हरियाणा बोर्ड का अजब इंसाफ: दृष्टि बाधित सुप्रिया को गणित के पेपर में मिले थे 100 में से सिर्फ 2 अंक, 5000 रुपए खर्च कर री-चैकिंग कराई तो आ गए पूरे 100

सफाई ये दी गई कि सुप्रिया की गणित की आंसर शीट नॉर्मल स्टूडेंट्स के साथ चेक करने के कारण मिले थे सिर्फ 2 नंबर बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन, हरियाणा ने 10 जुलाई को जारी किया 10वीं बोर्ड का रिजल्ट

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स्कूल शिक्षा बोर्ड, हरियाणा (BSHE) की कक्षा 10वीं की स्टूडेंट सुप्रिया को 10वीं की बोर्ड परीक्षा में गणित में सिर्फ 2 अंक मिले थे। इस पर सुप्रिया ने बोर्ड पर कॉपी जांच में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए री-चेकिंग के लिए आवेदन किया। हैरानी की बात यह है कि इसके बाद उन्हें गणित में पूरे 100 अंक मिल गए।

सामान्य बच्चों के साथ कॉपी हुई चेक

सुप्रिया जैसे स्टूडेंट्स को लिए नियम होता है कि वह अपने साथ परीक्षा में राइटर ले जा सकते हैं। गणित के पेपर सभी विषयों से अलग होते हैं। इसमें ए, बी और सी कोड के प्रश्न पेपर आते हैं। राइटर का काम प्रश्न बोलना और परीक्षार्थी जो उत्तर देता है, वह लिखना होता है। छज्जू राम ने बताया कि सुप्रिया की गणित की आंसर शीट नॉर्मल स्टूडेंट्स के साथ चेक कर दी गई थी, जिसके कारण उसके आंसर अलग दिखे और उसे महज दो नंबर ही मिले थे।

पिता ने री-चेकिंग के लिए किया अप्लाई

आंशिक रूप से दृष्टिबाधित स्टूडेंट कहती है, “गणित की परीक्षा में मिले 2 अंक देख वह हैरान और दुखी थी। इस पर उसके पिता ने री-चेकिंग के लिए आवेदन किया और री-चेकिंग के बाद मुझे 100 अंक मिले। सुप्रिया ने कहा कि मैं बोर्ड से मांग करना चाहूंगी कि वह किसी अन्य विशेष रूप से विकलांग छात्र के साथ नहीं करें।”

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