जहरीली शराब मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और हमलावर विपक्ष के साथ-साथ कैप्टन सरकार को अपने ही पार्टी नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। जहरीली शराब मामले में तस्करों के साथ कांग्रेसी विधायकों की तस्वीरें व वीडियो आने के बाद सोमवार को कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शमशेर सिंह दूलो व प्रताप सिंह बाजवा गवर्नर वीपी सिंह बदनौर से मिले।
उन्होंने आबकारी व गृह मंत्रालय सीएम के पास होने का हवाला देते हुए मामले की सीबीआई से निष्पक्ष जांच करवाने को कहा। उन्होंने कहा, पहली अवैध शराब फैक्टरी खन्ना में दूसरी राजपुरा में और तीसरी घन्नौर में पकड़ी गई। जबकि घन्नौर और राजपुरा सीएम के गृह जिले में आते हैं। यह उनकी पत्नी का संसदीय क्षेत्र भी है। वहीं बटाला से पूर्व विधायक अश्वनी सेखड़ी ने बटाला में जहरीली शराब से मरने वाले 13 लोगों की मौत का जिम्मेदार कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा को ठहराते हुए सीएम से मंत्री पर भी कार्रवाई करने और इस्तीफा देने को कहा।
जवाब में बाजवा ने कहा, मामला सीएम के ध्यान में है, यह समय सियासत का नही। वहीं खडूर साहिब से विधायक रमनजीत सिंह सिक्की भी अपने पीए जर्मनजीत सिंह के कारण विवादों में हैं। जर्मन के खिलाफ पीड़ित परिवारों ने शराब सप्लाई व जान को खतरे की शिकायत दी है। उधर पुलिस ने सूबे में सोमवार को भी छापेमारी की। लुधियाना से एक पेंट कारोबारी राजेश जोशी समेत अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर में भारी मात्रा में अवैध शराब समेत कुल 31 लोगों को गिरफ्तार किया।
- पंजाब में अवैध व जहरीली शराब से मौत के मामले में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह विपक्ष के संग ‘अपनों’ के निशाने पर भी हैं। कांग्रेस के दो राज्यसभा सदस्य और एक पूर्व विधायक ने कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस सबके बीच राज्य के छह से ज्यादा मंत्री अब मुख्यमंत्री के बचाव में उतर आए हैं।
- कैप्टन का पक्ष लेते हुए कैबिनेट मंत्री सुंदर श्याम अरोड़ा ने कहा कि यह समय राजनीतिक रोटियां सेंकने का नहीं है, बल्कि सभी पार्टियों को एक मंच पर इकट्ठा होकर संयुक्त प्रयास करने का है। आपदा के समय केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल द्वारा कांग्रेस विधायकों को बचाने का आरोप दुर्भाग्यपूर्ण है।
- वहीं, खेल व युवक सेवाएं मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने कहा कि यह आरोप ‘सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली’ कहावत की तरह हैं। अकालियों के शासन में 2012 और 2016 में गुरदासपुर व बटाला में ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं। बटाला घटना में न तो कोई एफआईआर दर्ज हुई थी और न ही आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई हुई।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तो आबकारी एवं कराधान विभाग और पुलिस के 13 अधिकारियों को निलंबित कर चुके हैैं। वहीं सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री अरूणा चौधरी ने कहा कि पंजाब पुलिस पूरे मामले को हल करने में सक्षम है। मुख्यमंत्री ने अपराधियों को कानून के घेरे में लाने का आदेश दिया है। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और मंत्री भारत भूषण आशू ने भी मुख्यमंत्री का बचाव करते हुए विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
दूलों व बाजवा ने कहा- कैप्टन से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं, सीबीआई करे जांच
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे और मौजूदा राज्यसभा सदस्यों प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलों ने जहरीली शराब के मामले में अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर से मुलाकात कर उन्होंने कहा कि यह बड़ा मामला है और इसकी सीबीआई जांच करवाई जाए।
बाजवा और दूलों ने चार पन्नों का संयुक्त पत्र राज्यपाल को सौंपकर कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के जिले और उनकी पत्नी के संसदीय क्षेत्र में ही अवैध शराब की फैक्ट्रियां चल रही हैं। वह कई बार यह मामला उठा चुके हैं। मुख्यमंत्री को इस बारे में लिख भी चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। कोरोना के कारण लॉकडाउन में भारी मात्रा में अवैध शराब बिकी। जिससे सरकारी खजाने को 2700 करोड़ रुपए का चूना लगा। अब उसी माफिया के लालच ने 100 से ज्यादा लोगों की जान ले है।
दोनों ने आरोप लगाए कि मुख्यमंत्री को अवैध कारोबार के बारे में पूरी जानकारी है। इसलिए उनसे इस केस में निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती। अवैध कारोबार का सच सामने लाने के लिए सीबीआई और ईडी से मामले की जांच करवाई जाए। बता दें कि पंजाब सरकार ने जालंधर के डिविजनल कमिश्नर राज कमल चौधरी को मामले की न्यायिक जांच करने को कहा है।
तरनतारन में 11 और अमृतसर में दो नई मौतें
तरनतारन में सोमवार को 11 और अमृतसर में दो और मौतें जहरीली शराब से हुईं। कुल मिलाकर मृतकों का आंकड़ा 110 हो गया है। सोमवार को तरनतारन में ही मौतों का आंकड़ा बढ़कर 83 जबकि अमृतसर के जंडियाला गुरु में 14 तक पहुंच गया। अमृतसर में मरने वालों की पहचान कारज सिंह उर्फ कारी (60) निवासी मोहल्ला शेखुपुरा व हरजिंदर सिंह निवासी वैरोवाल रोड जंडियाला गुरु के रूप में हुई है। अभी 9 लोगों की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है।
छापेमारी जारी… 54 पर केस, अवैध शराब बरामद
सूबे में लुधियाना के पेंट कारोबारी समेत कुल 31 लोग गिरफ्तार किए गए। अमृतसर में 54 के खिलाफ केस दर्ज कर इनमें से 20 को गिरफ्तार किया। तरनतारन में 10 लोगों को गैर इरादतन हत्या के 3 मामलों में गिरफ्तार किया गया। वहीं, बड़ी मात्रा में अवैध शराब बरामद की गई।
- नेताओं और तस्करों में साठगांठ फिर चर्चा में
अंडरग्राउंड हुए मास्टरमाइंड रछपाल के कांग्रेसी विधायक गिल के साथ फोटो
तरनतारन में जहरीली शराब सप्लाई करने का मास्टरमाइंड रछपाल सिंह बीते शुक्रवार से ही अंडरग्राउंड है। ढोटियां गांव में उसकी आलीशान कोठी का गेट बंद है। पट्टी के विधायक हरमिंदर सिंह गिल के साथ उसे पिछले दो-तीन बरसों में कई बार देखा गया। रछपाल के गिल के साथ अलग-अलग समय की तस्वीरें सामने आने के बाद नेताओं की शराब तस्करों से मिलीभगत एक बार फिर चर्चा में है।
हालांकि विधायक गिल ने उससे किसी तरह का संपर्क होने से इनकार किया है। ढोटियां गांव में रछपाल सिंह और उसके भाई गुरपाल का इतना दबदबा है कि गांव के अलावा आसपास के इलाके के लोग भी उनके खिलाफ बोलने से डरते हैं। कुछ ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रछपाल का परिवार अपने दबदबे से कई परिवारों के वोट अपनी पसंद की पार्टी को डलवाता रहा है।
पिछले तीन बरसों में ही रछपाल और गुरपाल की 4 कोठियां हो गई हैं जिनमें 2 अगल-बगल में बनी है। रछपाल के 3 ट्रक अमृतसर की एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में चलते हैं। तीन साल में ही करोड़पति बने रछपाल ने 3 कोठियों समेत सड़क पर 100 फीट तक नजर रखने के लिए सीसी कैमरे लगवा रखे थे।
14 साल पहले अवैध शराब के साथ पकड़ा गया था गुरपाल
रछपाल का छोटा भाई गुरपाल 14 साल पहले अवैध शराब व पोस्त के साथ पकड़ा गया था। बीती 9 जुलाई को गुरपाल 4 हजार लीटर कैमिकल और स्प्रिट के साथ फिल्लौर में पकड़ा गया था। रछपाल पर 18 साल पहले वर्ष 2002 में पहला केस हुआ था। आज की तारीख में उस पर कुल 17 केस दर्ज हैं।
चुनाव में कई लोग फोटो खिंचवा लेते हैं, रछपाल ने भी करवा ली होगी
चुनाव में कई लोग नेताओं के साथ फोटो करवा लेते हैं। रछपाल ने भी फोटो खिंचवा ली होगी। रछपाल सिंह न तो कांग्रेस पार्टी से जुड़ा है और न ही उसके पास कोई ओहदा है। -हरमिंदर सिंह गिल, विधायक, पट्टी