बठिंडा। केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर लंगर के पैसे को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने पंजाब सरकार की ओर से 2017 से लेकर अब तक लंगर के नाम पर इकट्ठे किए गए 3.13 करोड़ रुपये का हिसाब मांगा है।
इस संबंध में अपनी फेसबुक वॉल पर पोस्ट कर उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार ने लंगर के नाम पर वसूली राशि को दबा लिया है। इससे साबित होता है कि पंजाब के सीएम चाहते हैं कि संगत के हक के लिए गुरुघर भी उनकी मिन्नतें करे, जबकि लंगर पर सबका हक होता है। इसको कोई छीन नहीं सकता।
हरसिमरत ने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब को 2019-20 के जीएसटी के 12,187 करोड़ रुपये की कुल राशि जारी कर चुकी है। इसके बाद भी पंजाब के सीएम लोगों के लिए कुछ नहीं कर रहे। पंजाब सरकार ने अपनी आर्थिक तंगी का रोना रोकर सरकारी मुलाजिमों के मोबाइल भत्तों के बाद सरकारी विभागों को टूर के लिए मिलने वाले पेट्रोल में भी कटौती कर दी है।
उन्होंने कहा कि हालांकि, स्टेट हेड क्वार्टर पर यह कटौती 50 फीसद की गई है। सीएम को चाहिए कि वह पंजाब के वित्तीय हालातों को सुधारने के अलावा सरकारी मुलाजिमों को समय पर अदायगी करें। लाभार्थियों व जरूरतमंदों को शगुन व पेंशन योजना की राशि भी दी जाए।
शराब, रेत माफिया से सोनिया गांधी की साठगांठ : शिअद
कैप्टन सरकार को जहरीली शराब से मौतों के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उसे बर्खास्त करने की मांग को लेकर शिरोमणी अकाली दल (शिअद) ने फिर चंडीगढ़ मेें राजभवन तक विरोध मार्च किया। चंडीगढ़ पुलिस ने अकाली नेताओं को राजभवन पहुंचने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। मार्च की अगुआई अकाली दल ने पूर्व जेल मंत्री हीरा सिंह गाबडिय़ा ने की।
गाबडि़या ने कहा कि पंजाब में शराब और रेत माफिया ने दो हजार करोड़ रुपये कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी आलाकमान को भेजे हैं। उन्होंने राज्यपाल से मांग की कि इसकी सीबीआइ और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि शराब और रेत माफिया ने कांग्रेस आलाकमान से समझौता किया है। यही कारण है कि पंजाब में जहरीली शराब से 130 लोगों की मौत के बावजूद सोनिया गांधी ने इस घटना की निंदा करने के लिए एक शब्द नहीं बोला।