अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव समय पर होंगे:व्हाइट हाउस ने कहा- 3 नवंबर को ही होंगे चुनाव, लेकिन मेल-इन बैलेट से 100% वोटिंग हुई तो एक जनवरी तक नतीजे दे पाना मुश्किल
ट्रम्प ने भी पहले मेल-इन-वोटिंग को लेकर चिंता जाहिर की थी, कहा था- ये चुनाव इतिहास के सबसे फर्जी चुनाव साबित होंगे व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प की मेल इन बैलेट को लेकर चिंता जायज
व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज ने सोमवार को कहा कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव समय पर ही होंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव 3 नवंबर को ही होंगे और इसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की जीत होगी। पर उन्होंने ये भी कहा कि मेल-इन बैलेट से 100 फीसदी वोटिंग होती है, तो नतीजे समय पर नहीं आ सकेंगे।
इससे पहले ट्रम्प ने चुनाव टलने के संकेत दिए थे। ट्रम्प ने मेल-इन बैलेट को लेकर चिंता जाहिर की थी और कहा था कि ये चुनाव इतिहास के सबसे फर्जी चुनाव होंगे और अमेरिका के लिए बड़ी शर्मिंदगी भी। हालांकि, बाद में उन्होंने इससे इनकार भी कर दिया था।
ट्रम्प की चिंता जायज : मीडोज
मीडोज ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में ट्रम्प द्वारा उठाए गए मेल-इन बैलेट मुद्दे पर भी पर बात की। उन्होंने कहा कि ट्रम्प ने सिर्फ मेल-इन बैलेट पर अपनी चिंता सबके सामने रखी थी। उनका भी यही मानना है कि देश में चुनाव समय पर होने चाहिए।
मीडोज ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प का मेल इन बैलेट को लेकर चिंता करना जायज है। अगर हम 100% वोटिंग इसके जरिए कराएंगे तो वोटिंग के नतीजे आने में वक्त लगेगा। मैं तो कहता हूं कि हम 1 जनवरी तक नतीजे का ऐलान नहीं कर पाएंगे। मीडोज से पहले प्रेसिडेंशियल कैंपेन के एडवाइजर जेसन मिलर ने रविवार को कहा था कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव तय समय पर ही होंगे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी यही चाहते हैं।
ट्रम्प ने दिया था राष्ट्रपति चुनाव टालने का सुझाव
ट्रम्प ने बीते गुरुवार को राष्ट्रपति चुनाव टालने का सुझाव दिया था। उन्होंने चुनावों में मेल-इन बैलेट से वोटिंग में गड़बड़ी की आशंका जताई थी। इसके बाद से ट्रम्प की आलोचना शुरू हो गई थी। विपक्षी पार्टी डेमोक्रेटिक के साथ उनकी अपनी ही पार्टी के कई नेताओं ने इसका विरोध किया था। इसके बाद ट्रम्प ने अपना बचाव करते हुए कहा था कि वे चुनाव टालना नहीं चाहते हैं, लेकिन फर्जी वोटों से बचना चाहते हैं।
ट्रम्प के पास चुनाव टालने का अधिकार नहीं
अमेरिका के संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति चुनाव की तारीख बदलने का अधिकार राष्ट्रपति के पास नहीं है। इसके लिए ट्रम्प को संसद के दोनों सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव और सीनेट से बिल मंजूर कराना होगा। सीनेट में तो ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है, लेकिन निचले सदन में डेमोक्रेटिक पार्टी का बहुमत है। अगर ट्रम्प दोनों सदनों से बिल पास करा भी लेते हैं तो भी वे ज्यादा समय तक चुनाव नहीं टाल पाएंगे। अमेरिका के संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति चुनाव 20 जनवरी तक हर हाल में कराने होंगे।
तीन नवंबर को हैं राष्ट्रपति चुनाव
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 3 नवंबर को होने हैं। रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प तो डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन उम्मीदवार हैं। दोनों पार्टियों के प्राइमरी चुनाव खत्म हो चुके हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी का नेशनल कन्वेंशन भी हो चुका है। इसमें बिडेन के नाम पर मुहर लगी है। 24 अगस्त को रिपब्लिकन पार्टी का नेशनल कन्वेंशन होना है। इसमें ट्रम्प को आधिकारिक रूप से उम्मीदवार घोषित किया जाएगा।