492 साल बाद राम काज पूरा LIVE:होइहि सोइ जो राम रचि राखा, मोदी ने 31 साल पुरानी 9 शिलाओं से राम मंदिर का भूमि पूजन किया; सिर्फ 32 सेकंड का मुहूर्त था
आजादी के बाद मोदी इकलौते ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने इस पद पर रहते हुए रामलला के दर्शन किए। उनसे पहले इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी और खुद नरेंद्र मोदी बतौर प्रधानमंत्री अयोध्या पहुंचे, लेकिन रामलला के दर्शन नहीं कर पाए थे।
आज राम काज का दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में 12 बजकर 44 मिनट पर राम मंदिर की नींव रखी। सिर्फ 32 सेकंड का शुभ मुहूर्त था। इससे पहले 31 साल पुरानी 9 शिलाओं का पूजन किया गया। चांदी की ईंटों को भी पूजा गया। अयोध्या पहुंचने पर मोदी सबसे पहले हनुमान गढ़ी पहुंचे। इसके बाद रामलला के दर्शन किए। वे रामलला के दर्शन और हनुमान गढ़ी जाने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं।
अयोध्या से शिलान्यास कार्यक्रम लाइव…
इकबाल अंसारी को भेजा गया था पहला निमंत्रण
मोदी, जिनकी पार्टी भाजपा ने 10 में से 8 लोकसभा चुनाव में राम मंदिर निर्माण का वादा दोहराया था। शिलान्यास कार्यक्रम में सबसे खूबसूरत बात यह रही कि इसका सबसे पहला न्योता उन इकबाल अंसारी को भेजा गया, जो बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे थे।
492 साल पहले बाबर के कहने पर अयोध्या में विवादित ढांचा बना था। 1885 में पहली बार यह मामला अदालत में गया। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने रामलला के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके ठीक नौ महीने बाद अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमिपूजन होने जा रहा है।
#WATCH live: PM Narendra Modi in Ayodhya for #RamTemple foundation stone laying ceremony. https://t.co/yo5LpodbSz
— ANI (@ANI) August 5, 2020
मोदी पहले प्रधानमंत्री, जिन्होंने रामलला के दर्शन किए
आजादी के बाद मोदी इकलौते ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने इस पद पर रहते हुए रामलला के दर्शन किए। उनसे पहले इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी और खुद नरेंद्र मोदी बतौर प्रधानमंत्री अयोध्या पहुंचे, लेकिन रामलला के दर्शन नहीं कर पाए थे।
मोदी 29 साल बाद अयोध्या में
इससे पहले मोदी 1991 में अयोध्या गए थे। तब भाजपा अध्यक्ष रहे मुरली मनोहर जोशी तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे और यात्रा में मोदी उनके साथ रहते थे। मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त फैजाबाद-अंबेडकर नगर में एक रैली को संबोधित किया था, लेकिन अयोध्या नहीं गए थे।
अयोध्या को खास तरीके से सजाया गया
मंच पर सिर्फ 5 लोग
श्रीराम जन्मभूमि परिसर में भूमिपूजन के लिए एक मंच बनाया गया है। इस पर प्रधानमंत्री मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास मौजूद हैं।
इनके अलावा, बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी, समाजसेवी और पद्मश्री मोहम्मद शरीफ, कोठारी बंधु की बहन पूर्णिमा कोठारी भूमि पूजन में शामिल हुए हैं।
175 मेहमानों में 135 संत, सभी को श्रीराम दरबार का रजत सिक्का दिया जाएगा
कोरोना की वजह से भूमि पूजन समारोह में सिर्फ 175 लोगों को आमंत्रित किया गया है। इनमें देश की कुल 36 आध्यात्मिक परंपराओं के 135 संत शामिल हैं। बाकी कारसेवकों के परिवार और अन्य लोगों को निमंत्रण दिया गया है। भूमि पूजन में शामिल होने वाले हर अतिथि को श्रीराम दरबार का रजत सिक्का दिया जाएगा। सिक्का मंदिर ट्रस्ट देगा।
आडवाणी, जोशी, राजनाथ कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए
- राम मंदिर आंदोलन से जुड़े भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी भूमि पूजन में शामिल नहीं हुए। वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। आडवाणी ने राम मंदिर आंदोलन की अगुआई की थी और रथ यात्रा निकाली थी। मुरली मनोहर और उमा भी इस आंदोलन के प्रमुख नेता थे।
- गृह मंत्री अमित शाह कोरोना पॉजिटिव हैं, इसलिए वे भी अयोध्या नहीं पहुंचे। उधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने अयोध्या आने का कार्यक्रम कोरोना के चलते रद्द कर दिया। जब बाबरी ढांचा गिराया गया था, तब कल्याण सिंह ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।
- योग गुरु बाबा रामदेव, रामभद्राचार्य, जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज, मथुरा से मूलक-पीठ के राजेंद्र देवाचार्य, कांची मठ के गोविंद देवा गिरि महाराज, रेवसा डौंडिया के राघवाचार्य, चिदानंद मुनि, सुधीर दहिया कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
अयोध्या को थाइलैंड से आए ऑर्किड और बेंगलुरु के अपराजिता फूलों से सजाया
अयोध्या को 400 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। थाईलैंड से ऑर्किड तो बेंगलुरु से अपराजिता के फूल मंगाए गए। वहीं, नारंगी और लाल रंग के डबल टोन्ड गेंदा के फूल कोलकाता से आए। भूमि पूजन स्थल और आसपास के मंदिरों को इनसे सजाया गया। इसके अलावा, साकेत पीजी कॉलेज से नया घाट तक 50 से ज्यादा स्थानों पर रंगोली बनाने में फूलों का इस्तेमाल किया गया।
दो करोड़ से ज्यादा लड्डू के पैकेट बांटे जाएंगे
भूमि पूजन के बाद प्रसाद के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के 1.11 लाख लड्डू बनाए गए हैं। इसके अलावा पटना के महावीर ट्रस्ट ने एक करोड़ रामलड्डू पैकेट बनवाए हैं। इनके अलावा, सांसद लल्लू सिंह ने साढ़े तीन लाख लड्डुओं के पैकेट बनवाए हैं।
दो हजार से ज्यादा स्थानों से मिट्टी और जल पहुंचा
भूमि पूजन के लिए देश के 2 हजार से ज्यादा प्रमुख तीर्थस्थलों, राष्ट्रीय महत्व के स्थानों और पवित्र नदियों से पवित्र मिट्टी और जल अयोध्या पहुंचा। बद्रीनाथ धाम, छत्रपति शिवाजी महाराज के किले रायगढ़, श्री रंगनाथ स्वामी मन्दिर तमिलनाडु, श्री महाकालेश्वर मंदिर, हुतात्मा चंद्रशेखर आजाद और बलिदानी बिरसा मुंडा की जन्मभूमि सहित सभी तीर्थों और बलिदानी वीरों के प्रेरणा स्थलों से मिट्टी, जल और अन्य वस्तुएं अयोध्या पहुंचाई गईं। इसके अलावा करीब एक क्विंटल चांदी की ईंटें भी राम मंदिर की नींव में इस्तेमाल करने के लिए दान दी गई हैं।
अयोध्या में स्नाइपर्स की तैनाती
अयोध्या में स्नाइपर्स तैनात किए गए हैं। तीन सुरक्षा घेरे में 3500 पुलिसकर्मी, 40 कंपनी पीएसी, 10 कंपनी सीआरपीएफ लगाई गई है। कोरोना संक्रमण के चलते सुरक्षा व्यवस्था में 45 साल से कम उम्र के सुरक्षाकर्मी ही तैनात किए गए हैं। शहर की सीमाएं सील कर दी गई हैं।