नई दिल्ली. कांग्रेस (Congress) के राज्यसभा सदस्यों की बैठक में अपनी टिप्पणियों के लिए पार्टी नेताओं की आलोचनाओं का सामना कर रहे पार्टी नेता राजीव सातव (Rajeev Satav) ने शनिवार को शेरो-शायरी के जरिए हमला किया. सातव ने ट्वीट कर अपने ‘सब्र के इम्तिहान’ की बात कही. उन्होंने लिखा ‘हमें तो देखना है, तू ज़ालिम कहां तक है’. साथ ही सातवा ने कहा कि पार्टी में ‘आत्मनिरीक्षण की बहस’ में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) का नाम खींचने की ‘दुर्भावनापूर्ण कोशिशें’ निंदनीय हैं.
कांग्रेस सांसद राजीव सातव (Rajeev Satav) ने ट्वीट किया, ‘मत पूछ मेरे सब्र की इन्तेहा कहां तक है, तू सितम कर ले, तेरी ताक़त जहां तक है, व़फा की उम्मीद जिन्हें होगी, उन्हें होगी, हमें तो देखना है, तू ज़ालिम कहां तक है.’ बता दें कि सातव ने पार्टी के राज्यसभा सदस्यों की बैठक में संप्रग सरकार के दौरान पार्टी के शासनकाल पर आत्मनिरीक्षण करने की बात कही थी जिसके बाद वह वरिष्ठ नेताओं के निशाने पर आ गए. इसके बाद महाराष्ट्र से आने वाले राज्यसभा सदस्य ने कहा कि उन्होंने कभी मनमोहन सिंह की नेतृत्व क्षमता पर सवाल नहीं उठाया.
मनमोहन सिंह का नाम खींचना दुर्भावनापूर्ण
मत पूछ मेरे सब्र की इन्तेहा कहाँ तक है
तु सितम कर ले, तेरी ताक़त जहाँ तक है,
व़फा की उम्मीद जिन्हें होगी, उन्हें होगी
हमें तो देखना है, तू ज़ालिम कहाँ तक है।— Rajeev Satav (@SATAVRAJEEV) August 1, 2020
कांग्रेस के गुजरात मामलों के प्रभारी सातव ने कहा कि सिंह ने एक आधुनिक भारत के निर्माण में बहुत बड़ा योगदान दिया है और हमेशा उच्च सम्मान के अधिकारी रहेंगे. उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी टिप्पणियों पर या अन्य सम्मानित सहयोगियों के बयानों पर पार्टी के आंतरिक मंचों पर ही बात करुंगा.’ सातव ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ राज्यसभा सदस्यों की बैठक को अत्यंत सकारात्मक बताया.
मनीष तिवारी ने सातवा पर साधा था निशाना
गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने राजीव सातव द्वारा आत्मनिरीक्षण की बात कहे जाने पर ट्विटर पर लिखा, ‘बीजेपी 2004 से 2014 तक 10 साल सत्ता से बाहर रही. लेकिन उन्होंने उस समय की हालत के लिए कभी अटल बिहारी वाजपेयी या उनकी सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया.’ तिवारी ने कहा, ‘कांग्रेस में दुर्भाग्य से कुछ दिग्भ्रमित लोग एनडीए और बीजेपी से लड़ने के बजाय डॉ मनमोहन सिंह नीत संप्रग सरकार पर छींटाकशी कर रहे हैं. जब एकता की जरूरत है, वे विभाजन कर रहे हैं.’