रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया ‘आत्मनिर्भर भारत’ सप्ताह का उद्घाटन, अब ऐसा होगा New India

Rajnath Singh Atmanirbharta Saptah: आत्मनिर्भर सप्ताह को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, 'अगर हम खुद भारत के भीतर चीजों का निर्माण करने में सक्षम हो जाते हैं, तो हम देश की राजधानी के एक बड़े हिस्से को बचाने में सक्षम होंगे.'

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नई दिल्ली. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने आत्मनिर्भर भारत सप्ताह (Atmanirbharta Saptah) की शुरुआत की. सोमवार को राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए राजधानी दिल्ली के दक्षिण ब्लॉक में आत्मनिर्भर भारत सप्ताह के उद्घाटन सत्र में भाग लिया. इस दौरान राजनाथ सिंह के साथ कई अधिकारी भी मौजूद थे.
आत्मनिर्भर भारत सप्ताह को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, ‘अगर हम खुद भारत के भीतर चीजों का निर्माण करने में सक्षम हो जाते हैं, तो हम देश की राजधानी के एक बड़े हिस्से को बचाने में सक्षम होंगे. उस पूंजी की मदद से रक्षा उद्योग से जुड़े लगभग 7000 MSMEs को प्रोत्साहित किया जा सकता है.’

आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता से परिपूर्ण भारत
राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2017 में चंपारण की सौवीं वर्षगांठ के अवसर पर नया भारत बनाने ऐलान किया था. अब प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब हम नए भारत की नींव रखेंगे तब वो आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता से परिपूर्ण होगा.
‘आत्‍मनिर्भर भारत’ अभियान को बढ़ाने की तैयारी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने की एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए 101 हथियारों और सैन्य उपकरणों के आयात पर 2024 तक के लिए रोक लगाने की रविवार को घोषणा की. इन उपकरणों में हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, मालवाहक विमान, पारंपरिक पनडुब्बियां और क्रूज मिसाइल शामिल हैं.

अधिकारियों के अनुसार, 101 वस्तुओं की सूची में टोएड आर्टिलरी बंदूकें, कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, क्रूज मिसाइलें, अपतटीय गश्ती जहाज, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली, अगली पीढ़ी के मिसाइल पोत, फ्लोटिंग डॉक, पनडुब्बी रोधी रॉकेट लांचर और कम दूरी के समुद्री टोही विमान शामिल हैं.

2025 तक 1.75 लाख करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान
सूची में बुनियादी प्रशिक्षण विमान, हल्के रॉकेट लांचर, मल्टी बैरल रॉकेट लांचर, मिसाइल डेस्ट्रॉयर, जहाजों के लिये सोनार प्रणाली, रॉकेट, दृश्यता की सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें अस्त्र-एमके 1, हल्की मशीन गन व आर्टिलरी गोला-बारूद (155 एमएम) और जहाजों पर लगने वाली मध्यम श्रेणी की बंदूकें भी शामिल हैं. राजनाथ की घोषणा रक्षा मंत्रालय की रक्षा खरीद नीति के मसौदे के एक सप्ताह के बाद सामने आयी है. मसौदे में रक्षा मंत्रालय ने 2025 तक रक्षा विनिर्माण में 1.75 लाख करोड़ रुपये (25 अरब डॉलर) के कारोबार का अनुमान लगाया है.

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