पंजाब में शहरों से ज्यादा गांवों में हो रहीं मौतें वजह-देरी से अस्पताल आ रहे मरीज,शहरों में मृत्यु दर 2.4% व गांवों में 2.9% ;

गांवाें के डॉक्टरों को कोरोना के संदिग्ध मरीज के बारे में जानकारी देने के आदेश

चंडीगढ़. पंजाब में काेराेना से हाे रही मौतों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। सरकार खुद इस बात को मानती है कि सितंबर तक काेराेना के चरम तक पहुंचने की संभावना है। ऐसे में आने वाले दिनों में काेराेना काे लेकर सरकार ने रणनीति तैयार कर ली है। हाल में सेहत विभाग ने कोरोना से हो रही माैतों को लेकर एक ऑडिट कराया है। इसमें सामने आया कि शहर की अपेक्षा गांवों में कोरोना से ज्यादा मौतें हुई हैं।

इसके बाद विभाग के अधिकारियों ने गांवों में मौत की वजहों को जानने के लिए मरीज के दाखिल होने से लेकर उसकी मौत तक के हर पहलू को खंगाला है। इसमें पाया गया कि 31 जुलाई तक कुल 382 मौतों में शहरों में मृत्यु दर 2.4% और ग्रामीण क्षेत्र में यह दर 2.9% है। हालांकि पहले शहरों में ज्यादा मौतें होने का आंदेशा था। ऑडिट में सामने आया कि गांवाें से कुछ मरीज देरी से जिला अस्पताल पहुंचाए गए।

वहीं, जिला अस्पताल में हालत गंभीर होने पर देरी से रेफर किए जाने के मामले भी सामने आए हैं। इसके बाद विभाग ने ग्रामीण इलाकों के डॉक्टरों को हिदायत दी है कि अगर उनके यहां कोरोना का कोई भी संदिग्ध मरीज आए तो उसे तुंरत जिला अस्पताल रेफर करें।

इसके साथ संबंधित जिला के नोडल अफसर को रेफर किए मरीज के इनपुट सांझा करने को कहा है। ऐसा न करने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने ऑडिट कराने को पीजीआई के पूर्व डॉक्टर की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी। कमेटी ने 31 जुलाई तक सूबे में हुई मौतों का आंकलन किया है।

जुलाई के पहले हफ्ते में शहरों में हो रही थीं ज्यादा मौतें

जांच कमेटी के मुताबिक 7 जुलाई तक करोना से मरने वालों में शहरी ज्यादा थे। तब शहरों में मृत्यु दर 2.4% और ग्रामीण क्षेत्रों में यह दर 1.9% थी। लेकिन जुलाई के अंत में ग्रामीण इलाकों में मौत का आंकड़ा बढ़ गया। कमेटी ने जांच की तो पाया कि ग्रामीण इलाकों में मरीजों की हालत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें जिला अस्पतालों में भर्ती कराया गया।

ऐसे में मरीज के आने के बाद और उसके इलाज में काफी समय लगा। इसके बाद विभाग अब ऐसे मरीजों के इलाज को लेकर विभाग अलग रणनीति बना रहा है। जिससे मरीजों के जिला अस्पतालों में पहुंचने से पहले सभी इंतजाम पूरे कर लिए जाएंगे।

विधायक हरजोत समेत 1048 पॉजिटिव, 26 की मौत, अगस्त में ही 251 की मौत
सूबे में मंगलवार काे 1048 नए मरीज मिले और 26 मौतें हुईं। लुधियाना में 10, जालंधर में 3, मोहाली, तरनतारन, बठिंडा और पटियाला में 2-2, कपूरथला, गुरदासपुर, संगरूर, अमृतसर और मुक्तसर में 1-1 मरीज ने दम तोड़ा। मृतकों की संख्या अब 650 पहुंच गई है। कुल संक्रमित अब 26,748 हो गए हैं। इनमें 17,606 मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि 8493 मरीजों का इलाज चल रहा है।

इनमें 139 मरीज ऑक्सीजन और 21 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। मंगलवार को मोगा में विधायक डॉक्टर हरजोत कमल भी पॉजिटिव पाए गए। वहीं पठानकोट में पॉजिटिव आए विधायक अमित विज को अमृतसर फोर्टिस अस्पताल में रेफर कर दिया है। उनकी सेहत में अब सुधार है। अगस्त के 12 दिनों में ही 251 की मौत हो चुकी है जबकि 5 बार हजार से ज्यादा केस आए हैं।

कहां कितने केस

लुधियाना 284, अमृतसर 111, मोगा 14, बरनाला 7, गुरदासपुर 37, फिरोजपुर 12, होशियारपुर 60, फाजिल्का 3, जालंधर 82, संगरूर 12, कपूरथला 54, नवांशहर 16, पठानकोट 27, रोपड़ 11, मुक्तसर 3, फरीदकोट 12, पटियाला 118, फतेहगढ़ 15, माेहाली 67, मानसा 22, बठिंडा 68, तरनतारन 13

1055 मरीज डिस्चार्ज

24 घंटों में 1055 मरीज डिस्चार्ज किए गए। इनमें लुधियाना में 516, जालंधर में 262, अमृतसर में 49, संगरूर में 60, नवांशहर में 36, गुरदासपुर में 18, फिरोजपुर में 22, पठानकोट में 5, फतेहगढ़ साहिब में 17, मोगा में 10, मोहाली में 28, फाजिल्का में 26, मुक्तसर में 1 और बरनाला में 5 मरीज डिस्चार्ज किए गए।

हॉकी स्टार: जालंधर के मनदीप सिंह की हालत गंभीर, ब्लड ऑक्सीजन लेवल सामान्य से काफी कम
बेंगलुरू में पॉजिटिव पाए गए नेशनल हॉकी टीम के फॉरवर्ड प्लेयर जालंधर के गांव मिठापुर के मनदीप सिंह (25) की हालत गंभीर है। मंगलवार को साई ने बताया कि मंदीप का ब्लड ऑक्सीजन लेवल सामान्य से काफी कम है। उन्हें बेंगलुरु के एक मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में शिफ्ट किया है।

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