सीएम पंजाब का मरहम:जहरीली शराब से मरने वालों के परिजनों को अब 5-5 लाख की मदद का एलान, आंखों की रोशनी गंवाने वालों को भी मिलेगी आर्थिक सहायता

योग्यता- उम्र के हिसाब से परिवार केे एक शख्स को नौकरी, दोषियों को होगी सख्त सजा

अमृतसर। जहरीली शराब पीने की वजह से जान गंवाने वाले हर शख्स के परिवार को सूबा सरकार की ओर से दो-दो लाख रुपए की जगह 5-5 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। यह एलान तरनतारन के गुरु अर्जुन देव स्टेडियम में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को जहरीली शराब पीकर मरने वालों के परिवारों से मुलाकात के दौरान किया।

सीएम ने कहा, जहरीली शराब के कारण जिन लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है, उन्हें भी 5-5 लाख रुपए की मदद दी जाएगी। पीड़ित परिवारों के लिए हरसंभव मदद का एलान करते हुए कैप्टन ने कहा कि कई परिवारों ने उनसे नौकरी की मांग की है क्योंकि उनके यहां कमाने वाला कोई नहीं बचा। संबंधित जिलों के डीसी सभी परिवारों की लिस्ट बनाकर उन्हें भेंजेंगे।

वह इनके लोगों को उम्र और एजुकेशन के लिहाज से नौकरी देने का इंतजाम करेंगे। जिन लोगों की उम्र पूरी है, उन्हें पंजाब सरकार की घर-घर रोजगार स्कीम के तहत नौकरी दी जाएगी। 82 पीड़ित परिवारों को पहले से पेंशन स्कीम का लाभ मिल रहा है। बाकी के लिए पेंशन का एलान एक-दो दिन में कर दिया जाएगा।

इनमें से 60 परिवार सरबत सेहत बीमा योजना में कवर हैं। बाकी परिवारों का भी बीमा करवाया जा रहा है। इसी तरह स्मार्ट राशन कार्ड के तहत 42 परिवार पहले से कवर हैं। बाकी परिवारों को इस स्कीम का लाभ दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि जहरीली शराब से अब तक तीनों जिलों में 121 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 92 मौत तरनतारन, 15 अमृतसर रूरल और 14 गुरदासपुर जिले में हुई है।

कैप्टन बोले- पीड़ित परिवारों को पक्के घर बनवाकर देंगे

सीएम ने कहा कि कई पीड़ित परिवार कच्चे घरों में रह रहे हैं। इनमें से 10 परिवारों के केस पहले ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अप्रूव हो चुके हैं। जो परिवार बाकी बचेंगे, उन्हें पंजाब सरकार पक्के घर बनवाकर देगी। 3 अपाहिजों को ट्राइसाइकिल दिए जाएंगे। 43 परिवारों को मनरेगा जॉब कार्ड दिए गए हैं। सीएम ने पीड़ित परिवारों को जल्द से जल्द आर्थिक सहायता देने के लिए तरनतारन के डीसी कुलवंत सिंह को 2 करोड़ 92 लाख रुपए का चेक भी सौंपा।

रटौल गांव के मृतकों को मुआवजा देने के आदेश

सीएम ने 16 जुलाई को तरनतारन के ही रटौल गांव में जहरीली शराब से जिन तीन लोगों की मौत हुई थी, उनके परिवारों के नाम भी लिस्ट में शामिल करने के निर्देश दिए ताकि उन्हें भी आर्थिक राहत दी जा सके। यहां गौर होकि रटौल गांव के ही एक बीएसएफ अधिकारी की जहरीली शराब पीने से आंखों की रौशनी चली गई थी। उन्हीं की शिकायत पर पुलिस ने शराब बेचने वालों पर पर्चा भी दर्ज किया था परन्तु मामले में पुलिस के गंभीर होने से पहले ही अमृतसर व तरनतारन में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौतें होनी शुरू हो गईं।

डिंपा और जाखड़ बोले- आर्थिक मदद बढ़े, सीएम अमरिंदर ने माना

खडूर साहिब से सांसद जसबीर सिंह डिंपा व पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ ने कैप्टन से आग्रह किया कि पीड़ित परिवारों को दी जाने वाली 2-2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता को बढ़ाया जाए और जिन लोगों की आंखों की रोशनी गई है, उन्हें भी आर्थिक मदद दी जाए जिसे कैप्टन ने स्वीकार कर लिया। उन्होंने मांग की कि जहरीली शराब सप्लाई करने के दोषियों की जायदादें जब्त की जाएं। यह क्रिमिनल नेग्लिजेंसी है। लापरवाही बरतने वाले अफसरों को भी बराबर की सजा दी जाए।

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