गुजरात में हादसा:अहमदाबाद के कोविड अस्पताल में आग लगी, 8 कोरोना मरीजों की मौत; 41 पेशेंट दूसरी जगह शिफ्ट किए गए, हॉस्पिटल सील

अहमदाबाद के श्रेय कोविड अस्पताल में गुरुवार तड़के 3:30 बजे आग लगी इसमें कोविड के मरीजों के लिए 50 बेड हैं, हादसे के वक्त 40 से 45 मरीज भर्ती थे

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अहमदाबाद के नवरंगपुरा इलाके के कोविड अस्पताल में आग लगने से 8 मरीजों की मौत हो गई। इनमें 5 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल हैं। एडिशनल चीफ सेक्रेटरी राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि श्रेय हॉस्पिटल को सील कर दिया है। 41 मरीजों को सरदार वल्लभ भाई पटेल (एसवीपी) अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। बॉडीज को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। आग लगने की खबर मिलते ही अस्पताल में मरीजों के परिजन की भीड़ लग गई।

अहमदाबाद के नवरंगपुरा इलाके के कोविड अस्पताल में आग लगने से 8 मरीजों की मौत हो गई। इनमें 5 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल हैं। आग रात के 3.30 बजे आईसीयू के बेड नंबर 8 के पास शॉर्ट सर्किट से शुरू हुई और बेड पर लेटी महिला मरीज के बालों तक पहुंच गई। इससे वह घबरा गई। उसे बचाने के लिए एक अटेंडेंट पास आई तो उसके पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) किट में आग लगी। इसके बाद आग बुझाने के लिए दो कर्मचारी और आगे आए तो वे भी जख्मी हो गए। हादसे के समय आईसीयू में 10 मरीज थे। सभी की मौत हो गई है।

पूरा आईसीयू जल गया
आईसीयू में आग लगने के दौरान भगदड़ मच गई। इसी दौरान एक ऑक्सीजन सिलेंडर गिर गया और उसमें आग फैल गई। इससे मरीजों को बाहर तक निकलने का मौका नहीं मिला और पूरा आईसीयू जल गया।

15 मिनट में ही फायर ब्रिगेड की टीम पहुंच गई थी
अहमदाबाद फायर ब्रिगेड के एडिशनल चीफ फायर ऑफिसर राजेश भट्‌ट ने बताया कि ये आरोप गलत हैं कि फायर बिग्रेड की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचने में देरी की। हम सूचना मिलते ही 15 मिनट में ही पहुंच गए थे। उन्होंने कहा कि जब तक हम यहां पहुंचे, तब तक पूरा आईसीयू खाक हो चुका था। आग फैलने का कारण ऑक्सीजन के सिलेंडर थे। दूसरी तरफ, हॉस्पिटल के दूसरे माले पर 40 मरीज थे, वहां तक धुंआ था। कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। यहां पर भी कई मरीजों को ऑक्सीजन लगी थी। इसलिए खतरा लगातार बढ़ता जा रहा था। इन सबके बीच ब्रिगेड के 40 जवानों की टीम अंदर पहुंची और एक-एक कर सभी मरीजों को बाहर निकाला। हम सीधे कोरोना मरीजों के संपर्क में आए थे। इसलिए सभी कर्मचारियों को क्वारैंटाइन किया जाएगा।

पुलिस के मुताबिक, ‘श्रेय अस्पताल में आग तड़के 3:30 बजे आईसीयू से शुरू हुई। इसके बाद दूसरे वार्ड में फैल गई।’ बताया जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी। इसमें कोविड के मरीजों के लिए 50 बेड हैं। हादसे के वक्त 40 से 45 मरीज भर्ती थे।

पुलिस और फायर बिग्रेड के कर्मचारियों ने मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया

मोदी ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से बात की

मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से मारे गए लोगों के परिवार को 2-2 लाख रुपए देने का ऐलान किया है। इसके अलावा, इस हादसे में जख्मी लोगों को 50 हजार की मदद दी जाएगी। उधर, मुख्यमंत्री रूपाणी ने इस घटना के जांच के आदेश दे दिए हैं। इस जांच का नेतृत्व एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (होम डिपार्टमेंट), संगीता सिंह करेंगी। मुख्यमंत्री ने तीन दिन में रिपोर्ट देने को कहा है।

पुलिस और फायर बिग्रेड के कर्मचारियों ने लोगों को बाहर निकाला
चश्मदीदों के मुताबिक, पुलिस और फायर बिग्रेड के कर्मचारियों ने मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया। इनका कहना है कि मरने वालों की तादाद बढ़ सकती है। उधर, मरीजों के परिजन का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन ने आग लगने की जानकारी पुलिस और फायर बिग्रेड को देरी से दी।

श्रेय हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के बारे में जानकारी लेने के लिए उनके रिश्तेदार और करीबियों को काफी देर तक इंतजार करना पड़ा।

इन लोगों की मौत हुई: वारिस मंसूरी (42), नवनीत शाह (18), लीलाबेन शाह (72), नरेंद्र शाह (51), अरविंद भावसार (72), ज्योंति सिंघी (55), मनुभाई रामी (82) और भाविन शाह (51)।

हादसे के बाद मरीजों को नजदीक के एसवीपी अस्पताल में शिफ्ट किया गया।

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