पंजाब में जहरीली शराब मामला:जाखड़ का बाजवा पर पलटवार, लिखा-जो खानदानी रईस हैं वो मिज़ाज रखते हैं नर्म अपना, तुम्हारा लहजा बता रहा है, तुम्हारी दौलत नई-नई है

चंडीगढ़। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ की राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा के बीच चल रही अंदरूनी जंग जगजाहिर होने से सुर्खियां बनी हुई हैं। रविवार शाम जाखड़ ने गायिका शबीना अदीब की नज्म को ट्वीट करके प्रताप सिंह बाजवा को नसीहत दी। उन्होंने लिखा- जो खानदानी रईस हैं वो मिज़ाज रखते हैं नर्म अपना, तुम्हारा लहजा बता रहा है, तुम्हारी दौलत नई-नई है…।

नज्म के साथ जाखड़ ने लिखा कि प्रताप सिंह बाजवा द्वारा शालीनता भूलकर लगातार उनके प्रति जो कटाक्ष किए जा रहे हैं या फिर जो गलत भाषा का उपयोग किया जा रहा है। उनके चाहने वालों की मांग है कि बाजवा को भी उसी भाषा में जवाब दिया जाए। लेकिन मैं बाजवा की तरह शब्दों की मर्यादा को नहीं भूलूंगा क्योंकि मैंने अपने परिवार सेे मिली शिक्षा से ऐसा बिल्कुल नहीं सीखा। इसलिए बाजवा जिस तरह की अभद्र भाषा का उपयोग कर रहे हैं।

वो कम से कम इस भाषा में कभी भी जवाब नहीं देंगे परंतु इस नज्म के जरिए जरूर अपना जवाब देना चाहूंगा। जाखड़ ने 1 मिनट 59 सेकेंड की नज्म अपलोड की और उसे गाने वाली गायिका शबीना अदीब दुबई में चल रहे एक मुशायरे के दौरान नज्म सुनाती हैं कि जो खानदानी रहीस हैं वो मिजाज रखते हैं नर्म अपना, तुम्हारा लहजा बता रहा है, तुम्हारी दौलत नई-नई है, जरा सा कुदरत ने क्या नवाजा कि आके बैठे हो पहली सफ में, अभी से उड़ने लगे हवा में, अभी तो शोहरत नई-नई है।

समझिए नज्म के माध्यम से क्या कहना चाह रहे जाखड़

सुनील जाखड़ पर प्रताप सिंह बाजवा दो दिनों से काफी गर्म शब्दों के बाण चला रहे हैं। जाखड़ चुप थे लेकिन उनके कार्यकर्ताओं को उनकी चुप्पी खल रही थी। जाखड़ कार्यकर्ताओं को कह रहे कि कोई बुरा है तो वो बुरा नहीं बन सकते। लेकिन बाजवा ने जब जुबान पर काबू नहीं रखा तो जाखड़ ने टवीट् से समझाया कि जो शब्दों की शालीनता बाजवा भूले हैं, अगर उसी लहजे में जवाब दिया तो दोनों की सोच में कोई अंतर नहीं रहेगा। वहीं, कांग्रेसी सूत्रों की मानें तो रविवार को जाखड़ दिल्ली थे और हाईकमान से जल्द मुलाकात कर सकते हैं।

कैप्टन कांग्रेस में बाद में आए हैं : बाजवा

उधर, रविवार को प्रताप सिंह बाजवा 4 चैनलों में इंटरव्यू दिए और हर इंटरव्यू में वो आरोप लगाते हुए खुद के राजनीतिक कद के बारे में बताते रहे। बाजवा ने आरोप लगाया कि जाखड़ और कैप्टन उनको पार्टी से निकलवाने वाले कौन होते हैं। उनके परिवार ने पार्टी के लिए कुर्बानियां दी हैं। पार्टी को गुरदारसपुर से मजबूत करके चुनावों में जीत दिलाई गई है। जाखड़ का उपचुनाव में साथ दिया, कैप्टन अमरेंद्र सिंह तो कांग्रेस में उनके बाद आए हैं।

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