सरल होगी.

अक्सर उठती रही है मांग

गौरतलब है कि देश की कई संस्थाएं इनकम टैक्स व्यवस्था को खत्म करने या ईमानदार करदाताओं को प्रोत्साहित करने की मांग करती रही हैं. बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी तो इनकम टैक्स को खत्म कर देने की ही बात करते रहे हैं. तमाम जानकार यह भी कहते हैं कि भारत में इनकम टैक्स देने वाले को कोई प्रोत्साहन नहीं है बल्कि उसे प्रताड़ना का शिकार होना पड़ता है.

कई एक्सपर्ट यह मांग करते रहे हैं कि टैक्सपेयर्स को उसी तरह से कुछ खास सुविधाएं देनी चाहिए जैसे कि कई विकसित देशों में मिलती हैं.

पीएम ने दी जानकारी

खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी यह सोच रही है कि ईमानदार करदाताओं को प्रोत्साहित करना चाहिए. उनका मानना है कि ऐसे टैक्सपेयर्स की कड़ी मेहनत से ही देश तरक्की कर रहा है.

प्रधानमंत्री मोदी ने खुद ट्वीट कर बुधवार को इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘गुरुवार सुबह 11 बजे ‘ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन: ऑनरिंग द ऑनेस्ट’ प्लेटफॉर्म की शुरुआत होगी. यह कर प्रणाली में सुधार और सरलीकरण की दिशा में हमारे प्रयासों को मजबूत करेगा. इससे बहुत से ईमानदार टैक्सपेयर्स को फायदा होगा जिनके कड़े परिश्रम की वजह से देश प्रगति कर रहा है.’

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आयकरदाताओं की सुविधाओं पर है निरंतर फोकस

पिछले कुछ वर्षो में आयकर विभाग ने खासकर व्यक्तिगत आयकरदाताओं की मुश्किलें कम करने के लिए कई तरह के उपाय किये हैं. करदाताओं के लिए अनुपालन को ज्‍यादा आसान करने के लिए आयकर विभाग अब ‘पहले से ही भरे हुए’ आयकर रिटर्न फॉर्म प्रस्‍तुत करने लगा है, ताकि व्यक्तिगत करदाताओं के लिए अनुपालन को और भी अधिक सुविधाजनक बनाया जा सके.

लंबित कर विवादों का समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से आयकर विभाग ने प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास अधिनियम भी प्रस्‍तुत किया है जिसके तहत वर्तमान में विवादों को निपटाने के लिए घोषणाएं दाखिल की जा रही हैं.

करदाताओं की शिकायतों या मुकदमों में प्रभावकारी रूप से कमी सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न अपीलीय न्यायालयों में विभागीय अपील दाखिल करने के लिए आरंभिक मौद्रिक सीमाएं भी बढ़ा दी गई हैं.

इसी तरह, डिजिटल लेन-देन और भुगतान के इलेक्ट्रॉनिक तरीकों को बढ़ावा देने के लिए भी कई उपाय किए गए हैं. यही नहीं, आयकर विभाग ने कोविड काल में करदाताओं के लिए अनुपालन को आसान बनाने के लिए भी अनेक तरह के प्रयास किए हैं. इसके तहत रिटर्न दाखिल करने के लिए वैधानिक समयसीमा बढ़ा दी गई है और करदाताओं के हाथों में नकदी प्रवाह बढ़ाने के लिए तेजी से रिफंड जारी किए गए हैं.

ईमानदार टैक्सपेयर्स को प्रोत्साहन और कर प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक नए खास प्लेटफॉर्म की शुरुआत की. इस प्लेटफॉर्म का नाम ‘ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन: ऑनरिंग द ऑनेस्ट’ दिया गया है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये प्लेटफॉर्म 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की शुरुआत है, जिसमें फेसलैस असेसमेंट-अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि इनमें कुछ सुविधा अभी से लागू हो गई है, जबकि पूरी सुविधा 25 सितंबर से शुरू होगी.

इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार की ओर से टैक्सपेयर्स को फायदा पहुंचाने के लिए इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत की गई है. जिसमें टेक्नोलॉजी, डाटा का इस्तेमाल किया गया है जिससे लोगों को आसानी होगी. आयकर विभाग ने इस कार्यक्रम के तहत टैक्सपेयर्स को कई तरह की छूट दी हैं, साथ ही उनके साथ न्याय करने का वादा किया है.

पीएम मोदी के नए प्रोग्राम का मुख्य फोकस इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स यानी व्यक्तिगत आयकरदाताओं पर है. इसमें ईमानदार टैक्सपेयर्स

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के ईमानदार करदाताओं के लिए नया प्लेटफॉर्म ‘पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान’ लॉन्च कर रहे हैं। इस दौरान वे ईमानदारी से टैक्स भरने वालों के लिए कुछ सौगातों की घोषणा कर रहे हैं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री टैक्सपेयर्स चार्टर लागू करने का ऐलान कर सकते हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले बजट में टैक्सपेयर्स चार्टर लाने का ऐलान किया था। पिछले हफ्ते भी उन्होंने इस चार्टर को जल्द लागू करने के संकेत दिए थे। मंत्रालय ने बताया कि आयकर विभाग के कामकाज में ट्रांसपेरेंसी लाने के लिए सीबीडीटी ने कई कदम उठाए हैं।

क्या है टैक्सपेयर्स चार्टर?
चार्टर्ड अकाउंटेंट कीर्ति जोशी के मुताबिक टैक्सपेयर्स चार्टर का मकसद करदाताओं और इनकम टैक्स विभाग के बीच विश्वास बढ़ाना, टैक्सपेयर्स की परेशानी कम करना और अफसरों की जवाबदेही तय करना होता है। इस समय दुनिया के सिर्फ तीन देशों- अमेरिका, कनाडा और आस्ट्रेलिया में ही यह लागू है। इन तीनों देशों के टैक्सपेयर्स चार्टर में 3 प्रमुख बातें शामिल हैं-

1. करदाता को ईमानदार मानना
जब तक यह साबित न हो जाए कि करदाता ने टैक्स चोरी या गड़बड़ी की है, तब तक उसे ईमानदार करदाता मानते हुए उन्हें सम्मान देना।
2. समय पर सेवा
करदाताओं की समस्याओं का जल्द समाधान करना। अगर किसी समस्या का तुरंत समाधान संभव न हो तो तय टाइम लाइन में सॉल्यूशन की व्यवस्था करना।
3. आदेश से पहले स्क्रूटनी
करदाताओं के खिलाफ आदेश जारी करने से पहले उन्हें स्क्रूटनी करने का मौका देना, जिससे गलत आदेश पारित न हो।

देशभर में फेसलेस असेसमेंट लागू करने का ऐलान भी संभव
द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के प्रेसिडेंट सीए अतुल कुमार गुप्ता ने बताया कि आईसीएआई ने वित्त मंत्रालय को फेसलेस असेसमेंट के बारे में समय-समय पर सुझाव दिए हैं। अभी 18 शहरों में यह पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू है। इनकम टैक्स ऑफिसर के स्तर तक के असेसमेंट फेसलेस होते हैं। सूत्रों के मुताबिक पूरे देश में फेसलेस असेसमेंट की घोषणा प्रधानमंत्री कर सकते हैं। सबसे बुजुर्ग करदाताओं को सम्मानित करने की घोषणा भी कर सकते हैं।

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